जनता के प्रति जवाबदेही नहीं जिनकी
जिनपर नहीं कोई संसदीय अंकुश
So,as it is well depicted in Biometric Digital AAdhar corporate ethnic cleansing!
নিলামির আগেই
শেয়ার স্পেক্ট্রম
वे हरगिज नहीं करते संविधान की परवाह
वे हरगिज नहीं करते सुप्रीम कोर्ट का
फैसला,न होती उनकी अवमानना
अब अगर जिगर है सीने में,तो साथ आओ
यह संविधान भी हमीं को लागू करना है
यह कानून का राज भी लागू करना है
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करे हमीं
बेहद जरुरी है कि हर गांव को संप्रभु
संसद बना दें हम नियमागिरि की
Government disobeying Supreme Court's order on 12 digit biometric UID/aadhaar number
लाखो मुंबईकरांचे पाणी दूषित
पलाश विश्वासAt a meeting last Thursday, the Telecom Commission accepted the recommendations made by the Telecom Regulatory Authority of India.
RBI move fuels rally on Dalal Street; ICICI Bank, SBI up over 2%
बुरबकै हैं हम सबै
जो न समझै खैल
ऐसी मची कैसी
देखो,पेलमपैल
माझा सर्वनाशसाठी
बरोबर बंदोबस्त
आम्हीं जाणतो नको
आधार कार्डबाबत दिलेल्या आपल्या आदेशात सर्वोच्च न्यायालयाने बदल करावा, या मागणीकरिता तीनही प्रमुख पेट्रोलियम कंपन्यांनी याचिका दाखल केली आहे.
आधार कार्ड नाही म्हणून कोणत्याही व्यक्तीला शासकीय योजनांपासून वंचित ठेवले जाऊ शकत नाही, असा सर्वोच्च न्यायालयाने आदेश दिला होता. सर्वोच्च न्यायालयाने आपल्या आदेशात बदल करण्याची मागणी करणार्या याचिकेवर विनाविलंब सुनावणी व्हावी म्हणून आयओसीएल, बीपीसीएल आणि एचपीसीएल या सरकारी पेट्रोलियम कंपन्या सोमवारी सरन्यायाधीश पी. सदाशिवम आणि न्या. रंजन गोगोई यांच्या पीठाला विनंती करणार आहेत. पेट्रोलियम व नैसर्गिक वायू मंत्रालयाच्या अशाच प्रकारच्या याचिकेवरील सुनावणी ८ ऑक्टोबरला पीठाने निश्चित केली आहे.
अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल नागेश्वर राव हे पीठासमोर बाजू मांडतील, असे सरकारी कंपन्यांचे वकील खुशबू जैन यांनी सांगितले.
यापूर्वी मंत्रालयाने डीबीटीएल योजनेसंदर्भातील आदेशाबद्दल 'स्पष्टीकरण किंवा बदल' करण्याची मागणी केली होती. या योजनेनुसार केवळ आधार कार्डधारकांना लाभ दिला जाणार आहे.
সরাসরি নগদ ভর্তুকি পেতে আধার কার্ড বাধ্যতামূলক নয়৷ সুপ্রিম কোর্টের এই রায়ের বদল চেয়ে আইনের দ্বারস্থ হতে চলেছে তিনটি রাষ্ট্রায়ত্ত তেল বিপণনকারী সংস্থা৷ সোমবার সর্বোচ্চ আদালতে মুখ্য বিচারপতি পি সতশিবম এবং বিচারপতি রঞ্জন গগৈর বেঞ্চকে এ বিষয়ে জরুরি শুনানি শুরু করার আর্জি জানাবে ইন্ডিয়ান অয়েল, বিপিসিএল ও এইচপিসিএলের মতো সংস্থা৷ এ ছাড়া তেল ও পেট্রোলিয়াম মন্ত্রকও সংশ্লিষ্ট রায়ের বিরুদ্ধে শুনানি শুরু আর্জি জানিয়েছে৷ মঙ্গলবার সেই আর্জির উপর শুনানি দেবে