सेंसेक्स का नया ऑल टाइम पीक छलावा!
SENSEX IS AT 16000. THE REST IS FII FLAB
FII-heavy stocks only drivers of market, rest of it is below 2008 levels
विकास कथा
सिरे से
शारदा फर्जीवाड़ा
और सेनसेक्स
चिटफंड कारोबार
RBI allows FIIs to invest upto $5 bn in credit enhanced bonds
पलाश विश्वास
सेंसेक्स का नया
ऑल टाइम
पीक छलावा!
याद करें दोस्तों,
कितनी दफा
कितनी दफा
हम यही लिखते रहे
बोलते रहे लगातार
विकास कथा
सिरे से
शारदा फर्जीवाड़ा
और सेनसेक्स
चिटफंड कारोबार
अबाध विदेशी पूंजी
और संस्थागत
विदेशी निवेशकों
की अटूट आस्था
की डांवाडोल नींव
पर खड़ी है
मुक्त बाजार की
यह अर्थ व्यवस्था
और
नंगा सच यही है
कि विदेशी हितों
को समर्पित है
भारत की यह
संसदीय प्रणाली
समूची
लोकतांत्रिक व्यवस्था
आम जनता के
विरुद्ध युद्ध जारी है
एकादिकारवादी
राष्ट्रद्रोही सत्ता का
क्रयशक्ति
नागरिकता
की एकमात्र
पहचान है
आधार कार्ड
गैर कानूनी
असंवैधानिक है
संविधान की
हत्या हो रही
रोज रोज
और समूचा
ग्रम्य भारत
अब युद्धबंदी
दंडकारण्य
लहूलुहान
गोंडवाना है
सारे आंकड़े
फर्जी हैं सिरे से
परिभाषाएं
बदल दी गयी हैं
सारे कानून
बदल दिये गये हैं
उत्पादन प्रणाली
ध्वस्त है
आर्थिक सुधार
जन गण के विरुद्ध
अश्वमेध अभियान है
हम लोग अब
भारतवासी नहीं
सेनसेक्स के
वाशिंदे हैं
वेतन,भत्ते,
पीएफ, ग्रेच्युटी,
बीमा,पेंशन
और सारी
जमापूंजी
सारी की सारी
सरकारी कंपनियां
और सारा
संसाधन राष्ट्र का
झोंक दिया
शेयर बाजार में
आसमान में उड़ता
ड्रोन और
हर डिजिटल
बायोमेट्रिक
नागरिक निशाने पर
हर किसी की
खुफिया निगरानी
हर किसी के नाम
गोलियों मिसाइलों
का कोटा
वध्यभूमि पर
हर सीट
आरक्षित है
गरीब रथ
की कोई
मंजिल नहीं
कत्लगाह
के सिवाय
गुब्बारा है
धर्मोन्मादी
राष्ट्रवाद
इंद्रधनुषी
गुब्बारा है
विचारधारा
गुब्बारा है
सामाजिक कार्यक्रम
और
सरकारी खर्च
गुब्बारा है
आर्थिक विकास
गुब्बारा है
भारत उदय
गुब्बारा है
भारत निर्माण
हम सारे लोग
गुब्बारा के
वाशिंदे हैं
हम लोग
सेनसेक्स नागरिक
राजनीतिक
परिवर्तन का
नीति निर्धारण पर
होता नहीं असर कुछ
जनादेश
सिरे से अप्रासंगिक है
क्योंकि नीति निर्धारण
नख से शिख तक
कारपोरेट है
राजनीतिक
संसदीय अनुमोदन
होता सर्वदलीय सहमति से
देश बेचने का
खेल है यह साझा
अल्पमत सरकारें
हैं केंद्र में
सन् 1991 से
लेकिन नीतियों की
निरंतरता
हमेशा विदेशी
कारपोरेट
पूंजी के हित में ही
गौर फरमायें
Sensex is at 16,000. The rest is FII flab!
The FII heavy stocks are the only drivers of the market while the rest of it is below 2008 & 2010 levels. The absolute control of FIIs on market is not so well-understood.
Economic Times
बीएसई सेंसेक्स या मुंबई शेयर बाजार संवेदी सूचकांक भारत का एक मूल्य-भारित सूचकांक है। मुंबई शेयर बाजार ने 1986 में सेंसेक्स की रचना की थी। आज उसकी सिर्फ भारत में हीं नहीं बल्कि विदेश में भी प्रमुख इंडेक्स में गणना होती है। सेंसेक्स में 30 कंपनियों को समाहित किया गया है, जिसकी गणना मार्केट कैपिटलाइजेशन-वेटेज मेथाडोलाजी के आधार पर की जाती है। सेंसेक्स का आधारवर्ष 1978-79 है। सेंसेक्स को समय गुजरतें `फ्री प्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन-वेटेज' मेथाडोलाजी में बदला गया था।
सेंसेक्स का आधार मूल्य १ अप्रैल १९७९ को १०० रु., और आधार वर्ष १९७८-१९७९ है।
जून १९९० को सूचकांक अपने आधार मूल्य से लगभग १० गुना बढ़ गया।
भारत में शेयर बाजार का मापक मुंबई शेयर बाजार (बीएसई) का संवेदी सूचकांक ने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश किया है । इसकी स्थापना 2 जनवरी, 1986 को उस समय की काफी सक्रिय 30 शेयरों के साथ हुई थी, 1979 आधार वर्ष था । आजकल संवेदी सूचकांक के 30 शेयर बीएसई के कुल पूंजीकरण का लगभग 15वां हिस्सा है ।
बीएसई में 4700 से अधिक कंपनियां सूचीबध्द हैं जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा शेयर बाजार बनाती हैं । हालांकि सभी शेयरों में सक्रिय कारोबार नहीं होता । उनसे भी थोड़े से शेयरों से ही बाजार और अर्थव्यवस्था के रूख के बारे में पता चलता है ।
संवेदी सूचकांक की स्थापना के समय मुंबई शेयर बाजार ने कहा था, न्न बाजार के सामान्य रूख को प्रदर्शित करने के लिए इक्विटी मूल्यों के सूचकांक की कमी काफी समय से निवेशकों और समाचार पत्रों द्वारा महसूस की जा रही थी, क्योंकि वे अपना सूचकांक तैयार नहीं कर पाते थे ।
सेंसेक्स मूल्य आधारित सूचकांक है और इसकी गणना विमुक्त प्रवाह पूंजीकरण प्रक्रिया के आधार पर होती है । यह प्रक्रिया एक कंपनी के जारी कुल शेयरों के बाजार -पूंजीकरण की पूर्व की प्रक्रिया से अलग है । इसमें कंपनी की केवल उन शेयरों का उपयोग किया जाता है जो कारोबार के लिए पूरी तरह उपलब्ध है । इस विमुक्त प्रवाह प्रक्रिया में प्रोमोटर, सरकार और सांस्थानिक निवेशकों के शेयर शामिल नहीं है । यह प्रक्रिया , बाजार के रूख की सही तस्वीर पेश करने के लिए 1 सितंबर 2003 को लागू की गयी थी ।
सेंसेक्स की गणना में 30 कंपनियों के विमुक्त प्रवाह पूंजीकरण को सूचकांक विभाजक से विभाजित कर दिया जाता है । यह विभाजक ही सेंसेक्स के मूल आधार वर्ष से संबध्द होता है । यह सूचकांक को तुलनात्मक बनाता है तथा कारपोरेट गतिविधियों से अथवा शेयर बदलने इत्यादि से सूचकांक में होने वाले फेरबदल के लिए परिवर्तन बिंदु भी है ।
सूचकांक का स्वरूप भी कई बार बदल गया है शुरू की 30 मूल कंपनियों में से 11 ही अभी इसका हिस्सा बनी हुई है ।
1986 में संसेक्स में एसीसी, बाम्बे डाइंग, बल्लारपुर इंडस्ट्रीज, सीएट टायर्स, सेंचुरी स्पीनिंग, फूड स्पेशलिटीज़ (अब नेस्ले), ग्रेट इस्टर्न शिपिंग, जीएसएफसी, ग्लैक्सो, ग्वालियर रेयॉन (अब ग्रासिम), हिन्दुस्तान एल्युमिनियम (अब हिंडाल्को), हिन्दुस्तान लीवर (अब हिन्दुस्तान यूनीलीव), हिन्दुस्तान मोटर्स, इंडियन होटल्स, इंडियन रेयॉन , आईटीसी, किर्लोस्कर कुम्मिन्स, लार्सन एंड टूब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मुकंद, पीस इलेक्ट्रानिक्स (अब फिलीप्स), प्रीमियर ऑटोमोबाइल, रिलांयस इंडस्ट्रीज, सीमेंस, टेल्को (अब टाटा मोटर्स), टाटा पावर, टाटा स्टील, वोल्टाज और जेनिथ कंपनियां शामिल थीं।
फिलहाल इसमें एसीसी, भेल, भारती एयरटेल, डीएलएफ, ग्रासिम, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, हीरो होंडा, हिंडाल्को, हिन्दुस्तान यूनीलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, जयप्रकाश एसोसिएट्स, लार्सन एंड टूब्रो, महिंद्रा एवं महिंद्रा, मारूति उद्योग, एनटीपीसी, ओएनजीसी, रिलायंस कम्युनिकेशन, रिलायंस इंडस्ट्रीज, रिलायंस इफ्रास्ट्रक्चर, भारतीय स्टेट बैंक, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, सनफार्मा, टीसीएस, टाटा मोटर्स,टाटा पावर, टाटा स्टील और विप्रो कंपनियां शामिल हैं ।
भारतीय निगमित क्षेत्र ने जो नया आयाम प्राप्त किया है उससे उसकी परिवर्तित स्थिति का स्पष्ट संकेत मिलता है । भारत की तीन बड़ी आईटी-आईटीईएस कंपनिओं टीसीएस,इंफोसिस और विप्रो की उपस्थिति से सूचना प्रौद्योगिकी जगत में उसकी पहले से पहुंच रेखांकित होता है । विनिवेश नीति के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र की पांच कंपनियों के प्रवेश ने छिपी संपदा को सबके सामने रख दिया है । तीन रिलायंस कंपनियों की उपस्थिति से निगमों के विभाजन का झलक मिलता है, वहीं भारती एयरटेल, जयप्रकाश एसोसियेट्स और स्टेरलाइट की पहुंच से नई निगमित हस्तियों का आगमन हुआ है और हाल के पिछले वर्षों की नामी कंपनियों जैसे बाम्बे डायिंग, सेंचुरी, हिन्दुस्तान मोटर्स, प्रीमियर आटोमोबाइल्स और ग्रेट इस्टर्न शिपिंग आदि को संवेदी सूचकांक से हटना पड़ा है ।
अतीत और वर्तमान की सेंसेक्स कंपनियों पर सरसरी तौर पर निगाह डालने से भारतीय अर्थव्यवस्था के सूर्योदय और सूर्यास्त क्षेत्रों का स्पष्ट चित्र देखने को मिलता है। नई संरचना से भी मुंबई मुख्यालय वाली कंपनियों की भारी उपस्थिति में ह्रास आया जो 1996 में 75 प्रतिशत से अधिक दर्ज किया गया था।
सेंसेक्स को चार अंकों को पार करने में दो वर्षों से अधिक लगे । 25 जुलाई 1990 को पहली बार सेंसेक्स 1001 अंकों पर बंद हुआ । 1991 में भारत के तत्कालीन वित्त मंत्री डा0 मनमोहन सिंह ने आर्थिक उदारीकरण के उपायों की जो घोषणा की थी, उससे आर्थिक गतिशीलता आने लगी थी । 1992-93 में भारतीय बाजार के लिए उपयोगी बजट से आयात-निर्यात की आशाएं बढी ज़िससे मार्च 1992 तक सेंसेक्स में 4000 अंकों का उछाल आया । परिवर्तन का यह दौर हर्षद मेहता घोटाला प्रकरण से पहले आया था । वर्ष 2000 में सूचना प्रौद्योगिकी की अभूतपूर्व प्रगति के साथ-साथ सेंसेक्स 6000 अंक को पार कर गया । वर्ष 2006 के आसपास विदेशी निवेशक भी सक्रिय हो गए जिसके परिणामस्वरूप 8 सितम्बर, 2005 को सेंसेक्स 8000 अंक को पार कर गया । 7 फरवरी 2006 बाम्बे सेंसेक्स का स्वर्णिम दिन रहा और इसने 10,000 का आंकड़ा पार कर गया । सेंसेक्स फिर दुगुना हो गया और 29 अक्तूबर, 2007 को 20,000 का आंकड़ा भी पार कर गया । यह 8 जनवरी, 2008 को 21,078 की ऊंचाई तक पहुंच गया ।
इसी बीच वैश्विक मंदी की प्रक्रिया शुरू हुई और विदेशी निवेशकों ने अपने निवेश ( शेयर) को बेचना शुरू कर दिया ।
समय के साथ नए नए क्षेत्र की कंपनियों की बढ़ी संख्या को ध्यान में रख बीएसई ने सेक्टरल सूचकांक की रचना की। 1999 में पांच सेक्टरल सूचकांक प्रारंभ किए गए। 2001 में बीएसई ने पीएसयू इंडेक्स, डोलेक्स-30 और पहली बार बीएसई टेक इंडेक्स का श्रीगणेश किया था। एक्सचेंज द्वारा शेयर सूचकांक के साथ उस सूचकांक की प्रति शेयर आय, बुक वैल्यू रेशियो और प्रतिशत में लाभांश यील्ड (आय) की भी जानकारी दी जाती है। बीएसई इंडेक्स को ट्रेडिंग के दौरान हर 15 सेकेंड में अपडेट करता है। एक्सचेंज की `इंडेक्स कमिटी' द्वारा बीएसई सूचकांक में समय समय पर संशोधन किया जाता है।
