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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, June 13, 2013

ममता माओवादियों की पसंद

ममता माओवादियों की पसंद

माओवादियों की ओर से कहा गया है कि सरकार के साथ बातचीत में वे रेलमंत्री ममता बनर्जी को मध्यस्थ के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार है. माना जा रहा है कि माओवादी नेता किशनजी ने यह बात कही है.

आजाद की हत्या की गई: ममता

मंगलवार को किशनजी ने संघर्षविराम के लिए एक नया फॉर्मूला पेश किया. पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषणों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने माओवादियों से हिंसा त्यागने की अपील की. वह हिंसा के पक्षधर नहीं हैं, लेकिन सरकार उन्हें हथियार उठाने के लिए मजबूर कर रही है. जब उनके साथी आजाद बातचीत की तैयारी कर रहे थे, तो घात लगाकर उनकी हत्या कर दी गई. लेकिन अब प्रधानमंत्री के दफ्तर से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि ममता बनर्जी से मध्यस्था के लिए कहा गया है. किशनजी ने कहा कि अगर वह राजी होती हैं, तो उन्हें इस पर कोई एतराज नहीं होगा.

पश्चिम बंगाल के लालगढ़ में अपने भाषण में ममता बनर्जी ने माओवादियों के प्रवक्ता चेरकुरी राजकुमार उर्फ़ आजाद की मौत को हत्या बताया था. इस हत्या पर सवालिया निशान उठाते हुए उन्होंने माओवादियों से मेलमिलाप का संकेत पेश किया था. उन्होंने कहा था कि जिस तरीके से आजाद की हत्या की गई, वह गलत था. सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश व अन्य मध्यस्थों ने आजाद को शांति वार्ता के लिए मनाया था. लेकिन वार्ता शुरू होने से पहले ही उनकी हत्या कर दी गई. ममता ने अपनी रैली में मारे गए माओवादी नेता को श्रद्धांजलि दी थी.

स्वामी अग्निवेश का कहना है कि माओवादियों के साथ बातचीत तभी संभव होगी, अगर सरकार आजाद की हत्या की न्यायिक जांच का आदेश दे. उन्होंने कहा कि आजाद की मौत के बाद उन्होंने गृहमंत्री चिदंबरम से बात की थी, लेकिन उन्होंने न्यायिक जांच से इनकार कर दिया था. इसके बदले प्रधानमंत्री ने सहानुभूति दिखाई और वादा किया कि कोई न कोई रास्ता निकाला जाएगा.

रिपोर्ट: पीटीआई/उभ

संपादन: ए कुमार

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  • तारीख 18.08.2010

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