বিচারপতিদের এই বেঞ্চ৷ রাষ্ট্রায়ত্ত তেল সংস্থাদের তরফে আইনজীবী খুশবু জৈন বলেছেন, সুপ্রিম কোর্টের এই রায় জনমানসে সংশয় সৃষ্টি করেছে৷ যারা আধার কার্ড করে ফেলেছেন তারা এখন সরাসরি নগদে ভর্তুকি বা ডিরেক্ট বেনিফিট ট্রান্সফার পাওয়া নিয়ে সন্দেহ প্রকাশ করছেন৷ ভর্তুকি যুক্ত সিলিন্ডার কিনতে ডিবিটি পাওয়া যাবে কিনা তা নিয়ে অনিশ্চয়তা সৃষ্টি হয়েছে৷ এই অসুবিধার কথা জানিয়েই ২৩ সেপ্টেম্বরের নির্দেশকে বদলানোর আর্জি জানাবেন অতিরিক্ত সলিসিটর জেনারেল নাগেশ্বর রাও৷
বর্তমানে দেশের ৫৪টি জেলায় ভর্তুকি যুক্ত রান্নার গ্যাসের জন্য সরাসরি নগদ বা ডিবিটি দেওয়া হচ্ছে৷ এই প্রকল্পকে আরও ২৩৫টি জেলায় সম্প্রসারিত করার ভাবনা রয়েছে সরকারের৷ কিন্ত্ত গত ২৩ সেপ্টেম্বর বিচারপতি বি এস চৌহানের নেতৃত্বাধীন বেঞ্চ বলেন, আধার কার্ড না পাওয়ার জন্য কোনও ব্যক্তি যেন সরকারের ভর্তুকি প্রকল্প থেকে বঞ্চিত না হন৷ আধার কার্ড দেওয়ার সময় সরকারের খেয়াল রাখা উচিত, আদৌ সেই ব্যক্তি এই পরিচয়পত্রের যোগ্য কিনা, এ দেশে অনুপ্রবেশকারী বেআইনি বাসিন্দা কিনা৷ কর্নাটক হাইকোর্টের প্রাক্তন বিচারপতি কে পুট্টাস্বামী আধার কার্ড ইস্যুর বিরোধিতা করে কেন্দ্র, যোজনা কমিশন এবং ইউনিক আইডেন্টিফিকেশন অথরিটি অফ ইন্ডিয়ার বিরুদ্ধে জনস্বার্থ মামলা করে৷ তারই পরিপ্রেক্ষিতে সুপ্রিম কোর্ট এই রায় দেয়৷ এই নির্দেশের বদলে চেয়ে দাখিল করা আবেদনে তেল ও পেট্রোলিয়াম মন্ত্রক বলেছে, ভর্তুকিহীন রান্নার গ্যাস কিনতে আধার কার্ডের প্রয়োজন নেই৷ তবে ভুর্তুকি যুক্ত রান্নার গ্যাস কিনতে আধার কার্ড লাগবেই৷ কেন্দ্রে অনুরোধ, সুপ্রিম কোর্ট তার নির্দেশ বদল করে বলুক, বাজারদরে রান্নার গ্যাস কিনতে কাউকে বাধা দেওয়া যাবে না, কিন্ত্ত ভর্তুকি যুক্ত সিলিন্ডারের কালো বাজারি ঠেকাতে এবং সরাসরি ভর্তুকি পেতে আধার কার্ড লাগবেই৷ মঙ্গলবার পেট্রোলিয়াম মন্ত্রকের এই আবেদন খতিয়ে দেখবেন সতশিবম-গগৈর বেঞ্চ৷
इतिमध्ये
उरणच्या ओएनजीसी प्लांटमध्ये अचानक वीजपुरवठा खंडित झाल्याने क्रूड ऑइल वाहून नेणार्या पाइपलाइनवर दबाव वाढल्याने बुधवारी रात्री गळती लागली. रात्रीपासून सुरू असलेल्या गळतीमुळे हजारो किलो लिटर्स क्रूड ऑइल नाल्यावाटे समुद्रात वाहून गेले.
2समुद्रात तेल मिसळल्याने नागाव, पीरवाडी, केगाव, करंजा परिसरात तेलतवंग पसरला आहे. वाहून गेलेले तेल जमा करण्याच्या कामाला सुरुवात करण्यात आली असली तरी त्यासाठी दोन दिवसांचा कालावधी लागण्याची शक्यता असल्याची माहिती उरण ओएनजीसी प्लांटचे मुख्य प्रबंधक पाठक यांनी दिली.
3या तेलगळतीमुळे वायू आणि जलप्रदूषणाची भीती व्यक्त केली जात असून, त्यामुळे परिसरातील स्थानिक मासेमारी व्यवसायावरही परिणाम होण्याची शक्यता निर्माण झाली आहे. या तेलगळतीमुळे सुमारे ५ किलो लिटर्स इतके तेल वाहून गेले आहे.