उपरोक्त अनुसार बीएसई द्वारा 'सेक्टरल इंडेक्स' के तहत बीएसई टेक्नॉलॉजी (आईटी), बीएसई पीएसयू, बीएसई ऑटो, बीएसई बैंकएक्स, बीएसई कंज्यूमर गुड्स (सीजी), बीएसई कंज्यूमर डयुरेबबल (सीडी), बीएसई एफ एम सी जी, बीएसई हेल्थ केयर (एचसी), बीएसई आई टी, बीएसई मेटल और बीएसई आयल एंड गैस जारी किया जाता है। इस इंडेक्स का मार्केट कैपिटलाइजेशन के अलावा उसके साथ वर्ष का ऊँचा-नीचा स्तर भी दिया जाता है।
Hope whosoever comes to power will manage country well: Indra Nooyi
NEW DELHI: PepsiCo Chairman and CEOIndra Nooyi today hoped that whosoever comes to power after the next elections will manage the country well so that India clocks a consistent 7-8 per cent economic growth.
"Our hope is that whosoever is in power, manages this country consistently for all the potential the country has," Nooyi told PTI when asked about the current political climate in the country.
When asked as to what she thought aboutNarendra Modi as Prime Ministerial candidate, she said: "I have no comments on political situations. I speak as the CEO of a large multinational company. Countries like India should be successful for the long term because India needs growth.
"India needs to grow at 7 to 8 per cent to ensure full employment and we all will do our part to invest in India to make sure India achieves its growth potential."
The US-based beverages and snacks major PepsiCo today announced Rs 33,000 crore investment in India by 2020 to double its business capacity here.
Nooyi said its investment decision in India is not linked to the current political climate in the country.
"We are not guided by elections. We are guided by potential of India. We are not waiting for any election results to invest in India. We are investing in India for its economic story," she added.
PepsiCo is investing behind the core India story, its demographic dividend, entrepreneurial culture and a thriving democracy, Nooyi said.
When asked if the scams like 2G spectrum allocation and 'coalgate' have impacted India's image globally, Nooyi said: "Yes and No. I think we should look at all these very carefully. On one hand you can argue it has tarnished the image and on the other hand you can say this is great, this has come out and they get addressed."
Stating that one should wait and watch how these things evolve, she said: "(I) hope that over the time all these get addressed at the root."
RBI allows FIIs to invest upto $5 bn in credit enhanced bonds
In a bid to attract capital inflows, the RBI today allowed SEBI-registered foreign institutional investors (FIIs) and qualified foreign investors (QFIs) to invest in the credit enhanced bonds up to a limit of $ 5 billion.
These investments would be within the overall limit of $ 51 billion earmarked for corporate debt, RBI said.
The opportunity has been also been extended to long term investors registered with SEBI - Sovereign Wealth Funds (SWFs), Multilateral Agencies, Pension/ Insurance/ Endowment Funds, Foreign Central Banks, the RBI said.
The present limits for investments by FIIs, QFIs and long term investors registered with SEBI in Government securities is $ 30 billion.
Capital inflows help the rupee gain against US dollar. The local currency today slipped to nearly two-month low level closing of 63.24, down 77 paise, against the dollar.
It started weakening since last week after the dollar purchase by oil companies was partly shifted to the market.
FIIs have pulled out Rs 2,916 crore from debt securities so far this month. They have withdrawn Rs 53,070 crore from the debt market since the beginning of year, shows Sebi data.
In June, the RBI said credit enhancement can be provided by eligible non-resident entities to the domestic debt raised through issue of INR bonds/ debentures by all borrowers eligible to raise ECB under the automatic route.
It was then also decided to reduce the minimum average maturity of the underlying debt instruments from seven years to three years, as per a RBI circular.
Indian Oil Corporation disinvestment; roadshows to begin tomorrow
Government will tomorrow begin roadshows in US for sale of its 10 per cent stake in nation's largest oil firm, Indian Oil Corp (IOC), that may fetch as much as Rs 3,900 crore.
Roadshows are planned in United Statesand London this week, sources with direct knowledge of the development said.
Officials from Ministry of Petroleum and Natural Gas and the Department of Disinvestment will hardshell IOCBSE -4.71 %stake sale, which is crucial for meeting government's disinvestment target of Rs 40,000 crore.
The issue of 19.16 crore IOC shares is likely to hit the market sometime in December, they said.
IOC Chairman R S Butola had last week stated that the department of disinvestment (DoD) may be wanting to assess the market conditions at the roadshows and will take a view on the stake sale based on the response.
"They would like to assess the market conditions and response for themselves," he had said. "Government decision (on disinvestment) is still awaited."
IOC believes the government should not launch the stake sale now as the company share price is "unduly depressed".
IOC scrip closed at Rs 203.15 on the BSE, 46 per cent below the 52-week peak of Rs 375 reached on January 18.
"We had given our inputs (on the disinvestment) in October... We believe prices are unduly depressed at this point of time," Butola had said.
The Department of Disinvestment (DoD), which is looking at mopping up Rs 40,000 crore from the sale of shares in public sector units this fiscal, has raised about Rs 1,325 crore so far.
The sale of 19.16 crore IOC shares at the current price would fetch the government about Rs 3,900 crore. Government holds 78.92 per cent stake in the country's largest oil refiner as on June 30.
Originally, the roadshows were to be held from October 6 but were put off following opposition from IOC and the Oil Ministry which held that the country's crown jewels cannot be sold at low prices.
Oil Secretary Vivek Rae had on October 1 stated that his ministry favours calling off the roadshows and said "if the timing is not right for disinvestment, what is the point of having roadshows?
"They have their own target for disinvestment. We cannot at the same time sell an IOC share at Rs 200".
He had said: "You have to balance out the need for mobilising Rs 40,000 crore from disinvestment along with the fact that you cannot sell your crown jewels at low prices."
Citibank, HSBC and UBS Securities are among the five merchant bankers selected to manage the IOC share sale.
Butola in his inputs on the disinvestment had told the government that the timing was not right due to the "prevailing uncertain environment".
It was felt that a share sale under present conditions could fetch a low price and would further dent IOC's efforts to raise loans for crude oil imports.
RBI waives 'No Objection Certificate' criteria for investment from NRI into finance firm
MUMBAI: The Reserve Bank today waived the requirement of No Objection Certificate(NoC) with regard to share transfer from residents to non-residents where the investee company is in the financial servicesdomain.
On a review, it has now been decided that the requirement of NoC(s) will be waived from the perspective of Foreign Exchange Management Act, RBI said in a notification.
However, it said "any 'fit and proper or due diligence' requirement as regards the non-resident investor as stipulated by the respective financial sector regulator should have to be complied with."
As per existing norms, the NOCs are obtained from the respective financial sector regulators or regulators of the investee company as well as transferor and transferee entities.
In a separate notification, RBI said, any authorisation such as Advance Authorisation (AA) / Duty Free Import Authorisation (DFIA) has be utilised for import of gold meant for export purposes only and no diversion for domestic use shall be permitted.
It further said entities/units in the SEZ and EoUs, premier and star trading houses are permitted to import gold exclusively for the purpose of exports only.
"Similarly, exports towards fulfilment of obligation under AA/DFIA scheme shall not qualify as export for the purpose of the scheme of 20:80," it said.
To curb gold demand, the RBI had earlier linked imports of the metal to the exports.
