अरुणा राय ने छोड़ा राष्ट्रीय सलाहकार परिषद
नई दिल्ली. 29 मई 2013.
सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) से इस्तीफा दे दिया है. राय महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत न्यूनतम मजदूरी के बारे में परिषद की सलाह न माने जाने से नाराज़ थीं इसीलिए उन्होंने अपना कार्यकाल नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है.
अरुणा ऱॉय ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस बाबत पत्र लिख कर आग्रह किया था कि उन्हें एनएसी में एक और कार्यकाल देने पर विचार नहीं किया जाना चाहिए जिसे उनके द्वारा मान लिया गया. अरुणा राय का मौजूदा कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है.
सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में रॉय ने मनरेगा के बारे में लिखा है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने मनरेगा कामगारों को न्यूनतम मजदूरी भुगतान करने की एनएसी की अनुशंसा खारिज कर दी और साथ ही कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश का खिलाफ अपील करने का फैसला लिया जिसके अनुसार मनरेगा कामगारों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाना चाहिए.
अरुणा ने यह भी कहा है कि बेशक मनरेगा ग्रामीण गरीबों के जीवन स्तर में सुधार लाने में योगदान दिया है, लेकिन इसका सही क्रियान्वय अब भी एक चुनौती बना हुआ है. इसके अलावा उन्होंने विश्वास दिलाया है कि वे बाहर रह कर भी एनएसी के सामाजिक क्षेत्रों के अभियानों को अपना समर्थन देंगी.
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