RIHAI MANCH
(Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism)
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खालिद की हत्या सपा के ताबूत में अंितम कील साबित होगी- रिहाई मंच
प्रधानमंत्री बनने की नहीं जमानत बचाने की चिंता करें मुलायम- रिहाई मंच
रिहाई मंच ने सपा के मुस्लिम विधायकों-मंत्रीयों से पूछे 16 सवाल
रिहाई मंच के अनिश्ति कालीन धरने का तीसरा दिन
लखनऊ/24 मई 2013। खालिद मुजाहिद की हत्यारोपी पुलिस अधिकारियों को
गिरफ्तार करने, निमेष कमीशन की रिापोर्ट को तत्काल जारी करने और आतंकवाद
के नाम पर कैद निर्दोष मुसलमानों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर चल
रहा रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना आज तीसरे दिन भी जारी रहा।
धरने को संबोधित करते हुए वकताओं ने कहा कि आज शुक्रवार को जिस तरह पूरे
सूबे में मुस्लिम समाज काला दिवस मना रहा है उससे साफ हो गया है कि
मौलाना खालिद मुजाहिद की हत्या सपा सरकार के लिए ताबूत में अंतिम कील
साबित होगी। वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश का मुसलमान अब समाजवादी
पार्टी के शासन में हुए 27 दगों, आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषो को
छोड़ने के वादे से मुकरने और सीओ जिआ-उल-हक और अब खालिद की हत्या के बाद
सपा के असली सांप्रदायिक चेहरे को पहचान गया है। इसलिए अब मुलायम सिंहं
को प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने के बजाय 2014 के लोक सभा चुनाव में
सपा उम्मीदवारों की जमानत बचाने की चिंता करनी चाहिए।
धरने में मौजूद नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संगठन सचिव चैधरी
चंद्रपाल सिंह जिन्होंने तारिक कासमी और खालिद मुजाहिद के एसटीएफ द्वारा
अगवा कर लिये जाने के खिलाफ 22 दिसम्बर 2007 को आजमगढ़ में आत्मदाह की
धमकी दी थी, जिसके बाद आनन-फानन में एसटीएफ ने दोनों की बाराबंकी से
फर्जी गिरफ्तारी दिखा दी थी, नेे कहा कि समाजवादी पार्टी अब संघ परिवार
के गोद में बैठ गयी है इसीलिये वह प्रदेश में अब गुजरात की तरह जहां इशरत
जहां जैसे मासूमों को आतंकवादी बता कर मारा गया यहां भी खालिद मुजाहिद की
हत्या करवायी गयी ताकि साम्प्रदायिक हिंदु वोटों की फसल काटी जा सके।
बाराबंकी में खालिद मुजाहिद के वकील रहे रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि पुलिस
ने तारिक और खालिद को गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तार किया था जो संवीधान
के खिलाफ है इसलिये आतंकवादी खालिद मुजाहिद नहीं वे पुलिस अधिकारी हैं जो
देश के संविधान के खिलाफ जा कर निर्दोषों को फंसाने का काम करते हैं।
खालिद की हत्या का षणयंत्र रचने वाले विक्रम सिंह को गिरफ्तार करो, खालिद
के मंुह में पेशाब करने वाले पुलिस अधिकारी अमिताभ यश को मिरफ्तार करो,
सपा के मुस्लिम विधायकों शर्म करो, सत्ता के दलाल उलेमा मुर्दाबाद जैसे
नारों के बीच रिहाई मंच ने सपा के मुस्लिम विधायकों एवं मंत्रीयों से 16
सवाल पूछे हैं। जिसका जवाब न देने पर उनके घरों के घेराव का एलान किया।
इन सवालों में प्रमुख तौर पर निमेष कमीशन की रिपोर्ट को विधान सभा में
नहीं उठाने की वजह, खालिद की हत्या के बावजूद विधान सभा की सदस्यता से
इस्तीफा न देने की वजह, बाटला हाउस के सवाल पर संसद में सपा की चुप्पी पर
अपनी स्थिति स्पष्ट करने समेत 16 सवाल पूछे हैं। कल चैथे दिन धरने में
पूर्व सांसद और वरिष्ठ माकपा नेता सुभाषिनी अली, नेलोपा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष मो अरशद खान, इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो सुलेमान,
