Sunday, 10 March 2013 11:53 |
तवलीन सिंह कांग्रेस के कार्यकर्ता जब 'हाईकमान' की बात करते हैं तो उस हाईकमान में वे न प्रधानमंत्री को गिनते हैं और न ही अन्य वरिष्ठ नेताओं को। उनके लिए 'हाईकमान' में सिर्फ सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी हैं तो इसको कैसे बदलेंगे युवराज साहब? उन्होंने स्वीकार तो किया है कि यह परंपरा शुरू उनकी दादीजी ने की थी, जब उन्हें बगावत के आसार दिखे पार्टी के आम सदस्यों में। कांग्रेस पर काबू रखने के लिए इंदिरा जी ने क्या नहीं किया? तोड़ डाला पार्टी को और उन लोगों को निकाल फेंका जो बगावती किस्म के थे, जो उनका कहना नहीं मानते थे और जिनके सोच-विचार अलग थे। जब राहुल जी के पिता प्रधानमंत्री बने वे इतने लोकप्रिय थे कि कोई भी परिवर्तन ला सकते थे कांग्रेसी परंपराओं में। चमचों को बाहर फेंक कर नए सिरे से संगठन का निर्माण कर सकते थे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। जब 21 मई, 1991 को श्रीपेरुंबुदुर की उस आम सभा में उनकी हत्या की गई, कांग्रेस का यह हाल बन गया था कि पूर्व मंत्री, मुख्यमंत्रियों ने तय किया कि उनकी जगह सिर्फ उनकी पत्नी ले सकती हैं, बावजूद इसके कि सोनिया जी ने राजनीति में कभी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी तब तक, बावजूद इसके कि वे एक भी भारतीय भाषा नहीं बोल सकती थीं उस समय। कहने का मतलब मेरा यह है कि कांग्रेस पार्टी एक राजनीतिक दल न रह कर गांधी परिवार की निजी कंपनी बन गई थी और आज भी है। संगठन में सारी कमजोरियां आई हैं इस कारण। इसे अगर बदलना चाहते हैं राहुल जी, तो उनका तहेदिल से समर्थन करती हूं मैं। सवाल सिर्फ यह है कि राजनीति में एक दशक गुजारने के बाद वे सिर्फ बातें ही क्यों कर रहे हैं। http://www.jansatta.com/index.php/component/content/article/40531-2013-03-10-06-27-22 |
This Blog is all about Black Untouchables,Indigenous, Aboriginal People worldwide, Refugees, Persecuted nationalities, Minorities and golbal RESISTANCE. The style is autobiographical full of Experiences with Academic Indepth Investigation. It is all against Brahminical Zionist White Postmodern Galaxy MANUSMRITI APARTEID order, ILLUMINITY worldwide and HEGEMONIES Worldwide to ensure LIBERATION of our Peoeple Enslaved and Persecuted, Displaced and Kiled.
Sunday, March 10, 2013
सिर्फ बातों से क्या होगा
सिर्फ बातों से क्या होगा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment