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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Sunday, May 26, 2013

ह्यां ! बथावदि कि क्वा क्रिकेट टीम जीतलि ?




  गढ़वाली हास्य -व्यंग्य 
 सौज सौज मा मजाक मसखरी 
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ    
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं  

                         ह्यां ! बथावदि कि क्वा क्रिकेट टीम जीतलि ?

                            चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )

अचकाल मेखुण आइपीएल क्रिकेट मैच दिखण जरूरी बि ह्वे गे अर औसंद को काम बि ह्वे गे।
नितरसि  मि ऑफिस मा इ छौ कि म्यार गाँ बिटेन सूना बोडिक फोन आयि," हे भीषम ! त्वै क्या लगणु च राजस्थान रॉयल जीतलि कि मुंबई इन्डियन जीतलि?"
मीन जबाब दे, "  सुनील गावास्करौ बुलण च बल हालांकि राजस्थान रॉयल मैच जितणि च तो राजस्थान रॉयल को जितणो  अवसर बि कम नीन  पण मुंबई इंडियन का बैट्समैन टी ट्वेंटी का बेहतरीन बैट्समैन छन जन कि दिनेश कार्तिक की फौर्म , रोहित शर्मा का दमदार शॉट, पोलार्ड की धमाकेदार बैटिंग अर फ़िर मुंबई इंडियन की बौलिंग लाइन तो द्याखो मिसेल जॉनसन  की बम्ब बरखांदी बौलिंग, लसित मलिंगा की अणदिखिं -अणसमझीं यौर्कर, हरभजन लळचांदि पण रिंगदी -घुमदी स्पिन ... से लगद बल मुंबई इन्डियन मैदान मारि ल्योलु। पण महान ओपनर सुनील गावास्करन आखिरैं बोलि बि दे कि यु त टी ट्वेंटी को खेल च इखमा पल माँ माशा अर पल भर मा तोला ह्वे जांदो। तो मेरि बि समझ मा नि आयि कि गावास्कर को हिसाब से क्वा टीम मैच जीतलि। "
 सूना बोडिक गुस्सा माँ क्या बडो क्रोध मा जबाब छौ," अरे खाडुंदक !  इथगा पढि लेखि बि तु निर्बुद्धू हि रै गे। सुनील गावास्कर की बात तो मि हर समय टीवी पर सुणणु अर वैक हाव भाव तो दिखणु ही रौंद। सुनील गावास्कर अर शरद पवार बीच (फेसं ) वळि ही बात करदन। गावास्कर की बात गोळ -माळ की होंदन। गावास्कर की मुंजमुंजी बातों  से म्यार क्वी फैदा हूण वाळ नी  च। मि तैं इन राय चयाणि च जो एकदम सच ह्वे जावो। ह्याँ तीमा क्वी इन इन्नर सोर्स नी च जो बिलकुल बथै द्यायो कि मुंबई इंडियन जीतलि कि राजस्थान रॉयल जीतलु?"
मीन ब्वाल," हर्षा भोगले बुलण च बल .."
सूना बोडिन गुस्सा मा बोलि," त्यार भरवस रौल त मि मंगत्या ह्वे जौल। फोकट मा फोन पर म्यार पैसा बरबाद ह्वैन। उख दिल्ली मा जगदीश कक्या ससुर जी से पुछदु कि नक्की कु  जीतल?" अर सूना बोडिन फोन काटि दे।
सोना बोडिंन फोन काट कि सतुरि काकि फोन आइ। सतुरि काकि हमर परिवारौ ल्वारण छे। वीन बोलि," हे भीषम! आज पूना  टीम अर कोलकत्ता टीमौ मैच च . त्यार हिसाब से कु जीतल?"
मीन जबाब दे,"काकि ! कपिल  को हिसाब से त कोलकत्ता टीम तै जितण हि चयेंद।"
सतुरि काकिन डांट फटकार लगाइ," त्वी बि ना! अरे ! कपिल देव क्या बुलद मि नि जाणदो क्या? कपिल देव त बुलद बल पूना को अच्छा खेलना चाहिए और कोलकत्ता को  से जोश से खेलना चाहिए।मि तै इन बथादी कि नक्कि क्वा टीम जीतल? अर सूण क्या नारैन चार विकेट ले ल्यालो ?"
मीन बोलि," चेतन शर्माक  बुलण च बल नारेन चार विकेट जरूर ल्यालो।"