एसआईओ के राष्ट्रीय सचिव शारिक इत्यादि भी शामिल होंगे। आज धरने को रिहाई
मंच के अध्यक्ष मो शुऐब, नेलोपा प्रदेश प्रभारी चैधरी मेहरबान अली, टीपू
सुल्तान, भारतीय एकता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद मोईद अहमद, एसआईओ
के मो आसिफ, शाने इलाही, रिहाई मंच के इलाहाबाद जोन के प्रभारी राघवेंद्र
प्रताप सिंह, तारिक शफीक, मुस्लिम संघर्ष मोर्चा के आफताब खान, हाजी मो
फहीम, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अनिल आजमी, मो आरिफ, हरे राम मिश्रा,
राजीव यादव, शाहनवाज आलम, भास्कर चंद उपाध्याय, योगेंद्र यादव इत्यादि ने
संबोधित किया।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
09415254919, 09452800752
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Office - 110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
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Email- rihaimanchindia@gmail.com
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सपा के मुस्लिम विधायकों और मंत्रियों को खुला खत
मौलाना खालिद मुजाहिद की पिछले दिनों 18 मई 2013 को बाराबंकी में पुलिस
ने हत्या कर दी। इस हत्या में मौलाना खालिद के चचा जहीर आलम फलाही ने
पुलिस अधिकारी विक्रम सिंह, बृजलाल, मनोज कुमार झा, चिरंजीव नाथ सिन्हा,
एस आनंद सहित आईबी के अधिकारियों पर नामजद मुकदमा दर्ज करवाया है। पर अब
तक किसी को भी आपकी सरकार ने न बर्खास्त किया और न ही किसी को गिरफ्तार
किया। हम जानना चाहेंगे कि इस मसले पर आप क्या सोचते हैं?
पिछले विधान सभा चुनाव में आपकी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में
वादा किया था कि यदि आप की सरकार बनती है तो आप आतंकवाद के नाम पर कैद
निर्दोषों को रिहा करेंगे। अब इस सरकार को वजूद में आये एक साल सेे
ज्यादा ही नहीं हो गया बल्कि इस दौरान तीन नौजवानों सीतापुर के शकील,
आजमगढ़ के जामतुर्रफलाह मदरसे के छात्रों सज्जाद बट्ट और वसीम बट्ट की
गिरफ्तारी और खालिद की हत्या भी हो चुकी है।
ऐसे में इस वादे के संदर्भ में हम आप से निम्न सवाल पूछना चाहते हैं।
1- मौलाना खालिद मुजाहिद की पिछले दिनों 18 मई 2013 को बाराबंकी में
पुलिस ने हत्या कर दी। इस हत्या में मौलाना खालिद के चचा जहीर आलम फलाही
ने पुलिस अधिकारी विक्रम सिंह, बृजलाल, मनोज कुमार झा, चिरंजीव नाथ
सिन्हा, एस आनंद सहित आईबी के अधिकारियों पर नामजद मुकदमा दर्ज करवाया
है। पर अब तक किसी को भी आपकी सरकार ने न बर्खास्त किया और न ही किसी को
गिरफ्तार किया। हम जानना चाहेंगे कि इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? और
सोचा तो क्या किया? और नहीं किया तो क्या अब आप इस्स्तीफा दे देंगे? और
नहीं देंगो तो क्यों नहीं देंगे ?
2- आपने विधान सभा में आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोंषों की रिहाई के
सवाल पर क्या बोला ? अगर बोला तो क्या जवाब मिला ? नहीं उठाया तो क्यों
नहीं उठाया ?
3- क्या आपने इस सवाल पर सदन के अंदर की कमेटीयों में बात रखी ? रखी तो
क्या रखी? उस पर क्या जवाब मिला ? नहीं उठाया तो क्यों नहीं ?
4- क्या सपा सरकार के दौरान आतंकवाद के नाम पर हुयी प्रदेश से
गिरफ्तारियों पर आपने सदन के अंदर कोई सवाल उठाया ? उठाया तो क्या उठाया,
उस पर क्या जवाब मिला और नहीं उठाया तो क्यों नहीं ?
5- क्या आपने आरडी निमेष जांच आयोग की रिर्पोट को सार्वजनिक करने की मांग
उठायी ? उठाया तो क्या और कब उठाया ? उस पर क्या जवाब मिला? नहीं उठाया
तो क्यों नहीं उठाया ?
