फिर भी राज क्यों नहीं खोल रहे कुणाल घोष?
अब केंद्रीय जांच एजंसी के सामने सबूत पेश करने से उन्हें रोक कौन सकता है?
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
फिर भी राज क्यों नहीं खोल रहे कुणाल घोष?
अब केंद्रीय जांच एजंसी के सामने सबूत पेश करने से उन्हें रोक कौन सकता है?
शारदा फर्जीवाड़ा मामेले में फंसे तृणमुल कांग्रेस के बागी सांसद की कोलकाता के बाद दिल्ली में भी जमकर ग्रिलिंग हो रही है।जैसा कि घोष दावा कर रहे हैं कि उनके कंधे पर रखकर बंदूक चलायी गयी और खिलाड़ी वे नहीं,दूसरे हैं,अब केंद्रीय जांच एजंसी के सामने सबूत पेश करने से उन्हें रोक कौन सकता है? जाहिर सी बात है कि कुणाल के सबूत पेश करने से शारदा फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है,दोषी दागियों को कठघरे में खड़ा किया जा सकता है और निवेशकों को उनका पैसा लौटाने के लिए रिकवरी के रास्ते भी बन सकते हैं।कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने शारदा चिटफंड घोटाला की अपनी जांच के संबंध में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष को तलब किया है।असंतुष्ट तृणमूल कांग्रेस सांसद घोष को पार्टी ने पिछले माह निलंबित कर दिया था। बिधाननगर पुलिस इसी घोटाले के संबंध में पिछले एक माह में उन्हें छह बार तलब कर चुकी है।शारदा घोटाले में लाखों निवेशकों का पैसा डूब गया था और यह मामला अप्रैल में सामने आया था। इसके बाद समूह के अध्यक्ष सुदीप्तो सेन को दो अन्य लोगों के साथ जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग से गिरफ्तार किया गया था।
शह और मात का इंतजाम
लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है।चिटफंड विरोधी कानून बनाने और चिटफंड कारोबार पर रोक लगाने के केंद्र सरकार और केंद्रीय एजंसियों के लोकलुभावन दावों की तरह कुमाल घोष से दिल्ली में हो रही मैराथन जिरह भी एक खास किस्म का आईपीएल मैच फिक्सिंग है।नतीजे पहले से तय है। चिटफंड कारोबार न बंद होगा और न शारदा फर्जीवाड़ा के राज का खुलासा होगा,यह राजनीतिक समीकरण साधने का नया तरीका है।सीबीआई का इस्तेमाल नहीं होगा,पर राजधानी में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कुणाल घोष को पैदल चलाकर शह और मात का इंतजाम है।शारदा मीडिया ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे घोष ने इससे पूर्व धमकी दी थी कि यदि उन्हें गिरफ्तार किया गया तो वह बाकी लोगों के नामों का खुलासा कर देंगे। उन्होंने अपनी पार्टी द्वारा इसकी जांच की मांग करते हुए कहा था कि उन्हें नेतृत्व को काफी कुछ बताना है। सांसद को 28 सितंबर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया गया था। कुछ ही दिन पहले शारदा मीडिया समूह के एक वरिष्ठ कार्यकारी और घोष के करीबी राजदार सोमनाथ दत्ता को इसी मामले के संबंध में सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था।
आठ घंटे तक पूछताछ
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने गुरुवार को सारदा चिट फंड घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष से आठ घंटे तक पूछताछ की। घोष से अगले सप्ताह दोबारा पूछताछ किए जाने की संभावना है। घोष से शारदा समूह के चेयरमैन सेन के विदेशों में निवेश और फुटबॉल क्लबों से संबंधों के बारे में पूछा गया।इस सिलसिले में घोष ने कहा, ''मैंने अपनी ओर से सवालों का सही तरीके से जवाब देने का प्रयास किया। मैंने तथ्य बताए. मैं एसएफआईओ के साथ सहयोग कर रहा हूं।''
एसएफआईओ कार्यालय से बाहर आने के बाद घोष ने संवाददाताओं से कहा, ''मुझे लगता है कि सबसे पहले वे मुझसे मेरी स्थिति स्पष्ट करना चाहते थे। उसके बाद उन्होंने और सवाल किए। वे पता लगाना चाहते हैं कि पैसा कहां है।'' घोष से सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक पूछताछ की गई।
घोष से 21 अक्तूबर को दोबारा पूछताछ हो सकती है। सूत्रों ने कहा कि घोष ने अधिकारियों को बताया है कि वह कंपनी के सिर्फ एक कर्मचारी मात्र थे। यहां तक कि कर्मचारियों के वेतन के भुगतान के लिए उन्होंने अपना पैसा खर्च किया था।
समीकरण स्पष्ट
शारदा ग्रुप घोटाले में पुलिस ने कोलकाता में घोष से दफा दफा पूछताछ की है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेता उनके खिलाफ आधारहीन बातें फैला रहे हैं। बल्कि, गुप्त तौर पर उनमें से ही कुछ नेता कांग्रेस आलाकमान के संपर्क में है। घोष ने आरोप लगाया, 'कांग्रेस की ओर से आयोजित डिनर पार्टियों में वे लोग मौजूद थे। यह पूरी तरह से झूठ है कि मैंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है।' घोष ने धमकी दी है कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो वे संवाददाता सम्मेलन कर कई तथ्यों को उजागर कर देंगे।जाहिर है कि उनकी दिल्ली में जिरह के घनघोर राजनीतिक आयाम है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐसा ही इंगित किया है।कांग्रेस के संपर्क है सांसद घोष और दिल्ली में उनसे हो रही है पूछताछ।समीकरण स्पष्ट है।दिल्ली पहुंचने से पहले घोष ने बुधवार को कोलकाता में बताया, 'कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने शारदा घोटाले की जांच के संबंध में गुुरुवार को मुझे दिल्ली में उनके कार्यालय में आने को कहा है। मैं जाऊंगा और जांच के संबंध में उनके साथ सहयोग करूंगा।'
वह वीडियो मिल गया तो जिरह की कोई जरुरत नहीं
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व के एक धड़े की आलोचना करने के कारण हत्या की धमकी मिलने का दावा करते हुए सांसद कुणाल घोष ने कहा है कि उन्होंने अपने बयानों की वीडियो रिकार्डिंग एक दोस्त के पास सुरक्षित रखी है। घोष ने धमकी दी है कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो वह प्रेस कॉफ्रेंस कर कई तथ्यों को उजागर कर देंगे। अनुशासनहीनता के लिए पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस का सामना कर रहे तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि लोग असलियत जानें। कुछ तथ्यों का खुलासा करने के लिए मैं दिक्कतों में हूं। वह उस वीडियो से खुलासा होगा जिसे मैंने एक दोस्त के पास सुरक्षित रखा है।'
कोलकाता और दिल्ली की जांच टीमों को चाहिए सबसे पहले कुमाल घोष से उस वीडियो के बारे में पूछे।वह वीडियो मिल गया तो जिरह की कोई जरुरत नहीं होगी।
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