इकनॉमिक टाइम्स | Nov 11, 2013, 10.43AM IST
परदे में है सेंसेक्स की रियल पिक्चर
राजेश मैस्केरेनहास, मुंबई:
हाल के हफ्तों में सेंसेक्स के ऑल टाइम हाई लेवल से जुड़ी खबरें सुर्खियां बनी रहीं। ज्यादातर एक्सपर्ट्स ने कहा कि फॉरेन इनवेस्टमेंट बढ़ने के चलते यह तेजी आई है। हालांकि, इसमें कॉरपोरेट परफॉर्मेंस और कुछ सेक्टरों में रिकवरी के रोल से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
इसमें दो राय नहीं है कि हाल के वर्षों में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एफआईआई) का दबदबा शेयर बाजार में बढ़ा है। जनवरी 2012 से अब तक एफआईआई भारतीय शेयरों में तकरीबन 2,20,000 करोड़ रुपए लगा चुके हैं। पिछले फिस्कल ईयर में इकनॉमिक ग्रोथ के 10 साल के लो लेवल पर पहुंचने और कंपनियों के सुस्त परफॉर्मेंस के बावजूद एफआईआई भारत पर बुलिश हैं।
इकनॉमिक टाइम्स ने बाजार में एफआईआई के दबदबे को समझने की कोशिश की है। इसके तहत हमने वैसी कंपनियों को सेंसेक्स से हटा दिया है, जिसमें एफआईआई होल्डिंग काफी कम है। इसमें हमने ज्यादा एफआईआई होल्डिंग वाले 15 स्टॉक्स को ही इंडेक्स माना है। अगर इस तरीके से देखा जाए और सेंसेक्स के 2008 के बेस को ध्यान में रखें, तो इसकी वास्तविक वैल्यू 41,000 है, जो करेंट लेवल का डबल है।
अगर आप सेंसेक्स में सिर्फ लो एफआईआई होल्डिंग वाली कंपनियों के शेयरों को रखते हैं, इंडेक्स की वैल्यू 16,000 बैठती है, जो मौजूदा लेवल से काफी कम है। हमने रीटेल इनवेस्टर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए स्मॉल कैप और मिड कैप शेयरों के साथ भी इस तरह का अभियान शुरू किया। सिर्फ इन दोनों सूचकांकों को ही सेंसेक्स में रखा गया। सिर्फ मिड कैप शेयरों के साथ सेंसेक्स की वैल्यू 13,369 थी, जबकि स्मॉल कैप स्टॉक्स के मामले में यह आंकड़ा 9,420 रहा।
कहानी का सबकः एफआईआई इनवेस्टर्स ही मार्केट को आगे बढ़ा रहे हैं, जबकि दूसरे शेयरों के लिए हालात 2008 और 2010 जैसे ही हैं। कहने की जरूरत नहीं है कि रीटेल इनवेस्टर्स बाजार से दूर हैं।
SENSEX IS AT 16000. THE REST IS FII FLAB
FII-heavy stocks only drivers of market, rest of it is below 2008 levels
RAJESH MASCARENHAS MUMBAI
Screaming headlines and breathless market commentary about the Sensex's alltime highs have dominated discourse on the markets in recent weeks. While most experts have focused on surging overseas investor flows as the main driver — although corporate performance and a rebound in some sectors have also played a part — the absolute control that FIIs have come to exert on the market is perhaps not so well-understood. Since January 2012, FIIs have invested nearly . 2,20,000 crore in Indian stocks. The rush has happened despite poor corporate earnings and economic growth slipping to a decade-low in FY13. ET conducted an exercise to find a different way of expressing the extent of FII dominance. We tweaked the Sensex to remove all stocks with low FII holding and assumed the benchmark to comprise the top 15 stocks with the highest foreign fund holding. Seen this way, and taking the Sensex's base of 2008, its value is actually 41,000, double the current levels. If you only take stocks with the lowest FII weightage, the index is at 16,000, lower than current levels. We conducted another exercise with small-cap and midcap stocks. The Sensex was reconstituted with the members of these two indices. The benchmark's value with only midcap stocks was 13,369; with small-caps, it was 9,420. Moral of the story: The FIIheavy stocks are the only drivers of the market while the rest of it is below the levels recorded in 2008 and 2010. No wonder retail investors are staying away.
Economic Times
क्या हैं एनएसई, बीएसई, निफ्टी और सेंसेक्स?
भारत में दो प्रमुख शेयर बाजार सूचकांक हैं बॉंबे स्टॉक एक्सचेंज या बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या एनएसई. बीएसई जहां मुंबई में स्थित है और भारत की सबसे पुरानी सूचकांक प्रणाली है, वहीं एनएसई बीएसई के बाद बना और यह दिल्ली में स्थित है. भारतीय शेयर बाजार इन्हीं दो सूचकांकों के आधार पर चलता है. निफ्टी एनएसई के अंतर्गत आने वाला सूचकांक है.
निफ्टी और एनएसई
निफ्टी के अंतर्गत 50 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं. यह इंडिया इंडेक्स सर्विसेस एंड प्रोडक्ट्स लिमिटेड के अंतर्गत आने वाला सूचकांक है. इंडिया इंडेक्स सर्विसेस एंड प्रोडक्ट लिमिटेड (IISL) एनएसई तथा क्रिसिल (NSE and CRISIL – Credit Rating and Information Services of India Ltd) का संयुक्त उद्यम है. आईआईएसएल (IISL) सूचकांकों पर आधारित भारत की पहली कंपनी है. इसे अमेरिका की एस एंड पी (Standard & Poor's) कंपनी से मार्केटिंग और लाइसेंसिंग का अधिकार मिला हुआ है. निफ्टी को निफ्टी सीएनएक्स या निफ्टी 50 भी कहते हैं. निफ्टी सीएनएक्स का अर्थ है क्रिसिल एनएसई सूचकांक (CRISIL NSE Index). निफ्टी भारतीय अर्थव्यवस्था के 22 सेक्टरों का सूचकांक बताता है. सितंबर 2012 तक यह एनएसई में सूचीबद्ध लगभग 67 प्रतिशत स्टॉक की मार्केट कैपिटल की जानकारी देता है.
Read: राम के भरोसे लगाएंगे नैय्या पार
बीएसई और सेंसेक्स
बीएसई जैसा कि ऊपर ही बताया गया है बॉंबे (मुंबई) स्टॉक एक्सचेंज है. यह भारत की सबसे पुरानी सूचकांक प्रणाली है. इसके अंतर्गत 30 कंपनियां सूचीबद्ध हैं. सेंसेक्स बीएसई के अंतर्गत आनेवाला संवेदी सूचकांक है तथा यह बीएसई में सूचीबद्ध 30 कंपनियों के कैपिटल में आए उतार चढ़ाव को प्रदर्शित करता है.
निफ्टी और सेंसेक्स में अंतर
निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही संवेदी सूचकांक हैं. दोनों में फर्क बस इतना है कि निफ्टी जहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का हिस्सा है, वहीं सेंसेक्स बॉंबे स्टॉक एक्सचेंज का हिस्सा है. इसके अलावे दोनों में एक बड़ा अंतर यह भी है कि जहां बीएसई के अंदर मात्र 30 कंपनियां सूचीबद्ध हैं, वहीं सेंसेक्स के अंतर्गत 50 कंपनियां. इसलिए निफ्टी शेयर बाजार के लिए ज्यादा विश्वासपरक साबित होती है क्योंकि जाहिर है कि 30 कंपनियों के मुकाबले 50 कंपनियों के कैपिटलाइजेशन का आंकलन बाजार की ज्यादा वास्तविक स्थिति दिखाएगा. पर अंत में दोनों ही संवेदी सूचकांकों का वास्तविक मकसद शेयर बाजार की स्थिति बताना ही है.
Read: गिरता रुपया निवेशकों को दूर ले जाएगा-2
बाजार और संवेदी सूचकांक
यहां यह तो साफ है कि निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही संवेदी सूचकांक हैं जो इसके अंतर्गत सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के उतार चढ़ाव का आंकलन करते हुए शेयर बाजार की वर्तमान स्थिति बताते हैं. शेयर बाजार की यह स्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है. इसी के आधार पर निवेशक बाजार में निवेश की अपनी योजनाएं तय करते हैं. खासकर छोटे निवेशकों के लिए शेयर बाजार का सूचकांक उनके निवेश की पूंजी की दिशा तय करता है. शेयर बाजार के बढ़ते-घटते सूचकांकों के आधार पर ही वे तय करते हैं कि उन्हें किस कंपनी के शेयर खरीदने हैं या कहां निवेश करना है या निवेश करना है कितनी राशि निवेश करनी है. इसी प्रकार भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को भी ये सूचकांक बहुत हद तक प्रभावित करते हैं. शेयर बाजार में सूचकांकों का लगातार गिरना जहां किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं माना जाता, वहीं शेयर बाजार में निरंतर उछाल देश की मजबूत अर्थव्यवस्था का द्योतक होता है. इससे निवेश की संभावनाएं बढ़ती हैं, जो अंत में देश की अर्थव्यवस्था को कई प्रकार से मजबूती प्रदान करता है.
http://www.jagranjunction.com/2013/08/26/business-terms-in-hindi/
*राजीव रंजन झा : दीपावली से ठीक पहले 1 नवंबर को अपने राग बाजारी में मैंने बाजार की तेजी के संदर्भ में लिखा था कि "जब तक यह संगीत बज रहा है, तब तक इसका मजा लें। लेकिन याद रखें कि विक्रम-वेताल के किस्से में जैसे वेताल लौट-लौट कर आता है, उसी तरह ये चिंताएँ भी लौटती रहेंगीं।" पिछले हफ्ते की नरमी के बाद नये हफ्ते की शुरुआत भी कमजोर होती दिख रही है। ऐसे में संभव है कि बहुत सारे विश्लेषक चिंताओं के पहलू फिर से देखने लगें। आज सुबह के कारोबार में बाजार खुलते ही निफ्टी ने 6071 का निचला स्तर छुआ है, हालाँकि व्यावहारिक रूप से यह बाजार खुलने के बाद से 6100 के करीब या इससे जरा ऊपर टिकने की कोशिश करता दिख रहा है। अगर दीपावली के दिन मुहुर्त कारोबार में 3 नवंबर को बने ऊपरी स्तर 6342 से तुलना करें, तो आज सुबह के निचले स्तर पर यह 271 अंक गिर चुका है। यहाँ गौरतलब है कि आज सुबह के निचले स्तर 6071 पर जाकर निफ्टी ने 29 अक्टूबर 2013 को बनी ताजा तलहटी 6079 को तोड़ा है। लेकिन चार्ट देख कर लगता नहीं कि 6071 के पास निफ्टी जरा भी रुक पाया। इसलिए अभी संदेह का लाभ देना चाहिए। सुबह के कारोबार में कमजोरी के बावजूद निफ्टी 6100 के पास सहारा लेने की कोशिश कर रहा है। अगर यह फिर से नीचे आने लगे और उस समय यह 6070 से नीचे चला जाये तो निश्चित रूप से यह चिंता की बात होगी। वैसी स्थिति में निफ्टी के दैनिक चार्ट पर स्पष्ट रूप से दिखेगा कि ऊपरी तलहटियाँ (हायर बॉटम) बनने का सिलसिला टूटा है। इस बीच डॉलर के मुकाबले रुपये में फिर से कमजोरी आती दिख रही है। आज सुबह के कारोबार में एक डॉलर की कीमत 63.40 रुपये के पास नजर आ रही है, जबकि हाल में यह 61-62 के दायरे में टिकता दिख रहा था। अगर आप जुलाई-अगस्त का समय याद करें तो उस समय भी शेयर बाजार में कमजोरी और डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी साथ-साथ चली थी। क्या एक बार फिर दोनों ने नीचे की राह पकड़ ली है? भारतीय शेयर बाजार के दो प्रमुख सूचकांकों की अगर तुलना करें तो अभी दिलचस्प पहलू यह है कि जहाँ सेंसेक्स ने अपने लक्ष्यों को छुआ है, जबकि निफ्टी जरा पीछे रह जा रहा है। सबसे पहली बात तो यही कि सेंसेक्स जनवरी 2008 के शिखर 21,207 को पार करने में सफल रहा, जबकि निफ्टी ऐसा नहीं कर पाया और उससे पहले ही दीपावली के दिन 6342 तक जाकर रुक गया। इससे पहले 30 अक्टूबर को मैंने निफ्टी के लिए लिखा था कि "अगर इस बार यह 6252 को पार करता है, तो 6357 के रिकॉर्ड तक जाना बहुत स्वाभाविक माना जा सकता है।" एक तरह से कहा जा सकता है कि निफ्टी ने उस लक्ष्य को छू लिया, लेकिन फिर भी 15 अंक का एक फासला तो रह ही गया। वहीं सेंसेक्स के लिए मैंने उस दिन आगे 21,300 का पहला लक्ष्य माना था। यह 3 नवंबर को 21,322 तक चढ़ा। यह भी गौरतलब है कि जहाँ आज सुबह के कारोबार में निफ्टी ने अपनी ताजा तलहटी 6079 को बहुत साफ ढंग से नहीं तोड़ा है, वहीं सेंसेक्स 28 अक्टूबर की ताजा तलहटी 20,771 से ठीक-ठाक नीचे आ चुका है। आज सुबह के कारोबार में सेंसेक्स 20,482 तक फिसलता दिखा है और शुरुआती घंटे में थोड़ा संभलने के बाद भी अभी 20,600 के नीचे ही चल रहा है। यानी भले ही निफ्टी ने ऊपरी तलहटी बनाने का क्रम साफ तौर पर अभी नहीं तोड़ा, मगर सेंसेक्स ने यह काम कर दिया है। इसलिए सावधान रहें, यही बेहतर है। Rajeev Ranjan Jha (शेयर मंथन, 11 नवंबर 2013) |
सेंसेक्स 175 अंक टूटा, 6079 पर बंद निफ्टी
प्रकाशित Mon, नवम्बर 11, 2013 पर 15:33 | स्रोत : Moneycontrol.com
संबंधित खबरें
रुपये के 63 के पार पहुंचने और रियल्टी-कैपिटल गुड्स शेयरों में आई भारी गिरावट से बाजार 1 फीसदी टूटे। सेंसेक्स 175 अंक गिरकर 20491 और निफ्टी 62 अंक गिरकर 6079 पर बंद हुए। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर 1-0.6 फीसदी गिरे।
रियल्टी और कैपिटल गुड्स शेयर 3-2.5 फीसदी लुढ़के। पीएसयू, पावर, बैंक, ऑयल एंड गैस, ऑटो, एफएमसीजी, मेटल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शेयर 1.75-1 फीसदी टूटे। हेल्थकेयर और आईटी शेयर 0.4-0.2 फीसदी मजबूत हुए। तकनीकी शेयर सुस्त रहे।
बाजार की चाल
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के 63 का स्तर तोड़ने की वजह से बाजार गिरावट के साथ खुले। हालांकि, निफ्टी 6100 के स्तर के ऊपर बने रहने में कामयाब रहा। वहीं, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में सुस्ती नजर आई।
कारोबार के पहले घंटे में बाजार में गिरावट बढ़ी। सेंसेक्स 180 अंक टूटा और निफ्टी 6100 के नीचे फिसला। लेकिन, जल्द बाजार संभले। हालांकि, निफ्टी 6100 के करीब ही घूमता नजर आया। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर गिरे।
सालाना आधार पर अक्टूबर में व्यापार घाटा आधा रहने की खबर से बाजार में जोरदार रिकवरी आई। दिन के निचले स्तरों से सेंसेक्स 160 अंक और निफ्टी 55 अंक संभले। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में हल्की कमजोरी बाकी रही।
लेकिन, दोपहर के बाद बाजारों पर फिर से बिकवाली का दबाव आया। सेंसेक्स 125 अंक टूटा और निफ्टी फिर से 6100 के नीचे पहुंचा। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर दबाव बढ़ा और दोनों में 0.25 फीसदी की गिरावट दिखी।
कारोबार के आखिरी घंटे में बाजार में गिरावट गहराई। सेंसेक्स 200 अंक से ज्यादा लुढ़का। निफ्टी करीब 75 अंक की गिरावट के साथ 6070 के नीचे पहुंचा। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी गिरावट बढ़ी।
क्या गिरा, क्या चढ़ा
दिग्गजों में हिंडाल्को, एक्सिस बैंक, एसीसी, इंडसइंड बैंक, एनएमडीसी, बीपीसीएल, जेपी एसोसिएट्स, डीएलएफ, एलएंडटी, आईडीएफसी, ओएनजीसी, रैनबैक्सी, एसबीआई, हीरो मोटो, एशियन पेंट्स 4.75-2 फीसदी टूटे।
वित्त वर्ष 2014 की दूसरी तिमाही में टाटा मोटर्स का मुनाफा 70.8 फीसदी बढ़कर 3542 करोड़ रुपये रहा। टाटा मोटर्स 1.75 फीसदी गिरा।
वित्त वर्ष 2014 की दूसरी तिमाही में सेल का मुनाफा करीब 2 गुना बढ़कर 1180 करोड़ रुपये रहा। सेल 2 फीसदी टूटा।
साल 2013 की तीसरी तिमाही में हेक्सावेयर की आय 15.7 फीसदी बढ़कर 621 करोड़ रुपये रही। हेक्सावेयर 2.5 फीसदी गिरा।
वित्त वर्ष 2014 की दूसरी तिमाही में क्रॉम्प्टन ग्रीव्स का मुनाफा 39 फीसदी बढ़कर 58.4 करोड़ रुपये रहा। क्रॉम्प्टन ग्रीव्स 1.25 फीसदी कमजोर हुआ।
वित्त वर्ष 2014 की दूसरी तिमाही में देना बैंक का मुनाफा 55.2 फीसदी घटकर 107.4 करोड़ रुपये रहा। देना बैंक 6.6 फीसदी टूटा।
वित्त वर्ष 2014 की दूसरी तिमाही में यूनाइटेड बैंक को 489.5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यूनाइटेड बैंक 8.5 फीसदी लुढ़का।
वित्त वर्ष 2014 की दूसरी तिमाही में जैन इरिगेशन को 65 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। जैन इरिगेशन 4.25 फीसदी टूटा।
सुप्रीम कोर्ट ने एस्सार ऑयल से गुजरात सरकार को तत्काल 5170 करोड़ रुपये चुकाने को कहा है। एस्सार ऑयल 2 फीसदी गिरा।
दिग्गजों में डॉ रेड्डीज 3 फीसदी चढ़ा। टाटा स्टील, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी बैंक, टीसीएस 1.5-0.5 फीसदी मजबूत हुए।
खबर है कि सरकार राजस्थान के बाड़मेर इलाके में केर्न इंडिया को और ब्लॉक आवंटित कर सकती है। केर्न इंडिया 2.25 फीसदी चढ़ा।
वित्त वर्ष 2014 की दूसरी तिमाही में वक्रांगी सॉफ्टवेयर का मुनाफा 32.4 फीसदी बढ़कर 43.7 करोड़ रुपये रहा। वक्रांगी सॉफ्टवेयर 8 फीसदी उछला।
वित्त वर्ष 2014 की दूसरी तिमाही में यूबी होल्डिंग्स को 1,024.3 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। यूबी होल्डिंग्स 7.75 फीसदी चढ़ा।
वित्त वर्ष 2014 की दूसरी तिमाही में डिवीज लैब का मुनाफा 73.7 फीसदी बढ़कर 205 करोड़ रुपये रहा। डिवीज लैब 8 फीसदी उछला।
अंतर्राष्ट्रीय संकेत
यूरोपीय बाजारों में बेहद सुस्त कारोबार हो रहा है। हालांकि डीएएक्स, सीएसी और एफटीएसई हरे निशान में नजर आ रहे हैं।
एशियाई बाजारों में हैंग सैंग और निक्केई 1.5-1.25 फीसदी चढ़े। स्ट्रेटस टाइम्स और शंघाई कंपोजिट में भी बढ़त दिखी। ताइवान इंडेक्स और कॉस्पी 0.6-0.4 फीसदी गिरे।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 63 के स्तर के पार चला गया है। कारोबार के दौरान रुपया 63.48 तक टूटा। फिलहाल रुपया 63.27 के स्तर पर है।
India has emerged as the largest PPP market in world: Arvind Mayaram
BHUBANESWAR: Terming Odisha's achievement in public-private-partnership sector as "a plan outside the plan", Department of Economic Affairs SecretaryArvind Mayaram today said India has emerged as the largest PPP market in the world.
"The achievement of the Odisha government in this respect can be termed as a plan outside the plan, which has been created to achieve the objectives of the original plan," DEA secretary Mayaram said while addressing a workshop on PPP investment here.
Stating that India has emerged as the largest PPP market in the world, Mayaram said it is quite astonishing that in a very short period Odisha has pipelined PPP projects worth Rs 13,000 crore in public infrastructure.
"I would like to place on record our gratitude to the Government of Odisha for their endeavour," Mayaram said.
He also praised the state government in taking up an innovative 'Power-saving street lighting' project via PPP mode which will act as a model for replication in other states.
"Now we have reached a very good beginning level and the need is to move forward with contract management and regular monitoring of concession agreements," Mayaram said.
Addressing the gathering Chief Minister Naveen Patnaik said: "Projects like bulk water supply, health services, urban waste disposal and establishment of educational institutions in tribal districts have been taken up in the PPP mode."
"Also rural infrastructure in roads, drinking water facility, sanitation are also at the top of the government's agenda," the Chief Minister said.
"A total of 40 projects in PPP mode have been finalised and 26 are already under implementation," Chief Secretary J K Mohapatra said.
Odisha is one among few states who have qualified for Technical Assistance (TA) for PPP being run with ADB support.
The ADB-DEA PPP initiatives covers mainly four areas like improving PPP enabling environment, building capacity of PPP cells, mainstreaming of PPP projects, preparing pilot projects and Providing Urban Amenities to Rural Area ( PURA).
Inflows through special swap windows touch $17.5 billion: RBI
MUMBAI: The Reserve Bank today said it has received USD 17.5 billion so far through the two special windows for swapping foreign currency non-resident (banks) deposits and overseas foreign currency borrowings by banks.
The central bank operationalised these special windows on September 4 to prop therupee which had fallen close to 30 per cent between April and August. The window will remain open till November 30.