6- यदि आपकी सरकार बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को नहीं छोडती है तो क्या आप
अपनी विधान सभा की सदस्यता से इस्तिफा देंगे ? देंगें तो कब देंगंे ?
नहीं देंगें तो क्यों नहीं देंगें ?
7- क्या आप बाटला हाउस फर्जी मुठभेड के सवाल को संसद में आपकी पार्टी
द्वारा नहीं उठाए जाने से संतुष्ट हैं ? अगर हैं तो क्यों ? नहीं हैं तो
क्यों नहीं ?
8- एटीएस और खुफिया एजेंसियों की कार्यशैली को क्या आप साम्प्रदायिक
मानते हैं ? यदि हां तो क्यों ? नही ंतो क्यों नहीं ?
9- क्या आप प्रदेश के एटीएस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के इजराइल
और अमरीका में ट्रेनिंग को उचित मानते हैं ? यदि हां तो क्यों ? नही ंतो
क्यों ?
10- क्या आप पिछले दिनों शिवपाल यादव के इजरायल दौरे को उचित मानते हैं ?
हां तो क्यांे ? नहीं तो क्यों ?
11-इंडियन मुजाहिदीन नाम के कथित आतंकी संगठन जिसे कई मानवाधिकार और
सामाजिक संगठन आईबी द्वारा संचालित फर्जी संगठन बताते हुये उस पर केंद्र
सरकार से श्वेतपत्र लाने की मांग करते हैं, उससे आप सहमत हैं ? हैं तो
क्यों ? नहीं हैं तो क्यों नहीं हैं ?
12- रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर 31 दिसम्बर 2007 और 2008 की रात में हुए
कथित आतंकी हमले जिसे कई मानवाधिकार संगठन और मीडिया रिपोर्टों ने
सीआरपीएफ के जवानों के बीच शराब के नशे में हुयी गोलीबारी का परिणाम
बताया है। क्या इस घटना की जांच के लिये आपने विधान सभा में सवाल उठाया ?
अगर हां तो क्या जवाब मिला ? नहीं उठाया तो क्यों ?
13-कानपुर में 2008 में बजरंग दल के दो नेता बम बनाते समय हुये विस्फोट
में मारे गये। जिनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ। इस घटना
की सीबीआई जांच की मांग लम्बे समय से हो रही है। क्या आपने इस सवाल को
विधान सभा में उठाया ? उठाया तो क्या जवाब मिला ? नहीं उठाया तो क्यों
नहीं?
14- कानपुर के तत्कालीन एसएसपी एसी शर्मा के 1992 में निभाई गयी
साम्प्रदायिक कार्यशैली पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनउ बंेच के तत्कालीन
न्यायमूर्ति आईएस माथुर की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित किया था। जिसकी
रिर्पोट 1998 में राज्य सरकार को सौंपी जा चुकी है। क्या उस रिर्पोट के
सार्वजनिक करने की मांग आपने विधान सभा में उठाया ? उठाया तो क्या जवाब
मिला ? नहीं उठाया तो क्यों ?
15- सपा सरकार के मौजूदा शासन काल में हुये दंगों में सपा पदाधिकारियों,
कैबिनेट मंत्री और सांसद पर सवाल उठे हैं। क्या आपने इस मुद्दे पर विधान
सभा में सवाल उठाया ? उठाया तो क्या जवाब मिला ? नहीं उठाया तो क्यों
नहीं ?
16- आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोष मुस्लिम नौजवानों का जेलों में लगातार
उत्पीड़न की खबरें आती रही हैं। क्या आपने इस सवाल को कभी सदन में उठाया
? उठाया तो क्या जवाब मिला ? नहीं उठाया तो क्यों नहीं उठाया ?