Telecom Commission gives in-principle approval to spectrum trading
এটাই হচ্ছে মহিষাসুর বধ পালা
স্পেক্ট্রামকেলেন্কারি কেস্সা
ওবিসি লালু পশুখাদ্য
হজম না করে জেলে
ছকবাজি কত হল
রাজার তিহাড়বাস
সীতার বনবাস
তারপর লন্কাকান্ড
সাতকাহন মীডিয়া রাডিয়া
আর আবার নিলাম স্পেক্ট্রম
কিন্তু নিলামির আগেই
শেয়ার স্পেক্ট্রম
समकालीन तीसरी दुनिया, अक्टूबर 2013 अंक अब हमारी वेब साइट पर उपलब्ध है:
इस अंक में
नरेन्द्र मोदी की रैली और
मीडिया को आईना दिखाती एक रिपोर्ट
मुजफ्फरनगरः दंगे की नींव पर 'राजनीति' के महल
अटल तिवारी
मोदी और उनकी राजनीति का विखंडन
अभिषेक श्रीवास्तव
मोदी का गुजरात विकास मॉडल
मुशर्रफ अली
एक संस्कृति का शोकगीत
आशीष नंदी
सामाजिक मनोविज्ञानी और बुद्धिजीवी आशीष नंदी का यह लेख 2002 में सेमीनार पत्रिका के 417वें अंक में छपा था। तब गुजरात दंगों के जख्म रिस ही रहे थे। सैकड़ों लोग मारे गए थे और हजारों राहत शिविरों में मवेशियों की तरह कैद जीने की जद्दोजेहद में भयावह स्मृतियों से जूझ रहे थे। नंदी 2002 के इस दंगे को भारत की राजनीति में निर्णायक मोड़ कह रहे थे और उन्होंने दसेक साल पहले लिए नरेंद्र मोदी के एक साक्षात्कार के आधार पर उन्हें तब 'टेक्स्टबुक केस ऑफ फासिज्म' करार दिया था। फासीवाद का यह क्लासिकीय चेहरा आज जब राष्ट्रीय फलक पर उभर चुका है और हर दूसरी खबर नरेंद्र मोदी से शुरू और उन्हीं पर खत्म होती है, नंदी के लेख को दोबारा पढ़ा जाना बेहद जरूरी है...
प्रो. साई बाबा पर पुलिस का कहर
हेम, राही, साई और ऑपरेशन ग्रीन हण्ट
सीमा आजाद
नेपाल: संविधान सभा के चुनाव की इतनी हड़बड़ी क्यों?
आनंद स्वरूप वर्मा
सीरियाः सत्ता, तेल और हिंसा
हरि रोका
हिरोशिमा त्रासदी से सीरिया तक
जॉन पिल्जर
युद्ध यानी बड़े बजट से संचालित आतंकवाद
लारेंस डेविडसन
सुनीला अब्येसेकेरा का न रहना
सुभाष गाताडे
फिलिस्तीनी कवि ताहा मुहम्मद अली और राहित जोशी की कविताएं और
मोजांबीक के कथाकार लुई बर्नादो हॉनवाना की कहानी
Government to issue detailed guidelines for sharing spectrum before auctions
The Telecom Commission has given its in-principle approval to sectoral regulator Trai's recommendation of allowingspectrum trading.
"The Telecom Commission (TC) has in-principle approved spectrum and has said that it should be incorporated in the final documents for the next round of auction. However, the commission has asked DoT to issue guidelines after comprehensive recommendations from Trai," an official source told PTI.
The TC, an inter-ministerial panel, met on Thursday. It had sought additional information and clarification on most of the key points recommended by Telecom Regulatory Authority of India for third round of auctions.
Spectrum trading is one of the few points on which the inter-ministerial panel has given its in-principle approval, the official said.
As per Trai recommendations, private entities should also allowed to sell spectrum which as of now is done by the government only.
The regulator had suggested that only those companies which participated in auction should be allowed to carry out spectrum trading.
Trai has recommended that "that only that spectrum should be allowed to be traded which has either been obtained through auction or on which the TSP (Telecom service provider) has paid the prescribed market value to the Government."
Trai will have to revert to DoT in 15 days on the clarifications sought. Clarifications provided by Trai will be placed before next meeting of TC scheduled for October 29.
The decision of TC will be then placed before Empowered Group of Ministers for final decisions related to third round of auction which is expected to be conducted by January.
जनता के प्रति जवाबदेही नहीं जिनकी
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दलित वोटों पर राहुल गांधी की नजर, कहा- कांग्रेस तैयार करेगी दलित नेताओं की फौज
आज तक | - 20 मिनट पहले |
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राहुल गांधी की नजर अब दलित वोटों पर है तभी तो दिल्ली में एक दिन मे ही दो दलित कार्यक्रमों में वो खूब बोले. दोनों में ही राहुल ने अपने दलित एजेंडे को साफ कर दिया कि कांग्रेस दलित नेताओं को तैयार करना चाहती है. राहुल ने शुरुआत एक सरकारी कार्यक्रम से की. जहां अनुसूचित जनजाति आयोग के कार्यक्रम में राहुल ने अपने एजेंडे पर ही बात की. राहुल ने मायावती को भी नहीं बख्शा. साफ कहा कि मायावती वोट तो लेती है लेकिन दलित नेताओं को आगे नहीं बढ़ने देती. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, पहले बाबा साहेब अंबेडकर ने लोगों को आरक्षण दिया और आगे बढ़ाया फिर कांशीराम ने भी दलित वेलोसिटी ...
US Shutdown 2nd Week The US seems to be headed towards default, with the fast approaching deadline of debt ceiling increasing, as the govt shutdown entered week 2
अमेरिका में सरकार का कामकाज ठप पड़ने (शटडाउन) की स्थिति दूसरे सप्ताह भी जारी है तथा देश के ऋण भुगतान से चूकने का खतरा उत्पन्न हो गया है, क्योंकि ऋण सीमा बढ़ाने की आखिरी समयसीमा 17 अक्टूबर काफी नजदीक आ चुकी है।
गत रात ऐसा प्रतीत हुआ कि व्हाइट हाउस और कांग्रेस में डेमोक्रेटिक पार्टी नेतूत्व रिपब्लिकन पार्टी को इस बात के लिए तैयार करने के प्रयास में था कि वह एक हजार अरब डॉलर ऋण सीमा को लंबे समय के लिए बढ़ाने पर सहमत हो जाए। यद्यपि ऐसा लगता है कि रिपब्लिकन पार्टी ऐसा बिना शर्त करने का तैयार नहीं है।
टेक्सास से रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर एवं सीनेट इंडिया कॉकस के सह अध्यक्ष जॉन कोरिन ने कहा, हम राष्ट्रपति को बिना शर्त ऋण सीमा बढ़ोतरी प्रदान नहीं करेंगे, क्योंकि यह देश के लिए तबाही का कारण होगा। इस सब के बावजूद सरकारी कामकाज ठप पड़ने की स्थिति दूसरे सप्ताह भी जारी है। यद्यपि पेंटागन ने अपने अधिकतर कर्मचारियों को काम पर वापस बुला लिया है लेकिन हजारों संघीय कर्मचारी अभी भी बिना कार्य और बिना वेतन के हैं। इससे सरकार का प्रदर्शन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
अमेरिका के लिए गत 17 वर्षों में यह ऐसा पहला शटडाउन है। इस बीच वाशिंगटन पोस्ट-एबीसी न्यूज के सर्वेक्षणों में कहा गया है कि रिपब्लिकन पार्टी बजट को लेकर जिस तरीके से बातचीत कर रही है, उसे 70 फीसदी अमेरिकी नापसंद करते हैं। गत सप्ताह 63 फीसदी इसके खिलाफ थे, जबकि 24 फीसदी ने इसे सही बताया था।
इससे पहले दिन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी से तब तक बातचीत नहीं की जाएगी, जब तक वे सरकार के कामकाज को बहाल नहीं कर देते। उन्होंने कहा कि हम अर्थव्यवस्था और मध्यम वर्ग परिवार को और नुकसान होने के खतरे के बीच बातचीत नहीं करेंगे। हम शटडाउन लंबे समय तक जारी रहने के खतरे के बीच भी बातचीत नहीं करेंगे।
वाशिंगटन हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने कहा कि ओबामा रिपब्लिकन पार्टी से बातचीत को तैयार हैं लेकिन खतरे के बीच नहीं। अमेरिका के ऋण का भुगतान से चूक जाने की संभावना के बीच कल बाजार पर सीधा असर पड़ा और स्टॉक बाजार में गिरावट दर्ज की गई।
Why Indian Parliament stranded so much so that NO Indian SHUTDOWN whatsoever possible to stop this corporate
governance,racial hegemony and indiscriminate government expenditure without any legislation whatsoever.
So,as it is well depicted in Biometric Digital AAdhar corporate ethnic cleansing!
Government disobeying Supreme Court's order on 12 digit biometric UID/aadhaar number
http://www.hastakshep.com/english/release/2013/10/08/government-disobeying-supreme-courts-order-12-d
Kamayani Bali Mahabal
#India - Nod to Vedanta on paper but villagers unaware of consent#indigenous #WTFnews
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तुम्ही आम्ही मोठा….आहे
सब बरोबर
Banks borrowed Rs 678.21 billion via MSF on October 7: RBIThe RBI lowered the MSF rate by another 50 basis points (bps) on October 7 to 9.00 per cent. It had raised the rate by 200 bps to 10.25 per cent in mid-July.
MUMBAI: Banks borrowed Rs 678.21 billion from the Reserve Bank of India's marginal standing facility (MSF) window on October 7 for one day, sharply higher than the Rs 387.18 billion on October 4 for three days.
The RBI lowered the MSF rate by another 50 basis points (bps) on October 7 to 9.00 per cent. It had raised the rate by 200 bps to 10.25 per cent in mid-July.
Banks usually tap the MSF rate during acute cash tightness.