The special widow allows banks to swap the fresh FCNR (B) dollar funds, mobilised for a minimum tenor of three years and over, at a fixed rate of 3.5 per cent per annum for the tenor of the deposit.
The RBI also allowed banks to borrow up to 100 per cent of tier I capital from overseas, which can be swapped with the central bank at a concessional rate of 100 basis points below the ongoing swap rate prevailing in the market.
The rupee has gained nearly 11 per cent from September till date on account of higher dollar inflows and other measures taken by the RBI and the government.
On November 6, the RBI said that it had received USD 15.2 billion from the special concessional window.
Many analysts have pegged inflows from these instruments to be in range of USD 20 to 25 billion.
The rupee was the worst performing Asian currency between end-May and September 3, losing close to 30 per cent from the beginning of the fiscal. Between April 2 and today, the rupee is still down over 16 per cent.
These two windows, coupled with the one for oil companies under which RBI directly sells dollars to them, apart from the sentiment booster that new Governor Raghuram Rajan offered in his inaugural address, have been the main reasons for the massive recoup of the rupee.
छत्तीसगढ़: नक्सलियों का बहिष्कार बेअसर, 70% वोटिंग
आईबीएन-7 | Nov 11, 2013 at 06:42pm | Updated Nov 11, 2013 at 10:36pm
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार के आह्वान को नकारते हुए यहां सोमवार को विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 सीटों के लिए हुए मतदान में करीब 70 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस दौरान दंतेवाड़ा में नक्सलियों के हमले में एक जवान शहीद हो गया। वहीं कांकेर में हुए मुठभेड़ में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवान घायल हो गए।
एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि बस्तर क्षेत्र के 12 और राजनांदगांव के एक विधानसभा सीट पर सुबह सात बजे से मतदान शुरू हुआ और दोपहर बाद तीन बजे मतदान समाप्त हो गया। वहीं पांच अन्य सीटों पर सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ और शाम पांच बजे मतदान समाप्त हो गया। सर्वाधिक मतदान राजनांदगांव और सबसे कम मतदान बीजापुर में होने की खबर है।
छत्तीसगढ़ में पहले चरण में बस्तर में 12 और राजनांदगांव में छह सीटों के लिए मतदान कराए गए। दोनों ही खनिज पदार्थो से संपन्न और घने जंगलों वाले इलाके हैं। ये नक्सलियों के गढ़ माने जाते हैं। दंतेवाड़ा में एक मतदान केंद्र पर संदिग्ध नक्सलियों द्वारा गोलीबारी शुरू करने पर मतदान 10-15 मिनट के लिए रोक दिया गया था।
उधर, कांकेर जिले में हुए विस्फोट में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान घायल हो गया, जबकि बीजापुर में 10 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया गया। बस्तर क्षेत्र की 12 और राजनांदगांव की छह सीटों के लिए हो रहे चुनाव में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। पहले चरण में 18 विधानसभा क्षेत्रों के 4,142 मतदान केंद्रों पर मतदान कराया गया। इनमें से 1,311 केंद्र अति संवेदनशील और 1,517 संवेदनशील थे।
पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने बताया कि बस्तर के अलग-अलग हिस्सों से 15 देसी बम बरामद किए गए। बीजापुर, सुकमा, कोंटा और अनंतगढ़ विधानसभा क्षेत्रों में जंगली इलाकों में स्थित नौ केंद्रों पर नक्सलियों ने मतदान में बाधा डाली।
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि यहां अच्छा मतदान हुआ है। मतदाताओं के बीच उत्साह है, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए अच्छा संकेत है। इधर, जगदलपुर और कोंटा विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई है। झड़प में जगदलपुर से कांग्रेस उम्मीदवार सामू कश्यप को चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
नक्सल प्रभावित 18 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान सोमवार सुबह धीमी गति से शुरू हुआ। ये क्षेत्र नक्सलियों के गढ़ माने जाते हैं और यहां के जंगली इलाकों में स्थित मतदान केंद्र वीरान नजर आ रहे थे, यहां दिन चढ़ने के साथ मतदान में तेजी आई। 'राइट टू रिजेक्ट' के नाम से लोकप्रिय नन ऑफ द एबव (एनओटीए) के विकल्प को भी वोटिंग मशीन में रखा गया है, जिसकी शुरुआत भारत में छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रथम चरण के मतदान से हुई।
यहां 13 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान सुबह सात बजे और पांच अन्य केंद्रों पर सुबह आठ बजे शुरू हुआ। बस्तर क्षेत्र के जंगली इलाकों के अधिकांश मतदान केंद्र शुरुआत में वीरान नजर आए। जिन केंद्रों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ, वहां दोपहर तीन बजे मतदान संपन्न हो गया, ताकि अधिकारी सूर्यास्त तक नक्सल प्रभावित इलाकों से सुरक्षित लौट सकें।
इधर, जगदलपुर, कांकेर और राजनांदगांव में मतदान तेज गति से हुआ और यहां मतदान शुरू होने से पहले ही मतदाताओं की लंबी कतारें लग गई थीं। राजनांदगांव से मुख्यमंत्री और भाजपा के उम्मीदवार रमन सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। यहां महिलाओं और युवाओं की लंबी कतारें देखी गईं। उल्लेखीय है राज्य में दूसरे और अंतिम चरण में 72 सीटों पर इस महीने की 19 तारीख को मतदान होगा।
मुख्यमंत्री सहित 143 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में बंद :
पहले चरण में योग्य 29 लाख मतदाताओं में से 67 फीसदी ने मुख्यमंत्री रमन सिंह, उनके मंत्रिमंडल के तीन सदस्य, जीरम घाटी हमले में शहीद पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा और इस हमले में शहीद पूर्व विधायक उदय मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार समेत 143 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद कर दिया। इन मतदाताओं में 14 लाख 53 हजार 730 पुरुष और 14 लाख 78 हजार 659 महिला मतदाता हैं। वहीं 811 सर्विस वोटर हैं।
अमेरिका में भी धूमधाम से मनाई गई छठ पूजा
वॉशिंगटन
छठ पूजा की धूम सात समंदर पार भी दिखी। अमेरिका में इस पावन पर्व को पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाया गया। भारतीय अमेरिकी बड़ी तादाद में छठ मनाने के लिए वीकेंड में तापमान के शून्य से भी नीचे होने के बावजूद ऐतिहासिक पोटोमैक नदी के किनारों पर एकजुट हुए।
पटना के एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर ने अमेरिका में छठ मनाने की शुरुआत की थी। यह पांचवां साल है जब सूर्य की पूजा के लिए समर्पित यह सालाना त्योहार यहां मनाया गया। इस समारोह का अकेले ही आयोजन करने वाले पटना के कृपा शंकर सिंह ने बताया कि हमें शानदार प्रतिक्रिया मिली है और छठ पूजा करते वक्त हमें देखने के लिए आने वाले लोगों की तादाद हर साल बढ़ रही है।
उन्होंने बताया कि कुछ भारतीय अमेरिकी अटलांटा से भी यहां आए। कम्युनिटी के सदस्यों ने इस समारोह को अगले साल और बड़े लेवल पर आयोजित करने की मांग की है। तापमान के शुक्रवार शाम और शनिवार तड़के जीरो से भी नीचे होने के बावजूद कई श्रद्धालुओं को नदी के बेहद ठंडे पानी में पारंपरिक तरीके से छठ पूजा करते देखा गया। लोगों को ठंड से बचाने के लिए अलाव और इलेक्ट्रिक हीटरों का भी इंतजाम किया गया था।
आयोजन करने वाले कृपाशंकर सिंह की पत्नी अनीता को बिहार में रह रही उनकी सास ने छह साल पहले छठ मनाने को कहा था। इसके बाद सिंह और उनके कुछ दोस्त लौदन काउंटी में पोटोमैक नदी के किनारे पिकनिक मनाने गए थे। सिंह ने बताया कि उनके मन में तब यह ख्याल आया कि ये जगह छठ पूजा करने के लिए बिल्कुट सटीक है। इसके बाद उन्होंने लौदन काउंटी पार्क ऐंड रिक्रिएशन डिपार्टमेंट से छठ पूजा करने की इजाजत मांगी और उन्हें मंजूरी दे दी गई।
अक्टूबर में व्यापार घाटा 10 अरब डॉलर के पार
Published on Nov 11, 2013 at 17:23
नई दिल्ली। अक्टूबर महीने में देश का व्यापार घाटा 10 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। अक्टूबर में व्यापार घाटा 10.56 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वहीं इसी साल सितंबर में देश का व्यापार घाटा 6.7 अरब डॉलर रहा था। हालांकि पिछले साल अक्टूबर में व्यापार घाटा 20 अरब डॉलर के आसपास था। इस साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान व्यापार घाटा 90.68 अरब डॉलर हो गया है।
महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर में देश का इंपोर्ट 3,444 करोड़ डॉलर से बढ़कर 3,783 करोड़ डॉलर हो गया है। वहीं महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर में देश का एक्सपोर्ट 2,768 करोड़ डॉलर से घटकर 2,727 करोड़ डॉलर रहा। महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर में सोने और चांदी का इंपोर्ट 80 करोड़ डॉलर से बढ़कर 137 करोड़ डॉलर रहा। महीने दर महीने आधार पर अक्टूबर में क्रूड का इंपोर्ट 1,319 करोड़ डॉलर से बढ़कर 1,500 करोड़ डॉलर रहा।
अक्टूबर में बढ़ी रही नौकरी बाजार की रौनक!
