Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, June 13, 2013

सत्तादल के वर्चस्व को कायम रखने के लिए जो हिंसा का उत्सव मनाया जा रहा है, उसकी आड़ में जंगल महल में कुछ भी कर गुजर सकते हैं माओवादी!

कोयला माफिया और तस्करों के साथ माओवादियों के गहरे ताल्लुकात!खानों से विस्फोटक चुराकर माओवादियों ने छत्तीसगढ़ से लेकर बंगाल और बिहार तक को बारुदी सुरंग पर सहेज दिया!  


सत्तादल के वर्चस्व को कायम रखने के लिए जो हिंसा का उत्सव मनाया जा रहा है, उसकी आड़ में जंगल महल में कुछ भी कर गुजर सकते हैं माओवादी!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


कोयलांचल में माओवादियों के गढ़ पर राज्य सरकारों और केंद्र कि निगरानी में नाकामी की वजह से जमुई में दिनदहाड़े माओवादियों ने हमला कर दिया। बर्नपुर में माकपा विधायक दिलीप सरकरा की हत्या के बाद भी प्रशासन इस मामले को राजनीतिक वजह से महिलाघटित बताती रही । जबकि जंगल महल में माओवादी सक्रियता की खुफिया रपट की पुष्टि ओड़ीशा के रास्त आये माओवादियों के बारे में राज्य सरकार की रपट से हो चुकी है। जमुई की ताजा वारदात से साफ जाहिर है कि माओवादी रणनीति उनकी गतिविधियों का केंद्र छत्तीसगढ़ से हटाने पर है। जमुई की ताजा वारदात से साफ जाहिर है कि बिहार, बंगाल और छत्तीसगढ़ माओवादियों के निशाने पर हैं।बंगाल में पंचायत चुनाव का अगला चरण अब जंगल महल में शुरु होने वाला है,जहां माओवादियों ने वोट बायकाट की अपील की है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम माओवादियों की हिटलिस्ट पर सबसे टाप पर है।माओवादी हमले में सुकमा जंगल में महेंद्र कर्म और पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण सुक्ल समेत छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पूरे नेतृत्व कीहत्या की वारदात के बाद भी जंगल महल में अमन चैन का राग अलापते हुए खतरे को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। कोयला माफिया और तस्करों के साथ माओवादियों के गहरे ताल्लुकात की वजह से खानों से विस्फोटक चुराकर माओवादियों ने छत्तीसगढ़ से लेकर बंगाल और बिहार तक को बारुदी सुरंग पर सहेज दिया है।नक्सल प्रभावित गिरिडीह जिले से गिरफ्तार किये गये एक नक्सली ने खुलासा किया कि माओवादी जबरन वसूले गए धन का निवेश गैर कानूनी कोयला खनन और सूद पर धन देने के कारोबार में कर रहे हैं।सीसीएल प्रबंधन व कोयला कार्य से जुड़ी दूसरी निजी कंपनियां माओवादियों, अन्य नक्सली संगठनों को प्रतिदिन 50 लाख रुपए से ज्यादा की लेवी देती हैं।


पिछले 27 मार्च को झारखंड में पुलिस और नक्सली मुठभेड में कई नक्सली मारे गए थे। इस घटना के विरोध में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की दो दिनी आहूत बंदी के पहले दिन वेस्ट बोकारो व इसके आस पास के इलाकों में व्यापक असर देखा गया। सीसीएल हजारीबाग प्रक्षेत्र के केदला, झारखंड़, परेज, बसंतपुर , तापिन में कोयला ढुलाई पूरी तरह से बंद हो गयी।


सलवा जुड़ुम वाली छत्तीसगढ़ सरकार से लेकर झारखंड और बिहार की सरकारें इस चुनौती का मुकाबला नहीं कर पायी तो बंगाल तो इसे गंभीरता से ले ही नहीं रही है। सत्तादल के वर्चस्व को कायम रखने के लिए जो हिंसा का उत्सव मनाया जा रहा है, उसकी आड़ में जंगल महल में कुछ भी कर गुजर सकते हैं।



