विमुक्त जाति के 147 परिवारों की जमीन को रौंद कर मोदी रैली की तैयारी
मोदी की कानपुर रैली पर फिर विवादों का साया
लखनऊ। कानपुर में 19 अक्टूबर, 2013, को कल्याणपुर में इंद्रा नगर स्थित बुद्ध पार्क के सामने वाले मैदान पर भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावित रैली से विवाद समाप्त होने का नाम नहीं ले रहे हैं। आरोप है कि समाज कल्याण अधिकारी ने बिना 127 परिवारों से पूछे उनकी जमीन पर किसी और को कार्यक्रम करने की इजाजत दे दी। इसके उपरांत सलीना देवी की अपनी जमीन को जोतने के लिए आए ट्रैक्टर को स्थानीय भाजपा नेताओं ने रुकवा दिया।
प्राप्त सूचना के अनुसार प्रशासन ने इसे खाली मैदान माना है जबकि यह जमीन राजकीय उन्नयन बस्ती के रूप में भांतु व हबूड़ा विमुक्त जातियों से जुड़े 127 परिवारों को 1972 में समाज कल्याण विभाग द्वारा कृषि के माध्यम से अपने पालन पोषण हेतु दी गई थी। हबूड़ा समुदाय की सलीना देवी और उनकी मां नारायण देई ने अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, को एक लिखित शिकायत में बताया है कि अंग्रेजों ने 1872 के करीब उनके समुदाय को अपराधी जनजाति घोषित कर दिया था। सलीना देवी के बाबा गोविंदा को यहां बसाया गया था। उसके पिता की मृत्यु के बाद एक एकड़ का खेत संख्या क्रम 47 उसकी मां के नाम हो गया जिस पर वह आज मां के साथ रहती है और खेती करती है। उसके पास समाज कल्याण को दिए गए जमीन के लगान की रसीदें भी हैं।
सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के राज्य अध्यक्ष गिरीश पाण्डेय, राष्ट्रीय महामंत्री ओंकार सिंह,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद शोएब और संदीप पाण्डेय ने बताया कि 5 अक्टूबर, 2013 को भाजपा के आवेदन पर विद्युत विभाग, समाज कल्याण विभाग, पुलिस विभाग, तहसीलदार सदर ने एक ही दिन में विमुक्त जातियों को पुनर्स्थापित की गई जमीन पर रैली कराने की अनुमति दे दी। जिला समाज कल्याण अधिकारी के अनुसार जमीन खाली पड़ी है एवं कुछ घंटों की रैली के लिए देने में उनको कोई आपत्ति नहीं है। यानी समाज कल्याण अधिकारी ने बिना 127 परिवारों से पूछे उनकी जमीन पर किसी और को कार्यक्रम करने की इजाजत दे दी। इसके उपरांत सलीना देवी की अपनी जमीन को जोतने के लिए आए ट्रैक्टर को स्थानीय भाजपा नेताओं ने रुकवा दिया। 9 अक्टूबर को भाजपा नेताओं प्रेमलता कटियार, रघुनंदन भदौरिया, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, सत्यदेव पचैरी, नीरज चतुर्वेदी, राकेश सोनकर,श्याम बिहारी मिश्र, भोले सिंह, आदि ने जबरदस्ती सलीना देवी के खेत में घुस कर धमकी देते हुए अपने साथ लाए मजदूरों से भूमि पर लगे पौधे उखड़वा कर जमीन साफ करा कर भूमि पूजन भी करा लिया। सलीना देवी विरोध करती रहीं लेकिन उनकी वहां उपस्थित पुलिस ने भी नहीं सुनी।
समाजवादी नेताओं का आरोप है कि सलीना देवी की शिकायतों पर जिलाधिकारी समीर वर्मा और उपजिलाधिकारी अविनाश सिंह ने भी कोई गौर नहीं किया।
प्रशासन द्वारा विमुक्त जाति के हितों को नजरअंदाज किए जाने पर अपनी घोर आपत्ति व्यक्त करते हुए समाजवादी नेताओं ने प्रशासन से मांग की है कि भाजपा की इस मैदान पर रैली की अनुमति को रद्द करे।
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