Published on Nov 11, 2013 at 17:09
नई दिल्ली। आर्थिक सुस्ती के बावजूद सितंबर की तुलना में अक्टूबर माह में देश में नौकरियों के अवसर ज्यादा रहे। रोजगार सलाहकार सेवा देने वाली कंपनी नौकरी डॉट कॉम के अनुसार सितंबर की तुलना में अक्टूबर में रोजगार के अवसर 4 प्रतिशत अधिक रहे। देश में इस दौरान सबसे ज्यादा नौकरी के अवसर बेंगलुरू मे रहे।
सितंबर की तुलना में यहां 7 प्रतिशत अधिक नई नौकरियां आईं। इसके बाद हैदराबाद और मुंबई का नबंर रहा। इन स्थानों में रोजगार के अवसरों में क्रमशः 6 और चार प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। पिछले साल अक्टूबर महीने की तुलना में इस साल इस अवधि में 11 प्रतिशत अधिक नियुकि्तयां की गईं।
एस्सार को मोहलत देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
Published on Nov 11, 2013 at 16:44
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात को बकाए बिक्री कर की रकम देने के लिए कुछ अतिरिक्त समय देने संबंधी एस्सार ऑयल लिमिटेड की याचिका आज खारिज कर दी। न्यायमूर्ति ए के पटनायक और न्यायमूर्ति जे एस केहर की खंडपीठ ने यह कहते हुए एस्सार की याचिका खारिज कर दी कि कोर्ट कुछ कर सकता था, लेकिन राज्य सरकार इसके लिए राजी नहीं है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह तक के लिए स्थगित करने का एस्सार ऑयल का आग्रह भी ठुकरा दिया।
एस्सार ऑयल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से आग्रह किया कि उनके मुवक्किल को बकाए बिक्री कर के भुगतान के लिए अतिरिक्त समय देने का गुजरात सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए। लेकिन राज्य सरकार के वकील पराग त्रिपाठी ने एस्सार को अतिरिक्त समय दिए जाने का विरोध किया।
बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 175 अंक गिरा
Published on Nov 11, 2013 at 16:08
मुंबई। रुपये के 63 के पार पहुंचने और रियल्टी-कैपिटल गुड्स शेयरों में आई भारी गिरावट से बाजार 1 फीसदी टूटे। सेंसेक्स 175 अंक गिरकर 20491 और निफ्टी 62 अंक गिरकर 6079 पर बंद हुए। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर 1-0.6 फीसदी गिरे।
रियल्टी और कैपिटल गुड्स शेयर 3-2.5 फीसदी लुढ़के। पीएसयू, पावर, बैंक, ऑयल एंड गैस, ऑटो, एफएमसीजी, मेटल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शेयर 1.75-1 फीसदी टूटे। हेल्थकेयर और आईटी शेयर 0.4-0.2 फीसदी मजबूत हुए। तकनीकी शेयर सुस्त रहे।
बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 90 अंक गिरकर खुला
Published on Nov 11, 2013 at 09:54 | Updated Nov 11, 2013 at 09:55
मुंबई। देश के शेयर बाजारों में सोमवार को सुबह के कारोबार में गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह लगभग 9.23 बजे 90.35 अंकों की गिरावट के साथ 20,575.80 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 32.55 अंकों की गिरावट के साथ 6,108.20 पर कारोबार करते देखे गए।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 69.75 अंकों की गिरावट के साथ 20,596.40 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर अधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 30.35 अंकों की गिरावट के साथ 6,110.40 पर खुला।
देश 8% की दर से कर सकता है विकास: मोंटेक
Published on Nov 10, 2013 at 08:41 | Updated Nov 10, 2013 at 08:42
नई दिल्ली। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलुवालिया ने शनिवार को कहा कि अगर कठोर नीतिगत फैसले लिए जाएं तो देश आठ फीसदी की दर से विकास कर सकता है। आहलुवालिया ने बाह्य आर्थिक नीतियों को तय किए जाने के दौरान बाह्य और आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखने का आह्वान किया। रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) के 49वें स्थापना दिवस के अवसर पर 'भारतीय अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा' विषय पर आहलुवालिया ने कहा कि यूपीए की सरकार बनने के बाद से देश में गरीबी तेजी से कम हुई है।
उन्होंने कहा कि आठ फीसदी का विकास दर हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में कठोर नीतिगत फैसले लिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आठ फीसदी की विकास दर तब तक हासिल नहीं की जा सकती जब तक कि प्रौद्योगिकी, व्यापार और निवेश में व्यापक प्रवाह न हो। असल में हमें विदेशी निवेश को और आकíषत करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि 1993 से 2004 के बीच की अवधि की अपेक्षा 2004 के बाद से देश में गरीबी में ज्यादा तेजी से गिरावट दर्ज की गई। विपक्षी दलों द्वारा यूपीए सरकार के आर्थिक प्रदर्शन की आलोचना किए जाने पर आहलुवालिया ने कहा कि अधिकतर आरोप गलत सूचनाओं के कारण लगाए जा रहे हैं।
ट्विटर के आईपीओ से मालामाल हुआ भारतीय
Published on Nov 09, 2013 at 13:41 | Updated Nov 09, 2013 at 13:42
नई दिल्ली। माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। भारतीय मूल के निवेशक सुहैल रिजवी ऐसे निवेशकों में से एक हैं जिन्हें इसके लिस्ट होने का सबसे ज्यादा फायदा मिला है। सुहैल रिजवी का ट्विटर में 15.6 फीसदी हिस्सा है, जिसकी कीमत अब 3.8 अरब डॉलर के पास आंकी जा रही है।
सुहैल रिजवी का जन्म भारत में हुआ है और वो फिलहाल न्यूयॉर्क में रहते हैं, रिजवी ने अमेरिका की कई आईटी कंपनियों में भी पैसा लगाया हुआ है। गुरुवार को ही ट्विटर का आईपीओ न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हुआ था, जिसने लिस्ट होते ही अपने निवेशकों को 73 फीसदी तक का शानदार रिटर्न दिया था।
अगले हफ्ते आएंगे अहम आर्थिक आंकड़े
Published on Nov 09, 2013 at 13:40 | Updated Nov 09, 2013 at 13:42
नई दिल्ली। अगला हफ्ता बाजार के लिए काफी अहम रहने वाला है। 11 नवंबर को आईआईपी के आंकड़े आएंगे और इसी के साथ 12 नवंबर को रिटेल महंगाई के आंकड़े आएंगे। अगले हफ्ते के आखिर में 15 नवंबर को डब्ल्यूपीआई (थोक) महंगाई के आंकड़े आने वाले हैं। इन सब पर बाजार की नजर बनी रहेगी। अक्टूबर में रिटेल महंगाई दर 9.9 फीसदी रहने का अनुमान है और सितंबर में इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन की ग्रोथ 3.5 फीसदी के करीब रह सकती है।
वहीं अक्टूबर में थोक महंगाई 7 फीसदी के करीब रहने का अनुमान है। डीबीएस बैंक की इकोनॉमिस्ट राधिका राव का कहना है कि इस बाक आईआईपी के आंकड़ें मजबूत रहने की उम्मीद है। इस बार 3.5-3.7 फीसदी आईआईपी रह सकती है। देश में एक्सपोर्ट आधारित सेक्टर ने अच्छा प्रदर्शन किया है, एमएसएफ दरों में कटौती के चलते लिक्विडिटी भी अच्छी रही है। हालांकि राधिका राव के मुताबिक महंगाई दर के आंकड़ें चिंताजनक रह सकते हैं।
कर्मचारियों में कटौती करेगा अशोक लीलैंड
Published on Nov 09, 2013 at 09:32 | Updated Nov 09, 2013 at 09:36
चेन्नई। वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड ने शुक्रवार को घोषणा की कि बाजार में लगातार गिरावट को देखते हुए वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के जरिए अपने कार्यकारी वर्ग के कर्मचारियों की संख्या में कटौती करेगी। अशोक लीलैंड ने एक वक्तव्य में कहा कि कंपनी का उद्देश्य इस योजना के तहत मानव संसाधन पर आने वाली लागत को कम करना और निर्धारित लागत को कम किए गए लागत के स्तर तक लाना है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक विनोद के दासारी ने वक्तव्य में कहा कि कंपनी अपना मार्केट शेयर पिछले साल की इसी तिमाही के बराबर रखने में कामयाब रही है, लेकिन कंपनी पर बाजार में गिरावट का दबाव लगातार बना हुआ है, जिसके कारण हमें कुछ निश्चित उपाय करने की जरूरत है।
http://khabar.ibnlive.in.com/karobar/
पेप्सीको भारत में 33 हजार करोड़ लगाएगी
पेय पदार्थ और अन्य खाने-पीने की चीज बनाने वाली पेप्सीको भारत में परिचालन मजबूत बनाने तथा कारोबार की क्षमता दोगुना से अधिक करने के लिए 2020 तक 33 हजार करोड़ रुपये निवेश करेगी। कंपनी ने कहा कि प्रस्तावित निवेश से अनुसंधान, विनिर्माण, बुनियादी ढांचा तथा कृषि समेत विभिन्न रणनीतिक क्षेत्रों में उसकी क्षमता मजबूत होगी। कंपनी ने 1989 में भारत में प्रवेश किया और अब तक 2 अरब डॉलर निवेश कर चुकी है। पेप्सीको की चेयरैमन तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) इंद्रा नूयी ने कहा, 'पेप्सीको अगले सात साल में 33 हजार करोड़ रुपये निवेश करेगी और यह निवेश खाने और पीने दोनों ... |
* | भारतीय अमीरों की पूंजी में मामूली इजाफा
बढ़ती महंगाई और डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट के बीच देश के 100 सर्वाधिक अमीर लोगों की पूंजी में मामूली बढ़ोतरी दर्ज हुई है। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के 100 सबसे ज्यादा अमीर लोगों की संपत्ति 3 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 259 अरब डॉलर पर पहुंच गई। फोर्ब्स की भारतीय अमीरों की ताजा लिस्ट के अनुसार, भारतीय अमीर पिछले पांच साल की बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के बाजार पूंजीकरण की ग्रोथ को पछाड़ने में कामयाब हुए हैं। इस साल की सूची में कुल 65 अरबपति हैं, जो पिछले साल की तुलना में चार ज्यादा हैं, इनमें से 15 अरबपति इस क्लब में न्यूकमर हैं। इस बार भी ... |
* | अक्टूबर में निर्यात 13.47 फीसदी बढ़ा
वैश्विक बाजारों में सुधार से देश के निर्यात की स्थिति भी सुधरी है। अक्टूबर में निर्यात दो साल के उच्च स्तर 13.47 फीसदी बढ़कर 27.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, सोने का आयात बढऩे से व्यापार घाटे की स्थिति खराब ही रही। इससे पहले सितंबर, 2011 में देश के निर्यात में 36 फीसदी की ऊंची वृद्धि दर्ज की गई थी। इस साल अक्टूबर में सोने और चांदी का आयात बढ़कर 1.3 अरब डॉलर हो गया जो सितंबर में 80 करोड़ डॉलर रहा था। इस दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 10.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो सितंबर 2013 में 6.76 अरब डॉलर रहा था। अक्टूबर, 2012 में व्यापार घाटा 20.2 अरब डॉलर रहा था। साल दर साल आधार पर तेल का आयात ... |
* | सेंसेक्स 175 अंक गिरकर 20490.96 पर बंद
मुंबई : देश के शेयर बाजारों में सप्ताह के शुरुआती कारोबारी दिन सोमवार को गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 175.19 अंकों की गिरावट के साथ 20,490.96 पर और निफ्टी 61.95 अंकों की गिरावट के साथ 6,078.80 पर बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 69.75 अंकों की गिरावट के साथ 20,596.40 पर खुला और 175.19 अंकों या 0.85 फीसदी की गिरावट के साथ 20,490.96 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में सेंसेक्स ने 20,672.53 के ऊपरी और 20,453.15 के निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से छह शेयरों में तेजी दर्ज की गई। डॉ. रेड्डीज लैब (2.91 फीसदी), टाटा स्टील ... |
एक बार में 350 रुपए गिरा सोना, खरीदने वालों की हो गई मौज
नई दिल्ली : कमजोर वैश्विक रुख के अनुरूप स्टाकिस्ट बिकवाली से राष्ट्रीय राजधानी के थोक सर्राफा बाजार में आज सोने की कीमत 31,000 रुपये के स्तर से नीचे 350 रुपये की गिरावट दर्शाती 30,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई। हालांकि, चांदी को कुछ औद्योगिक इकाइयों की लिवाली का समर्थन मिला और यह 110 रुपये तेजी के साथ 49,010 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई। बाजार सूत्रों के अनुसार कमजोर वैश्विक रख के बीच सुस्त मांग से स्टॉकिस्टों की भारी बिकवाली से सोना कीमतों में गिरावट रही। अमेरिका में उम्मीद से बेहतर रोजगार सृजन के आंकड़े आने से वैकल्पिक निवेश के लिए सोने की मांग कम हो गयी ... |
एस्सार ऑयल को सुप्रीम कोर्ट का तगड़ा झटका, नहीं बढ़ेगी पेमेंट की डेडलाइन
उच्चतम न्यायालय ने आज एस्सार ऑयल लिमिटेड की गुजरात को बकाया बिक्री कर के भुगतान की समय-सीमा बढ़ाने संबंधी याचिका खारिज कर दी क्योंकि राज्य सरकार इस दलील पर सहमत नहीं थी। न्यायमूर्ति ए के पटनायक और जे एस खेहर ने कहा, 'हम कुछ व्यवस्था कर सकते थे लेकिन राज्य सरकार सहमत नहीं है।' पीठ ने एस्सार ऑयल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि सुनवाई चार सप्ताह तक टाल दी जानी चाहिए। रोहतगी ने अपना पक्ष रखने के लिए एक अखबार में छपी खबर का हवाला दिया कि तेल कंपनी को कोई ऐसी रियायत या फायदा नहीं दिया गया जैसा कि राजस्थान सरकार ने अन्य ... |
* | जरा सोच-समझ करें फोन पर बात, हर साल बढ़ेंगी कॉल दरें!
