पूजा थीम के बाद तांत साड़ी भी डिजाइन करेंगी कलाकार मुख्यमंत्री
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
राजकाज में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सर्वेसर्वा हैं,यह तो दुनिया को मालूम हैं। लेकिन सरकारी कामकाज में जरुरत के मुताबिक लोगो,नक्शा और डिजाइन भी दीदी खुद तैयार कर रही है। इससे पहले दीदी चुनाव के खर्च अपने चित्रों की बिक्री से निकालने के लिए चर्चित रही हैं।राजकीय आयोजन के तहत पूजा थीम भी वे तैयार करती रही हैं। अभी काली पूजा के दौरान जिन इलाकों में जैसे उत्तर कोलकाता में दुर्गा पूजा का उद्घाटन नहीं कर सकी मुख्यमंत्री,उन सभी इलाकों में पूजा उद्बोधन में बिजी रहेंगी दीदी। इसके साथ ही राज्य में उद्योग और कारोबार का माहौल सुधारने के लिए दीदी उद्योगपतियों के विजया सम्मेलन तक सीमाबद्ध नही है। बिजी शिड्युल के बावजूद वे अपनी कला और दक्षता का इस्तेमाल भी खूब कर रही हैं। मसलन बंगाल में संकट में फंसे तांत उद्योग को उबारने के लिए दीदी अब तांत साड़ियों की डिजाइन खुद तैयार करेंगी।समझा जाता है कि इस तरह उनकी चित्रकारी और नक्शे की बदौलत उनकी लोकप्रियता की पांख पर सवार तांत साड़ियां बाजार में छा जायेंगी। जिससे तांती समुदाय के चेहरे खिल उठेंगे।
इस दिशा में अभूतपूर्व पहल करते हुए राज्य सरकार के अधीन सहकारी संस्था तंतुज के साड़ियों को प्रकृति की थीम से डिजाइन करेंगी दीदी। इस मामले में अभी पता नहीं चला है कि दीदी इन साड़ियों के लिए किन किन रंगों का इस्तेमाल करेंगी और कौन से रंग उनकी प्राकृतिक डिजाइन में नहीं होंगे।वैसे प्रकृति हरियाली का पर्याय है और समझा जाता है कि दीदी की साड़ी डिजाइन में हरे रंग का ही वर्चस्व होगा। वैसे भी बंगाल की कन्याएं सांवली सलोनी होती हैं और जाहिर है कि हरा भरा नक्शा की बदौलत तंतुजकी तांत की साड़िां उनपर खूब फबेंगी।
दार्जिलिंग और जंगल महल फतह करने के बाद नये राइटर्स में राजकाज की शुरुआत दीदी ने मं माटी मानुष के प्रति अपने गहरे लगाव को साबित करते हुए की। नवान्न में मुख्यमंत्री के दफ्तर में तलब हुए लघु उद्योग व तांत राज्य मंत्री व तंतुज के चेयरमैन स्वपन देवनाथ।वे पेश हुए तो दीदी ने खुद उनसे कहा कि अब वे खुद तंतुज के लिए साड़ी डिजाइन करेंगी।
गौरतलब है कि तंतुज जैसे लघु उद्योगों के तैयार माल की मार्केटिंग और ब्रांडिंग के लिए दीदी ने विश्व बांग्ला नामक विपणन संस्था भी शुरु कर दी है।इस संस्था का लोगो भी दीदी ने ही तैयार किया हुआ है।
वैसे वाम जमाने में तंतुज की हालत मृतप्रा हो गयी थी। दीदी के परिवर्तन राज में पहले ही साल दुर्गोत्सव के दौरान छह करोड़ का कारोबार किया तंतुज ने। इस साल कारोबार बारह करोड़ हो गया। समझा जाता है कि दीदी की डिजाइन पाकर तंतुज और दूसरी सरकारी सहकारी संस्थाओं का कारोबार दीदी के लाजवाब जनाधार से बढ़ता ही चला जायेगा।
No comments:
Post a Comment