  सतुरि काकिन आग बरसाइ ," शरम नि आन्दि जु तू  हिंदी   कमेंटेटर पर विश्वास करिद हैं?" अर सतुरि काकिन बि गुस्सा मा फोन काटि दे।
इथगा मा गाँ बिटेन माया काकाक फोन आयि," अरे भीषम ! त्यार !  दाउद इब्राहिमक  क्वी ख़ास बुकी से पछ्याणक बि च?"
मीन पूछ," हैं ! काका क्या बुलणु छे ? म्यार अर दाउद इब्राहिम का  क्वी ख़ास बुकी से पछ्याणक?"
मया काकाको करारा जबाब छौ,' इखमा क्या च ? जब बड़ा बड़ा लोगुं दाउद इब्राहिम का   ख़ास बुकियों से बिजिनेस रिलेसन ह्वे सकदन त त्यार किलै नि ह्वै सकदन?"
मीन पूछ," पण काका! त्वै तै दाउद इब्राहिमक  क्वी ख़ास बुकी से क्या काम ?"
माया काकान खुलासा कार,' अरे हम  लोग जु देसि शराब बणान्दा छया ऊँन अचकाल दगड़म  नै धंधा शुरू कौर अर बेटिंग सिंडिकेट बणै  आल। अर गाँ गाँ मा अपण लोगुं सुविधा बान सट्टाबजार खोलि आलिन।"
मीन खौंळेक बोलि," क्या कच्ची शराब   बणाण वाळुन गाँ गाँ मा सट्टा बजार खोलि आल?"
माया काक- हाँ यार भीषम ! लोग बाग़ तीन पत्ति से जुवा खिलण से ऊब गे छ्या। तीन पत्ती जुवा मा उ रोमाच अर साहसिक मजा नी च जो रोमाच,  क्या ह्वालु की गहमागहमी, रिजल्ट माँ ऊँच - नीच या परिवर्तन हूणो भौत सा अवसर हुण से लोग इख बि सट्टा खिलणा छन।"  
मि - ह्याँ पर उख गाँ मा सट्टा क्याँ पर खिले जांद? 
 माया काका -उख्मा क्या च? फलण स्कुलो मास्टरजी मंगऴबार  कुण स्कूल आल कि बुद्धबारौ कुण स्कूलम खुट धारल, या फलणौ गौड़ी या भैंसी ये मैना बियालि या दुसर मैना बियालि या कोटद्वार -ऋषिकेश की गाड़ी बारा बजि से   पैलि पौंछलि या एक बजी पौंछलि। 
मि-अरे वाह ! सट्टा लगाणो कुण अभिनव तरीका अपनाये जाणा छन।
माया काका -हाँ। जन कि ये आम पर कब बौंर आल कि ना?
मि-तो फिर समस्या क्या च जु त्वै तैं दाउद इब्राहिम का बुकियूँ जरूरत क्या पड़णि च?
माया काका -अरे यार , जरा कबि  कबि झगड़ा ह्वे जांद।
मि-झगड़ा ?
माया काका -हाँ भै, जन कि मास्टर पर जैन बुधबार आणो सट्टा लगायुं ह्वावो अर मास्टर मंगळबारो स्कूल ऐ जावो त सट्टा हारण वाळ मास्टर तैं पीटी दींदु अर इनि कथगा दें मार पीट ह्वे जान्दि।  
मि-अच्छा !
माया काका -हाँ!  अर पटवरी जीन हम सौब तैं बिठेक समझाइ कि दाउद  इब्राहिम को सट्टाबजारों  गैंग मा भर्ती होण मा फैदा या च कि गौं माँ आपस माँ झगड़ा -रगड़ा बि रुकि जालो अर दाउद  इब्राहिम का  एजेंटो  दगड़ रैक हम लोग अन्तराष्ट्रीय स्तर का भौं भौं किस्मौ सट्टा लगै सकदवाँ अर यांसे हमर गाँ आधुनिक हूणो  दौड़ माँ बि अगनै रालु।       
मि-क्या सोच च भै?
 माया काका -अच्छा सूण तीन नि बथाई कि तेरो दाऊद इब्राहिमो सट्टा एजेंटो द्गड़ पछ्याणक छ कि ना?
मि- ना ये काका! मि जाणदो बि नि छौं कि सट्टा या बेटिंग क्या होंद
माया काकन गुस्सा ह्वैक ब्वाल - अरे चालीस साल मुंबई मा रैक तीन बेटिंग या सट्टा नि सीख  त तीन क्या सीख? मै लग़णु भैजिन त्वै  तै बेकार ही पढाई!
अर माया काकन फोन काटि दे। 


Copyright @ Bhishma Kukreti  22/05/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )
--
 
 
 
 
Regards
Bhishma  Kukreti

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