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राजन ने निभाया मनी मार्केट संभालने का वादा
घटाया एमएसएफ के तहत लोन रेट
ईटी | Oct 8, 2013, 09.04AM IST
मुंबई।। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने मनी मार्केट की स्थिति सामान्य बनाने का अपना वादा बखूबी निभाया है। उन्होंने इसके लिए मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) के तहत लोन रेट को 50 बेसिस पॉइंट घटाकर 9 फीसदी कर दिया। इसके अलावा वह फाइनैंशल मार्केट को बढ़ावा देने के मकसद से बैंकों को लंबे वक्त के लिए लोन देने को तैयार हो गए। 100 बेसिस पॉइंट्स एक फीसदी के बराबर होते हैं।
आरबीआई ने एमएसएफ का लोन रेट घटा दिया और बैंकों की लेंडिंग फैसिलिटी को ओवरनाइट से बढ़ाकर 7 दिन और 14 दिन कर दिया है। यह फैसिलिटी 11 अक्टूबर से शुरू होगी और इसमें रेट बैंकों के बिड से तय होगा। आरबीआई के उपायों से बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बेहतर होने लगी है। रुपए को ज्यादा कमजोर होने से बचाने के लिए जुलाई में आरबीआई ने कुछ सख्ती की थी।
आरबीआई गवर्नर ने पिछले महीने के मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में रीपो रेट बढ़ा दिया था। अब वह इसे हाई लेवल पर बनाए रख सकते हैं या हो सकता है कि इसमें बढ़ोतरी भी करें। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के ग्लोबल मार्केट्स हेड जयेश मेहता कहते हैं, 'आरबीआई के कदमों से पहले रुपए को स्थिरता देने के लिए मौद्रिक नीतियों में की गई सख्ती कम हो रही है। अब रुपया स्थिर हो गया है तो वह इसका फायदा सिस्टम को दे रहे हैं।'
15 जुलाई के बाद आरबीआई ने इंटरेस्ट रेट महंगा कर दिया। उसका मानना है कि कम इंटरेस्ट रेट का फायदा उठाकर रुपए पर स्पेकुलेशन किया गया जिसके चलते रुपया धराशायी हो गया। बैंक अपने सरकारी बॉन्ड होल्डिंग पर आरबीआई से जितना लोन ले सकते हैं, रिजर्व बैंक ने उसकी मात्रा को घटाकर डिपॉजिट के 0.5 फीसदी के बराबर कर दिया था। इसके साथ ही उसने एमएसएफ रेट को 200 बेसिस पॉइंट बढ़ा दिया था। उसने मिनिमम कैश रिजर्व रेशियो को 99 फीसदी तक बनाए रखना अनिवार्य बना दिया था।
आरबीआई के इन कदमों से रुपए की गिरावट को थामने में खास मदद नहीं मिली। लेकिन इससे इंटरेस्ट रेट 200 बेसिस पॉइंट तक जरूर बढ़ गया। इससे इनवेस्टर्स को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। लेकिन राजन ने बैंकिंग सिस्टम को वादा किया कि वह रेट को सामान्य स्तर पर लाएंगे।
राजन ने पिछले महीने के मिड क्वॉर्टर मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू में कहा था, 'एमएसएफ और रेपो रेट के बीच के अंतर को कम करके 100 बेसिस प्वाइंट पर लाया जाएगा। सख्ती धीरे-धीरे कम किए जाने से ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा, मार्केट में वित्तीय असंतुलन कम होगा, कंपनियों और बैंकों के बैलेंसशीट से दबाव घटेगा।'
क्या है मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी यानी एमएसएफ
इकनॉमिक टाइम्स | Sep 25, 2013, 11.16AM IST
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 20 सितंबर के मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी को 75 बेसिस प्वाइंट (0.75 फीसदी) घटाने का फैसला किया। आरबीआई ने रुपए की कमजोरी दूर करने के लिए जुलाई में एमएसएफ रेट 2 फीसदी बढ़ा दिया था। उसने रुपए में सट्टेबाजी रोकने के लिए ऐसा किया था। डॉलर के मुकाबले रुपए में थोड़ी बहुत मजबूती आई है, इसलिए आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी को नॉर्मल करना चाहता है।
एमएसएफ क्या है?
आरबीआई ने पहली बार फाइनैंशल ईयर 2011-12 में सालाना मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में एमएसएफ का एलान किया था। यह कॉन्सेप्ट 9 मई 2011 को लागू हुआ। इसमें सभी शेड्यूल कमर्शल बैंक एक रात के लिए अपने कुल डिपॉजिट का 1 फीसदी तक लोन ले सकते हैं। बैंकों को यह सुविधा शनिवार को छोड़कर सभी वर्किंग डे में मिलती है। इंटरेस्ट रेट रेपो से 1 फीसदी ऊपर होता है। रेपो वह रेट है, जिस पर बैंक आरबीआई से शॉर्ट टर्म लोन ले सकते हैं।
एमएसएफ में बैंक कम से कम 1 करोड़ रुपए ले सकते हैं। उससे ज्यादा लोन 1 करोड़ रुपए के मल्टीपल में लिया जा सकता है। इस फैसिलिटी लेने के लिए सरकारी सिक्यॉरिटी की जमानत पर 5 फीसदी और स्टेट डेवलपमेंट लोन पर 10 फीसदी का मार्जिन रखना पड़ता है। मतलब 100 रुपए के लोन के लिए बैंक को 105 रुपए मूल्य की सरकारी सिक्यॉरिटी और 110 रुपए की स्टेट डेवलपमेंट लोन की जमानत देनी होगी।
एमएसएफ से क्या फायदा होता है?