नई दिल्ली। देश में मोबाइल कॉल दरें व अन्य सेवाएं सबसे सस्ते स्तर पर हैं। इनमें कमी की संभावना पूरी तरह से खत्म हो चुकी है और आगे उपभोक्ताओं को इससे ज्यादा ही कीमत चुकाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर वोडाफोन इंडिया के एमडी एवं सीईओ मार्टिन पीटर्स ने यह राय जताई है। पढ़ें : सिर्फ 1 पैसे में करें विदेश में बैठे अपनों से बात. मार्टिन ने एक साक्षात्कार में कहा कि पिछले 18 सालों तक हमने कम दरें रखने की कोशिश की है। जबकि महंगाई दर आठ से नौ फीसद पर लगातार बनी हुई है। ऐसे में मोबाइल सेवाओं की मौजूदा कीमतों को बरकरार नहीं रखा जा सकता है। |
* | विदेश जाकर बोले खुर्शीद, पाकिस्तान को देंगे संदेह का लाभ
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि भारत पाकिस्तान को संदेह का लाभ देगा, क्योंकि नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम के बार-बार उल्लंघनों के बीच दोनों पड़ोसी देश शांति की बहाली चाहते हैं, लेकिन ऐसा भारत की कीमत पर नहीं किया जा सकता. खुर्शीद ने कहा, 'अगर आप जमीनी हकीकत देखें और अगर आप हमारी बैठकों के नतीजे देखें, तो ये बहुत निराशाजनक हैं. खासकर हाल के समय में हुई बैठकें अगर प्रतिकूल नहीं तो कुछ हद तक निराशाजनक रही हैं.' द ऑस्ट्रेलियन अखबार को दिए साक्षात्कार में खुर्शीद ने कहा, 'मुझे लगता है कि वहां (पाकिस्तान में) नई सरकार के पास निबटने के लिए बहुत मुश्किल स्थिति ... |
सेंसेक्स का नया ऑल टाइम पीक छलावा!
हाल के हफ्तों में सेंसेक्स के ऑल टाइम हाई लेवल से जुड़ी खबरें सुर्खियां बनी रहीं। ज्यादातर एक्सपर्ट्स ने कहा कि फॉरेन इनवेस्टमेंट बढ़ने के चलते यह तेजी आई है। हालांकि, इसमें कॉरपोरेट परफॉर्मेंस और कुछ सेक्टरों में रिकवरी के रोल से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। इसमें दो राय नहीं है कि हाल के वर्षों में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एफआईआई) का दबदबा शेयर बाजार में बढ़ा है। जनवरी 2012 से अब तक एफआईआई भारतीय शेयरों में तकरीबन 2,20,000 करोड़ रुपए लगा चुके हैं। पिछले फिस्कल ईयर में इकनॉमिक ग्रोथ के 10 साल के लो लेवल पर पहुंचने और कंपनियों के सुस्त परफॉर्मेंस के बावजूद ... |
* | ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन का मुनाफा 33.73 फीसदी घटा
दवा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्यूटिकल्स (जीएसके) को सितंबर महीने में समाप्त तिमाही के दौरान 100.95 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ जो पिछले साल की इसी तिमाही से 33.73 फीसदी कम है। संबंधित खबरें. जीएसके: पेशकश में नहीं कशिश! जीएसके को 138.51 करोड़ रुपये का मुनाफा. कंपनी ने बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में यह जानकारी दी। इससे पिछले साल इसी तिमाही के दौरान कंपनी को 152.34 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। गौरतलब है कंपनी का वित्त वर्ष जनवरी से दिसंबर तक होता है। आलोच्य तिमाही में कंपनी की कुल आमदनी भी 7.02 फीसदी गिरावट के साथ 666.02 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जबकि ... |
फार्म 38 हटाने की घोषणा से व्यापारियों में खुशी की लहर
जागरण संवाद केंद्र, भिवानी : मुख्यमंत्री द्वारा गोहाना रैली में फार्म 38 हटाने की घोषणा करने पर व्यापारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। चिनार फ्रैबिक्स के नंदकिशोर अग्रवाल व निदेशक मीनू अग्रवाल ने कहा कि यह घोषणा व्यापारियों के लिए बहुत खुशी की बात है। व्यापारी इस समस्या से परेशान थे। मुख्यमंत्री ने व्यापारियों की इस पुरानी माग को पूरा कर सराहनीय कार्य किया है। इस अवसर पर लाईजन अधिकारी रणबीर सिंह तंवर, ढिल्लू प्रधान, संजय नाई, बलजीत सिंह समेत अनेक कर्मचारी मौजूद थे। इस अवसर पर चिनार फैब्रिक्स में लड्डू बांटकर खुशी जताई गई। हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के महासचिव ... |
रुपए को फिर लगा झटका, 8 हफ्ते के लो पर
डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 8 हफ्ते के लो लेवल पर पहुंच गया। ऑइल मार्केटिंग कंपनियों की तरफ से डॉलर की जबरदस्त डिमांड देखी गई। देश का ट्रेड डेफिसिट अक्टूबर में बढ़कर 10.56 अरब डॉलर हो गया है। सितंबर में यह 6.7 अरब डॉलर था। डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 1.2 फीसदी की गिरावट के साथ 63.24 के लेवल पर खुला। रुपया शुक्रवार को 62.47 के लेवल पर बंद हुआ था। डॉलर के मुकाबले रुपया 63.44 के स्तर पर पहुंच गया, जो 18 सितंबर के बाद का निचला स्तर है। रुपए में कमजोरी की बड़ी वजह ऑइल मार्केटिंग कंपनियों की डॉलर डिमांड के लिए आरबीआई का कुछ हद तक इन कंपनियों को बाजार के भरोसे छोड़ना है। |
* | CORP-NELA-टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस द्वारा टाटा एसआईए एयरलाइंस लिमिटेड का गठन
टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस ने टाटा एसआईए एयरलाइंस लिमिटेड नामक एक कंपनी का गठन 5 नवंबर 2013 को किया गया. इसका उद्देश्य घरेलू व अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर विमान सेवा शुरू करना है. यह एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी है. इस संयुक्त उपक्रम में टाटा ग्रुप की 51 फीसदी और सिंगापुर एयरलाइंस की 49 फीसदी हिस्सेदारी है. इस संयुक्त उपक्रम में टाटा ग्रुप को 5.1 करोड़ डॉलर का शुरुआती निवेश करना है. कंपनी गठन के दस्तावेज पर निदेशकों के रूप में प्रसाद मेनन, केसरी रुस्तम भगत और मुकुंद गोविंद राजन ने हस्ताक्षर किया. इसका कुल पेड अप कैपिटल 5 लाख रुपये है और कंपनी को नई दिल्ली में पंजीकृत किया ... |
* | रमन सिंह की किस्मत आज ईवीएम मशीन में होगी कैद
रायपुर: मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत बीजेपी सरकार के चार मंत्रियों की किस्मत आज ईवीएम मशीन में कैद हो जाएगी। रमन सिंह राजनादगांव से चुनाव लड़ रहे हैं। रमन सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में इसी साल मई में नक्सली हमले में मारे गए पूर्व कांग्रेस विधायक उदय मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार हैं, जिस वजह से यहां मुकाबला रोचक हो गया है, हालांकि रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ से बीजेपी की पू्र्ण बहुमत से जीत का भरोसा जताया है। वहीं दंतेवाड़ा से बीजेपी की भीमा मांडवी के खिलाफ पूर्व कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा चुनाव लड़ रही हैं। महेंद्र कर्मा की भी इस साल झीरम ... |
* | जल्द शुरू होगी रिलायंस जियो की 4जी सेवा
मुंबई। रिलायंस जियो ने मोबाइल सर्विस जल्द लॉन्च करने की तैयारी शुरू कर दी है। कंपनी ने 4जी सर्विस के लिए टेलिकॉम विभाग से 4 करोड़ मोबाइल नंबर मांगे हैं। माना जा रहा है कि टेलिकॉम विभाग 2-3 हफ्ते में नंबर जारी करेगा। रिलायंस जियो ने ने हर मेट्रो शहर के लिए 40 लाख नंबर मांगे हैं। ए, बी कैटेगरी के लिए 20 लाख नंबर तो वहीं, सी कैटेगरी के लिए 10 लाख नंबर की मांग की है। कंपनी ने हाल ही में ट्रायल पूरे किए हैं। रिलायंस जियो वॉइस के साथ 4जी ब्रॉडबैंज डाटा सर्विस ग्राहकों को मुहैया कराएगा। सिर्फ रिलायंस जियो के पास ही पूरे देश में 4जी स्पेक्ट्रम है। 4जी की स्पीड 3जी से 4 गुना और ... |
* | योजना के तहत 194 लाभपात्रों को मिली पहली किस्त
संवाद सहयोगी, असंध : एसडीएम विक्रम मलिक ने कहा कि प्रियदर्शिनी आवास योजना के तहत 194 पात्र व्यक्तियों को 25 हजार रुपये की पहली किस्त मकान बनाने के लिए दी गई है। दूसरी किस्त लाभ पात्र व्यक्तियों को जल्द दी जाएगी। योजना का लाभ इंदिरा आवास योजना की प्रतीक्षा सूची के सभी पात्र व्यक्तियों, महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के पात्र व्यक्ति को दिया जाएगा। ऐसे पात्र व्यक्ति जो परिवार की आवश्यकता के अनुसार मकान का विस्तार करना चाहते है उन्हे पंजाब नेशनल बैंक की ओर से एक लाख रुपये तक ऋण उपलब्ध कराया जाता है। योजना के तहत दो वर्ष के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में दो ... |
* | बैंक के स्ट्रांग रूम तक पहुंचे बदमाश
सहारनपुर : सदर बाजार थाना क्षेत्र की पेपर मिल रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में रविवार रात बराबर के खाली प्लाट से सेंधमारी कर चोर घुस गए। स्ट्रांग रूम तक पहुंचने के बावजूद चोर उसके ताले नहीं तोड़ पाए, जिससे एक बड़ी वारदात बच गई। पेपर मिल रोड पर हिम्मतनगर में बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा है। इसके बराबर में चारदीवारी व गेट लगे खाली प्लाट की ओर से चोर रात में बैंक की दीवार में सेंधमारी कर बैंक के भीतर घुसे और सभी काउंटरों को खंगाला लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। सोमवार सुबह क्षेत्रवासियों ने बैंक की दीवार में सेंधमारी देखी तो पुलिस व बैंक कर्मचारियों को सूचना दी। सबसे पहले बैंक ... |
* | 'कृष-3' का रिकॉर्ड, 10 दिन में कमाए 206 करोड़
मुंबई।ऋतिक रोशन की फिल्म 'कृष-3' 200 करोड़ क्लब में शामिल हो चुकी है। उसने सबसे कम समय में 200 करोड़ रुपये कमाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक इससे पहले 200 करोड़ क्लब में शामिल होने वाली फिल्मों में '3- इडियट' और 'चेन्नई एक्सप्रेस' थीं। लेकिन सुपरमैन ऋतिक ने सबको पछाड़ दिया और 10 दिन में ही करीब 206 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। इसके अलावा एक दिन में सबसे ज्यादा 35 करोड़ कमाने का रिकॉर्ड भी 'कृष-3' के नाम ही है। रविवार को फिल्म के रिलीज का 10वां दिन था, लेकिन फिर भी फिल्म ने करीब 15 करोड़ की कमाई की। 'चेन्नई एक्सप्रेस' को 200 का आकड़ा ... |
* | कल से बज उठेगी शहनाई, सजा बाजार
कई महीनों के इंतजार के बाद बुधवार 13 नवंबर से शहनाई बज उठेगी। इस तिथि को कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी (देवउठनी ग्यास) है। इस दिन क्षेत्र भर में 150 से अधिक शादियां होने का अनुमान है। वैवाहिक मुहूर्तो की नजदीकी को भांपकर शादी से जुड़े व्यवसाय में तैयारियों का दौर भी जोर-शोर से चल रहा है। फेरों समेत विवाह की तमाम रस्में निभाने के लिए शहर के पंडितों के पास तो कई दिनों से निमंत्रण आ रहें है। ज्योतिषियों के मुताबिक 13 नवंबर को कार्तिक एकादशी है। यह अपने आप में ऐसा दिन है जो किसी भी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त माना जाता है। क्षेत्र भर में इस तिथि के लिए 150 से अधिक शादियां ... BSE SENSEX
