गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
"देख तमाशा आइपीएल का" सीरियलौ हजार एपिसोड
चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
ब्याळि टीवी सीरियलूँ एकमेव राणि कविता कपूर तैं मिलणों वींक ऑफिस ग्यों।
मि - कविता कपूर जी ! आपन बुलाइ?
कविता कपूर -उ क्या च! मि इन्डियन प्रीमियर लीग पर आधारित हजार एपिसोडौ सीरियल बणाणु छौं
मि -हजार एपिसोड?
कविता कपूर -हाँ! उन त टीवी चैनेल त द्वी हजार एपिसोड की बात करणा छा।
मि -पण इथगा एपिसोडों कुण कथा?
कविता कपूर -कनो म्यार सीरीयलों मा क्वी कथा हूंदि बि च ? इख त आईपीएल तो कथाओं महासागर च।
मि -हां पण ..
कविता कपूर -आईपीएल की शुरुवात से लेकि अज्युं तलक हजारों रोमांचकारी कथा भरीं छन
मि -पण एक आधार बि ...
कविता कपूर -हाँ यो तो माणिल्या कि जन महाभारत का लाख डेढ़ लाख श्लोकों मा हजारों रोमांचक कथा छन ऊनि आईपीएल मा बि असलियतवादी कथा छुपीं छन .
मि -हाँ पण अमूनन .हॆरोइज्म अर विलियनिज्म ..
कविता कपूर -देखो! आईपीएल मा जु बि पैल हीरो या नायक की भूमिका निभांदो वो अंत मा खलनायक घोषित ह्वे जांदो अब चाहे ललित मोदी ह्वावो, डालमिया ह्वावो, श्रीनिवासन ह्वावो, गुरुनाथ मयप्पन ह्वावो यूंक कथाओं मा हीरो से खलनायक बणणो पूरा तत्व छन अर कथा को जाळ बटणो पूरा अवसर छन।
मि -हां बेइमानी, बदजात, बदमाशी,बदखोरी, बड़बोलापन,बेरहमी से शत्रु विणास, बहसीपन, बेलगाम अंदाज मा एक हैंको शाशन उजाड़ण ,बदला, बदचलनी, बदमस्ती, बदनीयती, बददियानती,बदगुमानी,बदकारी,बदगोई,बदसूरत काम ,बनावटी हंसी अर बनावटी रुण, बहकाना, बंदी (कैदी ) -बंदवान (जेलर ), चोरी कौरिक विदेश भागण जब सब कुछ च।
कविता कपूर - श्रृंगार रस का वास्ता आईपीएल कथा मा चीयर गर्ल्स छन , ऊंका जंघड़ छन , फिर बुक्की या सटोरियों द्वारा बिगडैल खिलाडियो , शातिर अधिकार्युं कुण लड़की पौंछाण, मैच का बाद आमोद प्रमोद का इंतजाम, स्यूं कपड़ो मा कैबरे से लेकि पूरा नंगा कैबरे सब कुछ च आईपीएल की कथा मा
मि -हाँ अब पता चौल कि आप किलै सीरियल क्वीन छंवाँ
कविता कपूर - अर वीर रस का वास्ता तो भौत सा विषय छन
मि -जन कि?
कविता कपूर -जन कि कैं तरां से एक धनी मनिख क्रिकेट क्लब को सदस्य बणदो अर फिर कैं तिकड़म से बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल को सदस्य अर अधिकारी बणद या भूतपूर्व क्रिकेट खिलाड़ी कौं नौटंकी से क्रिकेट पर झपटा मारदन, कन मैच फ़िक्षिंग केस मा पकड़े जाणों बाद खिलाड़ी कोर्ट से छुटदन आदि सब वीर रसपूर्ण कथा छन। फिर कन आईपीएल फ्रैंचाइजी गलत तरां से, बेईमानी से निवेश करदन अर फिर कै तरां से नियमों से वीरतापूर्वक बचदन। यूँ सब कथाओं मा रोमांच , साहस, दुस्साहस , सहनशक्ति ओज,ऊर्जा, चपलता जन भाव छन जो वीर रस लाणों बान कामयाब नुक्सा छन
मि -हाँ मानण पोड़ल कि आईपीएल मा वीर रस की कमी नी च
कविता कपूर -फिर करुण रस का वास्ता श्रीसंत को रुण , चीयर गर्ल्स को दोहन जन भौत सि बात छन जो हम अपण सोप ओपेरा मा डाळि द्योला। फिर हर एपिसोड मा खेलो मा ठगी से परेसान, हतप्रभ जनता का आंसू बि दिखौला
मि -हाँ अर आश्चर्य रस का वास्ता?
कविता कपूर -इखमा क्या च ? मैच फिक्सिंग , स्पॉट फिक्सिंग , क्रिकेट अधिकार्युं द्वारा एक हैंकाक पीठ पर छुर्रा आदि मा आश्चर्य दिखाए जालो
मि - हास्य रस का वास्ता ?
कविता कपूर -उन बी असलियत माँ नेताओं अर क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का बयानों मा हंसी बी च , बचकानापन तो यांसे हंसी पैदा करे जालो
मि -क्रोध को क्या ह्वालो?
कविता कपूर - एक उदाहरण च -क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का एक सदस्य जब दुसरो पीठ पर छुर्रा भोंकल तो अफिक क्रोध रस उत्पति होलि। फिर कै ना कै तरां से आम जनता को क्रोध बि बथौला
मि -हाँ। अर घृणा
कविता कपूर -हरेक एपिसोड मा अंत मा जनता कुकर्मी क्रिकेट अधिकारी, लालची क्रिकेटर तैं जुत्यालि, बदमाश क्रिकेट अधिकारीको मुख काळु कारलि अर वूं पर गू-मूत लपोड़लि
मि -अरे वाह नया तरीका !
कविता कपूर -अच्छा तो तू काम शुरू कौर ..
मि -जी ! मी भोळ बिटेन ये पर काम शुरू करुल
कविता कपूर -ठीक च
अर मि आज बिटेन आईपीएल सीरियलों बान पटकथा लिखणो तयारी मा लगि ग्यों जैं कथा मा धंधक,धांधली , धंधारी (कन्फ्यूजन ), धकध्याट, धकमधक्का,धकारा (डर ), धचका, धड़का, नियमुं तै धत्ता, धन्नासेठों कुकर्म, धमाचौकड़ी , धमजगर , धमारिया (झगड़ा ), धम्माल, अधर्म , धर्महीनता , धर्षण (आक्रमण ), धींगड़ी ( बदमाशी )धुंधकार , धुधुकार , धुकड-पुकड, धोका, धोकाधड़ी, धौंताल (चपल ), ध्वंस , ध्वंसकला , ध्वंसी सब कुछ च
Copyright @ Bhishma Kukreti 29/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
--
Regards
Bhishma Kukreti
Bhishma Kukreti
No comments:
Post a Comment