नक्‍सलि‍यों ने गुरुवार को दो हमले कर छह लोगों की जान ले ली। बि‍हार में एक बार फि‍र से सुरक्षा व्‍यवस्‍था को धता बताते हुए जमुई से लखीसराय के बीच धनबाद-पटना इंटरसि‍टी एक्‍सप्रेस पर हमला कि‍या। यह ट्रेन धनबाद से पटना जा रही थी। स्‍थानीय मीडि‍या के मुताबि‍क हमले में ट्रेन के ड्राइवर समेत पश्‍चि‍म बंगाल के रहने वाले दो यात्रि‍यों की मौत हो गई जबकि आरपीएफ के एक जवान सहि‍त पांच यात्री गंभीर रूप से घायल हैं। दूसरा हमला महाराष्‍ट्र के गढ़चिरौली में हुआ, जहां पुलिस पार्टी पर हमला कर नक्‍सलियों ने तीन लोगों की जान ले ली।बिहार के जमुई में धनबाद-पटना इंटरसिटी पर करीब 200 नक्सलियों ने हमला कर दिया है। दोपहर करीब एक बजे पटना से 150 किलोमटीर दूर जमुई के कुंधर हॉल्ट पर नक्सलियों ने ट्रेन को दिनदहाड़े घेर लिया और अंधाधुंध फायरिंग की। बताया जा रहा है कि एक जवान और 2 यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि गार्ड्स व ड्राइवर समेत 20 लोग घायल हुए हैं। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। रेलवे के सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों ने ट्रेन में मौजूद आरपीएफ जवानों के हथियार छीन लिए और यात्रियों से लूटपाट की। नक्सली अब घटनास्थल से जा चुके हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि आरपीएफ के 4 जवानों को अपने साथ ले गए। इस हमले के बाद केंद्र सरकार ने आपात बैठक बुलाई है।


बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र का तखता पलटने के लिए तीसरे मोर्चा बनाने के अभियान पर हैं और केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इस नाजुक वक्त पर कोई समन्वय है ही नहीं।अबतक मुख्यमंत्री ने पंचायत चुनावों से केंद्रीय वाहिनी के लिए कोई अनुरोध नहीं किया है, इससे साफ जाहिर है कि मुख्यमंत्री किसी भी चुनौती से निपटने में केंद्र की मदद लेनेको तैयार नहीं हैं।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 16 अक्टूबर 2011 को माओवादियों को हथियार डालने के लिए सात दिन का समय देते हुए कहा कि हिंसा को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।लेकिन इसके बाद वे चुपचाप बैठ गयी।तब ममता ने कहा कि वे (माओवादी) किसी वाद का अनुसरण नहीं कर रहे, उनका कोई आदर्श नहीं है। वे सब सुपारी किलर, जंगल माफिया हैं। हम वार्ता जारी रखेंगे, लेकिन आपको (उग्रवादियों को) हथियार सौंपना होगा।


बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए सुरक्षा इंतजाम को लेकर राज्य सरकार और चुनाव आयोगग के बीच अदालती रस्साकसी के बीच दो चरणों की चुनाव प्रक्रिया पूरो होने को है और अब जाकर मुख्यमंत्री केंद्र को नये सिरे से केंद्रीय वाहिनी के लिए पत्र लिखेंगी तो केंद्र वाहिनी भेजने पर विचार करेगा। ऐसी विस्फोटक हालात मै सत्तादल का निर्विरोध विजय अभियान भले जारी   है, दूसरे चरण तक दस हजार निर्विरोध तृणमूली जीत का भी इंतजाम हो गया है, पर राज्य में तेजी से कानून व्यवस्था के हालात बिगड़ रहे हैं। क्राइम ब्यूरो की ताजा रपट में बंगाल बलात्कार और अपराधों के मामले में अव्वल नंबर पर है। जमीनी हकीकत के मुताबिक कोयलांचल दोनों मामलों में अव्वल नंबर पर है  और जंगल महल तो कानून व व्यवस्था के दायरे में हैं ही नहीं।


बहरहाल सरकार ने माओवादी चुनौती से निपटने के लिए सीआरपीएफ और नौ नक्सल प्रभावित राज्यों के लिए कुल 2079 करोड़ रुपए के नए कोष को मंजूरी दी है। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अपने मासिक संवाददाता सम्मेलन में आज कहा कि 2079 करोड़ रुपए में से 1981 करोड़ रुपए सीआरपीएफ के लिए स्वीकृत किए गए हैं ताकि देश में अग्रणी नक्सल विरोधी अभियान बल की क्षमताओं को बढ़ाया जा सके।शिंदे ने कहा कि उनके मंत्रालय ने सुरक्षा संबंधी खर्च (एसआरई) के तहत अग्रिम कोष के तौर पर नौ राज्यों को शेष 98.95 करोड़ रुपए जारी किए हैं।एसआरई कोष का उद्देश्य उग्रवाद से लडऩे में राज्य के सुरक्षा तंत्र को समुन्नत बनाना और आधुनिकीकरण करना है।


शिंदे ने कहा, ''सुरक्षा संबंधी खर्च (एसआरई) योजना के तहत 28 मई को अग्रिम के तौर पर 9885.46 लाख रूपये वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों आंध्र प्रदेश (992.61लाख), बिहार (1371.66 लाख), छत्तीसगढ़ (1398 लाख), झारखंड (2421.30 लाख) और मध्य प्रदेश को (55.75 लाख रुपए) जारी किए।''


लाभान्वित होने वाले अन्य राज्यों में महाराष्ट्र (738.51), ओडि़शा (1780.81 लाख), उत्तर प्रदेश (108.82 लाख) और पश्चिम बंगाल (1018.73 लाख रुपए) शामिल हैं।



No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...