त्रिपुरा में भी शारदा कांड को लेकर बवंडर !वहां देवयानी की तरह कमाल किये श्रीपर्णा ने!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
वामशासित त्रिपुरा में भी शारदा कांड को लेकर बवंडर मचा हुआ है। देश भर में सबसे कम आय वाले मुख्यमंत्री मामिक सरकार की साख डगमाने लगी है। त्रिपुरा सरकार शारदा फर्जीवाड़ा रोकने में अपनी नाकामी छुपाने के लिए हालां कि सीबीआई जांच की माग कर दी है। शारदा समूह के अलावा राज्यभर में खासकर राजधानी आगरतला और प्राचीन राजधानी उदयपुर में लोग चिटफंड कंपनियों के हवाले जमा पूंजी सौंपकर लुट चुके हैं। देशभर में चिटफंड कंपनियों के खिलापफ तेजी से बनते माहौल और केंद्रीय एजंसियों की सक्रियता के बीच त्रिपुरा सरकार इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रही है।जिसके नतीजतन शटर बंद करके इन कंपनिों से जुड़े लोग भूमिगत हो गये हैं।
सुदीप्त सेन ने बंगाल की तरह त्रिपुरा में भी महिला ब्रिगेड पर ही भरोसा किया और उग्रवाद प्रभावित आदिवासी बहुल बांग्लादेश के सीमांतवर्ती बिलुनिया के चौमुहानी की मधयमवर्गीय श्रीपर्णा साहा को बंगाल की देवयानी की तरह शारदा समूह की शीर्षस्थ पदाधिकारी बनाकर आगरतला को मुख्यलय बनाकर राज्यभर में पांच शाखाओं और तीन कलेक्शन सेंटर बनाकर लाखों लोगों को लूटने के लिए जाल बिछा दिया।दक्षिण जिले पर कारोबार का सबसे ज्यादा जोर था और श्रीपर्णा साहा को दक्षिणी जिले में कंपनी की साख बनाने के लिए ही चालाक सुदीप्त ने चुना।
अब पश्चिम बंगाल में शारदा समूह के भंडाफोड़ के बाद त्रिपुरा में भी लोग सड़कों पर उतरने लगे हैं। जिनें निवेशक और एजंट साथ साथ धरना घेराव और प्रदर्शन में शामिल होने लगे हैं। मामिक सरकार के लिए राहत की बात तो यह है कि राज्य में किसी वामपंथी बड़े नेता के शारदा समूह के साथ संबंध का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। पर त्रिपुरा में जिस व्यापक स्तर पर समूह का कोरोबार फैल रहा था, उससे देर सवेर राजनीतिक संरक्षण की बात सामने आ ही सकती है। श्रीपर्णा साहा जिस बेलुनिया से हैं, वहीं से राज्य के वित्तमंत्री भी हैं।बादल चौधरी लगातार बेलुनिया से विधायक चुने जाते रहे हैं। जिन्हें दूसरे वरिष्ठ मंत्रियों के मुकाबले तरजीह देकर माणिक बाबू ने वित्तमंत्री बनाया है।
बुधवार की शाम अचानक बिलोनिया थाने पर गाड़ी में भरकर शारदा समूह के पचास एजंट ने जमकर प्रदर्शन किया। उनके पास तमाम तरह के कागजात थे।उनमें से तीन लोगों ने थाने में जाकर अफसरों से तुरंत श्री पर्णा साहा को गिरफ्तार करने की मांग की।बारुईपुर शाखा के संचालक अरिंदम दास के खिलाफ भी उन्होंने फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी के आरोप लगाये हैं।इन एजंटों के मुताबिक उन्होंने मुख्यमंत्री को त्रिपुरा में शारदा समूह की चल अचल संपत्ति का पूरा ब्यौरा सौंप दिया है।एजंटों के मुताबिक वे निवेशकों की रकम लौटाने के लिए ही ऐसा कर रहे हैं।उन्होंने बड़ौदा बैंक में श्रीपर्णा के दो बैंक खातो समेत चार दूसरे बैंकों में उनके खातों की जानकारी पुलिस को दे दी है।लेकिन श्रीपर्णा अभी कानून की पकड से बाहर है।
अब हालत यह है कि भड़कते हुए जनरोष के डर से आगरतला, उदयपुर, बिलोनिया, सब्रुम, आदि इलाकों में सक्रिय तमाम चिटफंड कंपनियों के एजंट घर छोड़कर जान बचाने के लिए मारे मारे फिर रहे हैं।
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