From Wikipedia, the free encyclopedia The S&P BSE SENSEX (S&P Bombay Stock Exchange Sensitive Index), also-called theBSE 30 or simply the SENSEX, is a free-float market-weighted stock market index of 30 well-established and financially sound companies listed on Bombay Stock Exchange. The 30 component companies which are some of the largest and most actively traded stocks, are representative of various industrial sectors of the Indian economy. Published since 1 January 1986, the S&P BSE SENSEX is regarded as the pulse of the domestic stock markets in India. The base value of the S&P BSE SENSEX is taken as 100 on 1 April 1979, and its base year as 1978–79. On 25 July 2001 BSE launched DOLLEX-30, a dollar-linked version of S&P BSE SENSEX. As of 21 April 2011, the market capitalisation of S&P BSE SENSEX was about 29733 billion (US$455 billion) (47.68% of market capitalisation of BSE), while its free-float market capitalisation was 15690 billion (US$240 billion). During 2008-12, Sensex 30 Index share of BSE market capitalisation fell from 49% to 25%[1] due to the rise of sectoral indices like BSE PSU, Bankex, BSE-Teck, etc. The term Sensex was coined by Deepak Mohoni, a stock market analyst.[2][3] Contents[hide]Components[edit]The BSE Sensex currently consists of the following 30 major Indian companies as of 17 February 2012.[4] Calculation[edit]The BSE constantly reviews and modifies its composition to be sure it reflects current market conditions. The index is calculated based on a free float capitalisation method, a variation of the market capitalisation method. Instead of using a company's outstanding shares it uses its float, or shares that are readily available for trading. As per free float capitalisation methodology, the level of index at any point of time reflects the free float market value of 30 component stocks relative to a base period. The market capitalisation of a company is determined by multiplying the price of its stock by the number of shares issued by of corporate actions, replacement of scrips, etc. The index has increased by over ten times from June 1990 to the present. Using information from April 1979 onwards, the long-run rate of return on the S&P BSE SENSEX works out to be 18.6% per annum, which translates to roughly 9% per annum. Milestones[edit]Here is a timeline on the rise of the SENSEX through Indian stock market history
The Sensex Since 2006: A Volatile Journey[edit]May-December 2006[edit]On 22 May 2006, the SENSEX plunged by 1,100 points during intra-day trading, leading to the suspension of trading for the first time since 17 May 2004. The volatility of the SENSEX had caused investors to lose Rs 6 lakh crore (US$131 billion) within seven trading sessions. The Finance Minister of India, P. Chidambaram, made an unscheduled press statement when trading was suspended to assure investors that nothing was wrong with the fundamentals of the economy, and advised retail investors to stay invested. When trading resumed after the reassurances of the Reserve Bank of India and the Securities and Exchange Board of India (SEBI), the SENSEX managed to move up 700 points, but still finished the session 457 points in the red.[13] The SENSEX eventually recovered from the volatility, and on 16 October 2006, the SENSEX closed at an all-time high of 12,928.18 with an intra-day high of 12,953.76. This was a result of increased confidence in the economy and reports that India's manufacturing sector grew by 11.1% in August 2006.
July-September 2007: Effects of the subprime crisis in the U.S.[edit]
On 23 July 2007, the SENSEX touched a new high of 15,733 points. On 27 July 2007 the SENSEX witnessed a huge decline because of selling by Foreign Institutional Investors and global cues to come back to 15,160 points by noon. Following global cues and heavy selling in the international markets, the BSE SENSEX fell by 615 points in a single day on 1 August 2007.[14]
October-December 2007: Participatory notes issue[edit]
On 16 October 2007, SEBI (Securities & Exchange Board of India) proposed curbs on participatory notes which accounted for roughly 50% of FII investment in 2007. SEBI was not happy with P-notes because it was not possible to know who owned the underlying securities, and hedge funds acting through P-notes might therefore cause volatility in the Indian markets. However the proposals of SEBI were not clear and this led to a knee-jerk crash when the markets opened on the following day (17 October 2007). Within a minute of opening trade, the SENSEX crashed by 1,744 points or about 9% of its value – the biggest intra-day fall in Indian stock markets in absolute terms till then. This led to the automatic suspension of trade for one hour. Finance Minister P. Chidambaram issued clarifications, in the meantime, that the government was not against FIIs and was not immediately banning PNs. After the market opened at 10:55 am, the index staged a comeback and ended the day at 18715.82, down 336.04 from the last day's close. However, this would not be the end of the volatility. The next day (18 October 2007), the SENSEX tumbled by 717.43 points – 3.83 per cent – to close at 17,998.39 points. The slide continued the next day (19 October 2007), when the SENSEX fell 438.41 points to settle at 17,559.98 to the end of the week, after touching the lowest level of that week at 17,226.18 during the day. After detailed clarifications from the SEBI chief M. Damodaran regarding the new rules, the market made a 879-point gain on 23 October, thus signalling the end of the PN crisis.
May 2009-present[edit]On 18 May 2009, the SENSEX surged up 2,110.79 points to close at 14,285.21, from its previous closing of 12,174.42, for its largest single day rally. Less than a month later, on 4 June 2009, the SENSEX would cross the 15,000 mark. However, the SENSEX remained volatile during the summer of 2009. The SENSEX plunged by 869.65 points on 6 July 2009, the day of Union Budget presentation in Parliament on concerns over high fiscal deficit. This was the biggest Budget-day loss for the index.[5] On 17 August 2009, the SENSEX lost 626.71 points. Once again, the SENSEX would recover from the volatility. On 7 September 2009, the SENSEX crossed the 16,000 mark, closing at 16,016.32 points. The index would gain 3,000 points over the next 12 months, as the SENSEX crossed the 19,000 mark on 13 September 2010, closing at 19,208.33 points.
The Stock Market Crash of 2008[edit]January 2008[edit]In the third week of January 2008, the SENSEX experienced huge falls along with other markets around the world. On 21 January 2008, the SENSEX saw its highest ever loss of 1,408 points at the end of the session. The SENSEX recovered to close at 17,605.40 after it tumbled to the day's low of 16,963.96, on high volatility as investors panicked following weak global cues amid fears of a recession in the US. The next day, the BSE SENSEX index went into a free fall. The index hit the lower circuit breaker in barely a minute after the markets opened at 10 am. Trading was suspended for an hour. On reopening at 10.55 am IST, the market saw its biggest intra-day fall when it hit a low of 15,332, down 2,273 points. However, after reassurance from the Finance Minister of India, the market bounced back to close at 16,730 with a loss of 875 points.[16] Over the course of two days, the BSE SENSEX in India dropped from 19,013 on Monday morning to 16,730 by Tuesday evening or a two-day fall of 13.9%.[16] Less than a month later, on 11 February 2008, the SENSEX lost 833.98 points, when Reliance Power fell below its IPO price in its debut trade after a high-profile public offer.[5] March 2008[edit]The free fall of the SENSEX accelerated in March 2008. The month started out with the Sensex losing 900.84 points on 3 March 2008, on concerns emanating from growing credit losses in the US. This would be the first of four one-day falls of greater than 700 points during the month. On 13 March 2008, the SENSEX plummeted another 770.63 points on global economic jitters.[5]
The month ended with the SENSEX shedding 726.85 points on 31 March 2008, after heavy selling in blue-chip stocks on global economic fears.
Early 2009[edit]The SENSEX dropped by 749.05 points on 7 January 2009, when the Satyam fraud came to light.[5]
Major falls[edit]On the following dates, the SENSEX index suffered major single-day falls (of 430 or more points):[17]
References[edit]
External links[edit]
|
No comments:
Post a Comment