द्वारा जारी- मो शुऐब, राजीव यादव, शाहनवाज आलम, हरे राम मिश्रा,
राघवेंद्र प्रताप सिंह, तारिक शफीक, अनिल आजमी, मो आरिफ, चैधरी मेहरबान
अली, टीपू सुल्तान, सैयद मोईद अहमद, मो आसिफ, शाने इलाही, आफताब खान,
हाजी मो फहीम, भास्कर चंद उपाध्याय, योगेंद्र यादव।
शहीद मौलाना खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस और आईबी अधिकारियों की
गिरफ्तारी की मांग के लिए विधानसभा लखनऊ धरना स्थल पर अनिश्चित कालीन
धरने से जारी।
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Email- rihaimanchindia@gmail.com
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खालिद की हत्या सपा के ताबूत में अंितम कील साबित होगी- रिहाई मंच
प्रधानमंत्री बनने की नहीं जमानत बचाने की चिंता करें मुलायम- रिहाई मंच
रिहाई मंच ने सपा के मुस्लिम विधायकों-मंत्रीयों से पूछे 16 सवाल
रिहाई मंच के अनिश्ति कालीन धरने का तीसरा दिन
लखनऊ/24 मई 2013। खालिद मुजाहिद की हत्यारोपी पुलिस अधिकारियों को
गिरफ्तार करने, निमेष कमीशन की रिापोर्ट को तत्काल जारी करने और आतंकवाद
के नाम पर कैद निर्दोष मुसलमानों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर चल
रहा रिहाई मंच का अनिश्चित कालीन धरना आज तीसरे दिन भी जारी रहा।
धरने को संबोधित करते हुए वकताओं ने कहा कि आज शुक्रवार को जिस तरह पूरे
सूबे में मुस्लिम समाज काला दिवस मना रहा है उससे साफ हो गया है कि
मौलाना खालिद मुजाहिद की हत्या सपा सरकार के लिए ताबूत में अंतिम कील
साबित होगी। वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश का मुसलमान अब समाजवादी
पार्टी के शासन में हुए 27 दगों, आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषो को
छोड़ने के वादे से मुकरने और सीओ जिआ-उल-हक और अब खालिद की हत्या के बाद
सपा के असली सांप्रदायिक चेहरे को पहचान गया है। इसलिए अब मुलायम सिंहं
को प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने के बजाय 2014 के लोक सभा चुनाव में
सपा उम्मीदवारों की जमानत बचाने की चिंता करनी चाहिए।
धरने में मौजूद नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संगठन सचिव चैधरी
चंद्रपाल सिंह जिन्होंने तारिक कासमी और खालिद मुजाहिद के एसटीएफ द्वारा
अगवा कर लिये जाने के खिलाफ 22 दिसम्बर 2007 को आजमगढ़ में आत्मदाह की
धमकी दी थी, जिसके बाद आनन-फानन में एसटीएफ ने दोनों की बाराबंकी से
फर्जी गिरफ्तारी दिखा दी थी, नेे कहा कि समाजवादी पार्टी अब संघ परिवार
के गोद में बैठ गयी है इसीलिये वह प्रदेश में अब गुजरात की तरह जहां इशरत
जहां जैसे मासूमों को आतंकवादी बता कर मारा गया यहां भी खालिद मुजाहिद की
हत्या करवायी गयी ताकि साम्प्रदायिक हिंदु वोटों की फसल काटी जा सके।
बाराबंकी में खालिद मुजाहिद के वकील रहे रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि पुलिस
ने तारिक और खालिद को गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तार किया था जो संवीधान
के खिलाफ है इसलिये आतंकवादी खालिद मुजाहिद नहीं वे पुलिस अधिकारी हैं जो
देश के संविधान के खिलाफ जा कर निर्दोषों को फंसाने का काम करते हैं।
खालिद की हत्या का षणयंत्र रचने वाले विक्रम सिंह को गिरफ्तार करो, खालिद
के मंुह में पेशाब करने वाले पुलिस अधिकारी अमिताभ यश को मिरफ्तार करो,
सपा के मुस्लिम विधायकों शर्म करो, सत्ता के दलाल उलेमा मुर्दाबाद जैसे
नारों के बीच रिहाई मंच ने सपा के मुस्लिम विधायकों एवं मंत्रीयों से 16
सवाल पूछे हैं। जिसका जवाब न देने पर उनके घरों के घेराव का एलान किया।
इन सवालों में प्रमुख तौर पर निमेष कमीशन की रिपोर्ट को विधान सभा में
नहीं उठाने की वजह, खालिद की हत्या के बावजूद विधान सभा की सदस्यता से
