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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, May 2, 2013

‘जनचेतना’ ने सामाजिक कामों को बनाया व्यवसाय

'जनचेतना' ने सामाजिक कामों को बनाया व्यवसाय


लखनऊ में बुद्धिजीवियों-कार्यकर्ताओं ने किया प्रस्ताव, शशिप्रकाश-कात्यायिनी को बताया मुख्य मुनाफाखोर

जनचेतना की इन कुत्सित, मुनाफा केंद्रित और बाजारू गतिविधियों के लिए वक्ताओं ने मुख्य तौर पर शशि प्रकाश, कात्यायनी, राम बाबू और सत्यम को जिम्मेदार ठहराया... 


सामाजिक कामों का दावा करने वाली संस्था 'जनचेतना' के खिलाफ सामाजिक संघर्षों में सक्रिय नागरिकों की गम्भीर शिकायतों पर लखनऊ में अप्रैल के तीसरे सप्ताह में एक सभा और जनसुनवाई आयोजित की गयी. लखनऊ से भेजी गयी प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि इस सभा में 'जनचेतना' और इससे जुड़ी संस्थाओं द्वारा उत्पीड़न के शिकार कई नागरिकों ने प्रमाण सहित अपनी व्यथा रखी.

shalini
शालिनी : इलाज में लापरवाही का आरोप

जनचेतना की इन कुत्सित, मुनाफा केंद्रित और बाजारू गतिविधियों के लिए वक्ताओं ने मुख्य तौर पर शशि प्रकाश, कात्यायनी, राम बाबू और सत्यम को जिम्मेदार ठहराया. यह भी तथ्य सामने आया कि ये लोग जन चेतना, राहुल फाउण्डेशन, तथा कई अन्य नामों से ट्रस्ट एवं सोसाइटी चलाते हैं. इन पर नागरिकों के मकानों पर अवैध कब्जा करने, लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाने, सामाजिक कामों में लगे लोगों की एकता तोड़ने और सामाजिक कामों को व्यवसाय बना देने के बारे में लोगों ने बाते कहीं.

सभा में उपस्थित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नागरिकों की इन बातों को बहुत गम्भीरता से लिया. इन कार्यकर्ताओं ने अपनी बातों में कहा कि इनके गलत कामों से सामाजिक कार्यो में लगे सभी लोगों की छवि को नुकसान पहुंचा है और समाज में उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्न पैदा हो रहा है. 

वक्ताओं ने कहा कि यह प्रवृत्ति सामाजिक कार्यो के लिये बेहद नुकसानदेह है और इससे समाज विरोधी शक्तियों को ताकत मिल रही है. अगर यह काम शहीद भगत सिंह, शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी, प्रेमचन्द्र, गोर्की, टाल्सटाय, बालजाक, राहुल सांकृत्यायन, निराला आदि के नाम पर किया जा रहा है, तो और भी खतरनाक मामला है. मानव जाति के इन महान नामों के नाम पर गलत काम करना एक समाज-विरोधी कार्य है. हम इसका पुरजोर विरोध करते है.

सभा ने आम सहमति से निम्नलिखित निंदा प्रस्ताव पारित किया...

  • उक्त लोगों ने आम नागरिकों के खिलाफ जो पुलिस केस और मुकदमें कर रखे है, उन्हे वापस लें.
  • दिवंगत शालिनी, जो इनकी संस्था में काम करती थी, जिनकी समय पर इलाज न होने के कारण असामयिक मृत्यु हो गयी, उनका पिछले दो वर्षो का मेडिकल रिपोर्ट उनके माता-पिता को उपलब्ध कराये.
  • सुश्री अंजुलिका, सुश्री मधुलिका (डी-68, निराजा नगर, लखनऊ), सुश्री अर्चना सुश्री अंजना (515/69, बाबा का पुरवा, पेपर मिल रोड, लखनऊ), सुश्री अंजू (69ए, बाबा का पुरवा, पेपर मिल रोड लखनऊ), सुश्री प्रीति (69बी, बाबा का पुरवा, पेपर मिल रोड, लखनऊ) के मकानों पर से ये अपना अवैध कब्जा तुरन्त हटाये, और इससे सम्बन्धित मुकदमों को वापस लें.
  • इनके विश्वासघात से दिवंगत कमला पाण्डे, दिवंगत बी0डी0 सक्सेना, दिवंगत शालिनी, दिवंगत विश्वनाथ मिश्र को जो तकलीफ पहुंची है, उसके लिये सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे.
  • दिवंगत शालिनी के नाम से जारी तथा अन्य द्वारा लिखित वसीयतनामा, इनकी बेहद संवेदनहीन एवं अमानवीय कुकृत्य है. यह एक समर्पित कार्यकर्ता के मृत्यु पर की जाने वाली कुटिल राजनीति है, और सभी संवेदनशील नागरिकों का अपमान है. इसके लिए ये सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे.

हम लखनऊ नगर के सामाजिक कार्यकर्ता इस बात से परिचित हैं कि ये गलतियां करने वाले लोग उच्च शिक्षा प्राप्त है और वे आसानी से अपनी कमजोरियों को समझ कर उसे सुधार सकते हैं. हम उनसे आग्रह करते हैं कि वे खुद की गलतियों को सुधारने के लिये खुले मन से आगे बढ़ेंगे और समाज के सामने एक अच्छी मिसाल कायम करेंगे. यह सब हम सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं के व्यापक उद्देश्यों के हित में होगा.

निंदा प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रमुख रूप से सत्येन्द्र कुमार, मृदुल कुमार सिंह, बीएस कटियार, अरूणा सिंह, विनोद कुमार उपाध्याय, नवीन सिंह, राम अवतार सिंह खंगार, पुरूषोत्तम शुक्ल, मनोज जोशी, केके शुक्ल, अनमोल, आदियोग, संगीता शर्मा, अंशुमाली शर्मा, राम किशोर, शिवानी, एके सक्सेना, अर्चना सक्सेना, प्रीति सिंह, अंजू खरे, मो अजीज, विमलेश कुमार शुक्ल, देवी दत्त पाण्डे, मो मसूद, मो मशहूद, समृद्धि, शिव कुमारी, शैब्या शुक्ला, राजीव कुमार पाण्डे, रितेश, राजकुमार दीक्षित, डीएस रावल, संजय शर्मा, उर्वशी शर्मा, लता राय, महेश देवा, श्वेता, होमेन्द्र कुमार मिश्रा, ओपी सिन्हा,डॉ डीबी लाल, ताहिरा हसन, एएच परवेज, एसएस वर्मा, राम कृष्ण, डॉ नरेश कुमार, केएन शुक्ला, सीएम शुक्ला, केएच सिद्दीकी, श्याम अंकुरम, कौशल किशोर, बह्म्र नारायण गौड़ शामिल थे.

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