इंटरबैंक ओवरनाइट मार्केट में वोलैटिलिटी पर अंकुश लगाने के लिए बैंकों को यह फैसिलिटी दी गई थी। एमएसएफ से आरबीआई ने पॉलिसी रेट में 2 फीसदी का कॉरिडोर बनाया। यह रेपो से 1 फीसदी ज्यादा होता है और रेपो से 1 फीसदी कम रिवर्स रेपो रेट होता है। एमएसएफ के बारे में एलान करते वक्त आरबीआई ने कहा था कि मॉनेटरी हालात के हिसाब से इस विंडो में बदलाव करने की सहूलियत होगी। यह काम जुलाई में किया गया था। आरबीआई ने तब एमएसएफ रेट 2 फीसदी बढ़ा दिया था, जिससे यह रेपो रेट से 3 फीसदी ज्यादा हो गया था। अब एमएसएफ में 0.75 फीसदी की कमी होने और रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी से फर्क घटकर 2 फीसदी रह गया है। करेंसी के स्टेबल होने पर आरबीआई इस फर्क को और कम कर सकता है।
शेयर बाजार गुलजार, सेंसेक्स 20 हजार के पार, बैंकिग शेयर अप
सेंसेक्स
Ethindi.com | Oct 8, 2013, 09.30AM IST
मुंबई।। आरबीआई के मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) का लोन रेट घटाने का और फ्लैट खुलने के बाद रुपए के हल्की बढ़त के बाद अब शेयर बाजार गुलजार नजर आ रहे हैं। लंबे समय तक बैंकिंग शेयरों के निगेटिव जोन में ट्रेडिंग करने के बाद आज इनमें उछाल देखा जा रहा है। सेंसेक्स ने 20 हजार के पार कारोबार की शुरुआत की है जबकि निफ्टी भी 5,960 से ऊपर खुला।
सुबह 9 बजकर 16 मिनट पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स सेंसेक्स 0.97% यानी 193.67 अंक की बढ़त दिखाता हुआ 20,088.77 पर कारोबारो करता देखा गया जबकि नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स निफ्टी 63.35 अंक की बढ़त के साथ 5,969.50 पॉइंट पर कारोबार करता देखा गया।
यस बैंक, कोटक महिन्द्रा बैंक, ओरियंटल बैंक और इंडसलैंड बैंक सेंसेक्स के टॉप गैनर्स हैं। जबकि, थर्मेक्सस, रैनबैक्सी लैब और टीसीएस के शेयरों में गिरावट दिखाई दे रही है।
एसऐंडपी बीएसई के मिड कैप और एसऐंडपी बीएसई के स्मॉल कैप में भी क्रमश: 0.67 फीसदी और 0.42 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार हो रहा है। आरबीआई ने MSF का लोन रेट घटा दिया और बैंकों की लेंडिंग फैसिलिटी को ओवरनाइट से बढ़ाकर 7 दिन और 14 दिन कर दिया है।
रुपया खुला
मंगलवार को रुपए ने फ्लैट ओपनिंग की। डॉलर के मुकाबले रुपया खुला 61.78 पर। सोमवार को 61.79 पर क्लोज हुआ था। शुरुआती कारोबार में रुपए में मजबूती होती देखी जा रही है।
पिछला सेशन फ्लैट ऐंड पर बंद
शेयर बाजार सोमवार को जबरदस्त उतार-चढ़ाव के बाद मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। आईटी और मेटल में जबरदस्त खरीदारी से बीएसई सेंसेक्स में बाद में जबरदस्त रिकवरी देखने को मिली थी। सेंसेक्स 20.85 अंक यानी 0.10 फीसदी नीचे 19,895.10 अंक पर बंद हुआ था जबकि निफ्टी 1.15 अंक घटकर 5,906.15 अंक पर बंद हुआ था।
Samit Carr shared Killuminati Soldiers's photo.