इस्तीफा न देने की वजह, बाटला हाउस के सवाल पर संसद में सपा की चुप्पी पर
अपनी स्थिति स्पष्ट करने समेत 16 सवाल पूछे हैं। कल चैथे दिन धरने में
पूर्व सांसद और वरिष्ठ माकपा नेता सुभाषिनी अली, नेलोपा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष मो अरशद खान, इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो सुलेमान,
एसआईओ के राष्ट्रीय सचिव शारिक इत्यादि भी शामिल होंगे। आज धरने को रिहाई
मंच के अध्यक्ष मो शुऐब, नेलोपा प्रदेश प्रभारी चैधरी मेहरबान अली, टीपू
सुल्तान, भारतीय एकता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद मोईद अहमद, एसआईओ
के मो आसिफ, शाने इलाही, रिहाई मंच के इलाहाबाद जोन के प्रभारी राघवेंद्र
प्रताप सिंह, तारिक शफीक, मुस्लिम संघर्ष मोर्चा के आफताब खान, हाजी मो
फहीम, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अनिल आजमी, मो आरिफ, हरे राम मिश्रा,
राजीव यादव, शाहनवाज आलम, भास्कर चंद उपाध्याय, योगेंद्र यादव इत्यादि ने
संबोधित किया।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
09415254919, 09452800752
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सपा के मुस्लिम विधायकों और मंत्रियों को खुला खत
मौलाना खालिद मुजाहिद की पिछले दिनों 18 मई 2013 को बाराबंकी में पुलिस
ने हत्या कर दी। इस हत्या में मौलाना खालिद के चचा जहीर आलम फलाही ने
पुलिस अधिकारी विक्रम सिंह, बृजलाल, मनोज कुमार झा, चिरंजीव नाथ सिन्हा,
एस आनंद सहित आईबी के अधिकारियों पर नामजद मुकदमा दर्ज करवाया है। पर अब
तक किसी को भी आपकी सरकार ने न बर्खास्त किया और न ही किसी को गिरफ्तार
किया। हम जानना चाहेंगे कि इस मसले पर आप क्या सोचते हैं?
पिछले विधान सभा चुनाव में आपकी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में
वादा किया था कि यदि आप की सरकार बनती है तो आप आतंकवाद के नाम पर कैद
निर्दोषों को रिहा करेंगे। अब इस सरकार को वजूद में आये एक साल सेे
ज्यादा ही नहीं हो गया बल्कि इस दौरान तीन नौजवानों सीतापुर के शकील,
आजमगढ़ के जामतुर्रफलाह मदरसे के छात्रों सज्जाद बट्ट और वसीम बट्ट की
गिरफ्तारी और खालिद की हत्या भी हो चुकी है।
ऐसे में इस वादे के संदर्भ में हम आप से निम्न सवाल पूछना चाहते हैं।
1- मौलाना खालिद मुजाहिद की पिछले दिनों 18 मई 2013 को बाराबंकी में
पुलिस ने हत्या कर दी। इस हत्या में मौलाना खालिद के चचा जहीर आलम फलाही
ने पुलिस अधिकारी विक्रम सिंह, बृजलाल, मनोज कुमार झा, चिरंजीव नाथ
सिन्हा, एस आनंद सहित आईबी के अधिकारियों पर नामजद मुकदमा दर्ज करवाया
है। पर अब तक किसी को भी आपकी सरकार ने न बर्खास्त किया और न ही किसी को
गिरफ्तार किया। हम जानना चाहेंगे कि इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? और
सोचा तो क्या किया? और नहीं किया तो क्या अब आप इस्स्तीफा दे देंगे? और
नहीं देंगो तो क्यों नहीं देंगे ?
2- आपने विधान सभा में आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोंषों की रिहाई के
सवाल पर क्या बोला ? अगर बोला तो क्या जवाब मिला ? नहीं उठाया तो क्यों
नहीं उठाया ?
3- क्या आपने इस सवाल पर सदन के अंदर की कमेटीयों में बात रखी ? रखी तो
क्या रखी? उस पर क्या जवाब मिला ? नहीं उठाया तो क्यों नहीं ?
4- क्या सपा सरकार के दौरान आतंकवाद के नाम पर हुयी प्रदेश से
गिरफ्तारियों पर आपने सदन के अंदर कोई सवाल उठाया ? उठाया तो क्या उठाया,
उस पर क्या जवाब मिला और नहीं उठाया तो क्यों नहीं ?
5- क्या आपने आरडी निमेष जांच आयोग की रिर्पोट को सार्वजनिक करने की मांग
उठायी ? उठाया तो क्या और कब उठाया ? उस पर क्या जवाब मिला? नहीं उठाया
तो क्यों नहीं उठाया ?