THIS IS WHY GADDAFI IS DEAD! His gold dinar would have shut down the fake economies of the Rothschilds around the world and give the power back to the people. Join us: https://www.facebook.com/KilluminatiSoldiersII The illuminati Exposed By Muammar Gaddafi http://www.youtube.com/watch?v=THlaMUq6MKU Libya & QADDAFI ...FACTS THAT CANT BE DENIED 1. There is no electricity bill in Libya; electricity is free for all its citizens. 2. There is no interest on loans, banks in Libya are state-owned and loans given to all its citizens at 0% interest by law. 3. Home considered a human right in Libya – Gaddafi vowed that his parents would not get a house until everyone in Libya had a home. Gaddafi's father has died while him, his wife and his mother are still living in a tent. 4. All newlyweds in Libya receive $60,000 Dinar (US$ 50,000 ) by the government to buy their first apartment so to help start up the family. 5. Education and medical treatments are free in Libya. Before Gaddafi only 25% of Libyans are literate. Today the figure is 83%. 6. Should Libyans want to take up farming career, they would receive farming land, a farming house, equipments, seeds and livestock to kick- start their farms – all for free. 7. If Libyans cannot find the education or medical facilities they need in Libya, the government funds them to go abroad for it – not only free but they get US $2, 300/mth accommodation and car allowance. 8. In Libyan, if a Libyan buys a car, the government subsidized 50% of the price. 9. The price of petrol in Libya is $0. 14 per liter. 10. Libya has no external debt and its reserves amount to $150 billion – now frozen globally. 11. If a Libyan is unable to get employment after graduation the state would pay the average salary of the profession as if he or she is employed until employment is found. 12. A portion of Libyan oil sale is, credited directly to the bank accounts of all Libyan citizens. 13. A mother who gave birth to a child receive US $5 ,000 14. 40 loaves of bread in Libya costs $ 0.15 15. 25% of Libyans have a university degree 16. Gaddafi carried out the world's largest irrigation project, known as the Great Man-Made River project, to make water readily available throughout the desert country. Source: http://www.defence.pk/forums/world-affairs/136873-libya-qaddafi-facts-cant-denied.html#ixzz2d9ke4oNt U.S. Military Intervention in Libya Aimed to Squelch Gold-Backed African Dinar http://failedempire.wordpress.com/2011/05/18/u-s-military-intervention-in-libya-aimed-to-squelch-gold-backed-african-dinar/ Some believe it is about protecting civilians, others say it is about oil, but some are convinced intervention in Libya is all about Gaddafi's plan to introduce the gold dinar, a single African currency made from gold, a true sharing of the wealth. Gaddafi did not give up. In the months leading up to the military intervention, he called on African and Muslim nations to join together to create this new currency that would rival the dollar and euro. They would sell oil and other resources around the world only for gold dinars. It is an idea that would shift the economic balance of the world. … And it has happened before. In 2000, Saddam Hussein announced Iraqi oil would be traded in euros, not dollars. Some say sanctions and an invasion followed because the Americans were desperate to prevent OPEC from transferring oil trading in all its member countries to the euro. A gold dinar would have had serious consequences for the world financial system, but may also have empowered the people of Africa, something black activists say the US wants to avoid at all costs. Join us: https://www.facebook.com/KilluminatiSoldiersII Like these pages https://www.facebook.com/NewWorldOutlawzKilluminati https://www.facebook.com/returnoftheking777 https://www.facebook.com/IlluminatiUnveiled https://www.facebook.com/pages/Hour-of-the-Time/296817149679 https://www.facebook.com/FlipThePyramid https://www.facebook.com/returnoftheking777 https://www.facebook.com/killuminatideathtothenwo https://www.facebook.com/IllumiLeaks https://www.facebook.com/pages/ANewDayOutreachcom/116492031738006 Join these events and groups: https://www.facebook.com/groups/313661822031542/ https://www.facebook.com/groups/112748258806015/ https://www.facebook.com/groups/144147505658127 https://www.facebook.com/groups/411504172254215 https://www.facebook.com/events/518035004933361/ Join us Killuminati Soldiers on myspace https://myspace.com/undeniablyelite http://www.myspace.com/447708952 Add/Follow the killuminati soldiers personal accounts https://www.facebook.com/rayoflight777 https://www.facebook.com/pimpedoutprofiles13 https://www.facebook.com/lmstaley1 #GADDAFI, #libya, #gaddafilibya, #cialibya, #news,#killuminatisoldiers,#killuminati, #nwo, #antinwo, #pyramid, #illuminatiexposed, #illuminati, #tupac, #thuglife, #freedom, #2pac, #truth, #truthmovement, #thugnation, #tupacshakur
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RBI move fuels rally on Dalal Street; ICICI Bank, SBI up over 2%
By ECONOMICTIMES.COM | 8 Oct, 2013, 09.51AM IS
The S&P BSE Banking index rose a little over 3% in morning trade, after the RBI reduced the rate under MSF by 50 basis points to 9% to ease liquidity.
State Bank of India
BSE
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11.35(0.70%)
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NSE
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NEW DELHI: The S&P BSE Banking index rose a little over 3 per cent in morning trade on Tuesday, after the Reserve Bank of India (RBI) reduced the rate under the marginal standing facility (MSF) by 50 basis points to 9% to ease liquidity.
The measures are an unwinding of theliquidity tightening that began in July to fight a currency slide that took the rupee to a record low of 68.84 to the US dollar.
"As an immediate impact of these measures, short-term interest rates are likely to reduce proportionately and the measures are positive for more wholesale funded banks," Angel Broking said in a note.