6- यदि आपकी सरकार बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को नहीं छोडती है तो क्या आप
अपनी विधान सभा की सदस्यता से इस्तिफा देंगे ? देंगें तो कब देंगंे ?
नहीं देंगें तो क्यों नहीं देंगें ?
7- क्या आप बाटला हाउस फर्जी मुठभेड के सवाल को संसद में आपकी पार्टी
द्वारा नहीं उठाए जाने से संतुष्ट हैं ? अगर हैं तो क्यों ? नहीं हैं तो
क्यों नहीं ?
8- एटीएस और खुफिया एजेंसियों की कार्यशैली को क्या आप साम्प्रदायिक
मानते हैं ? यदि हां तो क्यों ? नही ंतो क्यों नहीं ?
9- क्या आप प्रदेश के एटीएस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के इजराइल
और अमरीका में ट्रेनिंग को उचित मानते हैं ? यदि हां तो क्यों ? नही ंतो
क्यों ?
10- क्या आप पिछले दिनों शिवपाल यादव के इजरायल दौरे को उचित मानते हैं ?
हां तो क्यांे ? नहीं तो क्यों ?
11-इंडियन मुजाहिदीन नाम के कथित आतंकी संगठन जिसे कई मानवाधिकार और
सामाजिक संगठन आईबी द्वारा संचालित फर्जी संगठन बताते हुये उस पर केंद्र
सरकार से श्वेतपत्र लाने की मांग करते हैं, उससे आप सहमत हैं ? हैं तो
क्यों ? नहीं हैं तो क्यों नहीं हैं ?
12- रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर 31 दिसम्बर 2007 और 2008 की रात में हुए
कथित आतंकी हमले जिसे कई मानवाधिकार संगठन और मीडिया रिपोर्टों ने
सीआरपीएफ के जवानों के बीच शराब के नशे में हुयी गोलीबारी का परिणाम
बताया है। क्या इस घटना की जांच के लिये आपने विधान सभा में सवाल उठाया ?
अगर हां तो क्या जवाब मिला ? नहीं उठाया तो क्यों ?
13-कानपुर में 2008 में बजरंग दल के दो नेता बम बनाते समय हुये विस्फोट
में मारे गये। जिनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ। इस घटना
की सीबीआई जांच की मांग लम्बे समय से हो रही है। क्या आपने इस सवाल को
विधान सभा में उठाया ? उठाया तो क्या जवाब मिला ? नहीं उठाया तो क्यों
नहीं?
14- कानपुर के तत्कालीन एसएसपी एसी शर्मा के 1992 में निभाई गयी
साम्प्रदायिक कार्यशैली पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनउ बंेच के तत्कालीन
न्यायमूर्ति आईएस माथुर की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित किया था। जिसकी
रिर्पोट 1998 में राज्य सरकार को सौंपी जा चुकी है। क्या उस रिर्पोट के
सार्वजनिक करने की मांग आपने विधान सभा में उठाया ? उठाया तो क्या जवाब
मिला ? नहीं उठाया तो क्यों ?
15- सपा सरकार के मौजूदा शासन काल में हुये दंगों में सपा पदाधिकारियों,
कैबिनेट मंत्री और सांसद पर सवाल उठे हैं। क्या आपने इस मुद्दे पर विधान
सभा में सवाल उठाया ? उठाया तो क्या जवाब मिला ? नहीं उठाया तो क्यों
नहीं ?
16- आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोष मुस्लिम नौजवानों का जेलों में लगातार
उत्पीड़न की खबरें आती रही हैं। क्या आपने इस सवाल को कभी सदन में उठाया
? उठाया तो क्या जवाब मिला ? नहीं उठाया तो क्यों नहीं उठाया ?
द्वारा जारी- मो शुऐब, राजीव यादव, शाहनवाज आलम, हरे राम मिश्रा,
राघवेंद्र प्रताप सिंह, तारिक शफीक, अनिल आजमी, मो आरिफ, चैधरी मेहरबान
अली, टीपू सुल्तान, सैयद मोईद अहमद, मो आसिफ, शाने इलाही, आफताब खान,
हाजी मो फहीम, भास्कर चंद उपाध्याय, योगेंद्र यादव।
शहीद मौलाना खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस और आईबी अधिकारियों की
गिरफ्तारी की मांग के लिए विधानसभा लखनऊ धरना स्थल पर अनिश्चित कालीन
धरने से जारी।
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