"These measures are likely to result in further decline in their costs of funds by roughly 5-10bp on an annualized basis (the reduction in cost across banks would be in congruence with its dependence on wholesale funds)," added the note.
At 09:20 a.m.; the S&P BSE Banking index was the top gainer among the sectoral indices on the Bombay Stock Exchange. Both private and public sector banks were trading with strong momentum.
ICICI Bank, HDFC Bank, Yes Bank, Axis BankBSE 1.20 % and HDFC were top gainers among the private sector names. While the SBIBSE 0.63 %, Punjab National BankBSE 1.62 %was leading the charge in the PSU space.
Bank Nifty rose over 300 points or over 3 per cent at 10,382. The BSE Banking index was trading 2.9 per cent higher or 337 points at 11813 as compared to 200-point rally in the benchmark index, the Sensex.
ICICI BankBSE 2.55 % was the top gainer on the 30-share BSE Sensex. The stock rallied nearly 4 per cent to touch its intraday high of Rs 951.10. HDFC Bank and HDFC were trading 2 per cent and 1.2 per cent respectively.
Axis Bank, Federal Bank, Yes Bank and IndusInd BankBSE 2.79 % were trading 4-8 per cent higher. IndusInd Bank was the top gainer in the BSE Banking index, up 8.3 per cent to Rs 429.
In the PSU space, Punjab national Bank was trading 4.2 per cent higher at Rs 487, followed by Canara BankBSE 2.09 % which was up 4.1 per cent, Bank of BarodaBSE 1.87 % rose 3.7 per cent and State Bank of India was up 2.4 per cent to Rs 1,672.
Post the RBI move, brokerages are of the view that it is the step in right direction buts margins are still likely to remain under pressure especially for non-mortgage lenders.
"We emphasize that this is a step towards normalization of exceptional liquidity conditions, and shouldn't be construed as any change in policy stance," Citigroup said in a note. We continue to expect RBI to hike the repo rate by 25-50bps and reduce the MSF rate by 0-25bps in the remainder of 2HFY14, added the note.
The RBI move reinforces view from most brokerage firms that the rate cycle has peaked. However, the stress for wholesale funded entities, while reduced, has still not gone away.
Global investment bank, JPMorgan is of the view that margins are likely to remain under pressure, especially for non-mortgage lenders. We maintain that the rate cycle has seen its worst but the lengthy period of inverted rates could see the pain persist.
"The best way to play the rate cut, we believe, is through Yes Bank and IDFC - primarily because of valuation support. While not a direct beneficiary of rate cuts, our top picks in the sector are ICICI and Axis," added the report.
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Government to issue detailed guidelines for sharing spectrum before auctions
NEW DELHI: The government is likely to issue detailed guidelines for sharing spectrum and announce "in principle" approval for trading in airwaves before it holds the next round of bandwidth auctions, moves that will bring relief to the debt-laden telecom sector.
At a meeting last Thursday, the Telecom Commission accepted the recommendations made by the Telecom Regulatory Authority of India (Trai) on September 9 that the government must outline the framework for sharing of airwaves by operators before it begins the auctions, as per the minutes of the meeting seen by ET. The Telecom Commission is the highest decision-making body in the telecom department.
A separate internal DoT note, also reviewed by ET, showed the government is planning to start bandwidth auctions in the 800 MHz, 900 MHz and 1800 MHz bands from January 7, 2014.
* |
The Telecom Commission, while accepting the regulator's recommendation to permit "trading", has asked Trai to submit a comprehensive recommendation on how to conduct the buying and selling of an intangible asset.
The move will have far-reaching consequences for the sector as it will pave the way for operators to sell rights to unutilised spectrum and share "the airwaves with each other" allowing for "spectral efficiency", which in turn will improve the delivery of services over their networks. Trading in spectrum will also permit operators to exit the sector by selling spectrum. The telecom regulator highlighted in its recommendations on spectrum pricing that currently there is no exit route for operators who bought spectrum through auctions, citing the sale of 3G and broadband wireless access (BWA) spectrum in 2010.
A telecom operator can't sell the spectrum back to the government or to another telecom operator. Hence, the regulator noted, an operator looking to exit had no option but to forfeit the auction price paid.
"The news is progressive for the industry and allowing trading and sharing can effectively change the entire dynamics of the telecom industry," said Prashant Singhal of consultancy firm EY.
The likely moves will bring relief to the telecom industry, which has been clamouring for clarity on sharing and trading of spectrum, especially foreign investors who have been demanding a road map for consolidation.
Trading in spectrum should be allowed to facilitate mergers and acquisitions in the country,Vodafone India Chief Executive Marten Pieters told ET in an interview. "The problem is asset trading is not allowed under current rules. Spectrum can't be traded, but the most value is in the spectrum," he said.
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When he flew me to Delhi you could see he was in his elements —free from everything and able to do what he loves, says AirAsia CEO Tony Fernandes.
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