पत्रकारिता पर कड़ा होगा कानून का पहरा
शायद सरकार को भी किसी मौके का ही इंतजार था कि वह पत्रकार और पत्रकारिता पर अपना शिकंजा कस सके. और वह मौका अब शायद सरकार को मिल गया है. एक ओर जहां सरकार पेड न्यूज को रोकने के लिए कड़ा कानून बनाने के नाम पर मीडिया हाउसों पर कड़ा पहरा बिठाने की तैयारी कर रही है वहीं दूसरी ओर सरकार अब पत्रकारों को पत्रकारिता करने के लिए लाइसेंस देने का इरादा कर लिया है. सूचना एवं प्रसारम मंत्री मनीष तिवारी ने सोमवार को दिल्ली में दोनों बातों के साफ संकेत दे दिये हैं.
अपराध घोषित होगा पेड न्यूज: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने पेड न्यूज को अपराध घोषित करने और दोषियों पर भारी जुर्माने एवं लाइसेंस जव्त करने की सजा का प्रावधान करने के लिए कानून बनाने के लिए प्रस्ताव कानून मंत्रालय को भेजा है. तिवारी ने आज दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि उनके मंत्रालय ने कानून मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें प्रेस एवं पुस्तक पंजीकरण (पीआरबी) कानून में संशोधन करके पेड न्यूज को अपराध घोषित करने तथा दोषी मीडिया हाउस पर जुर्माना लगाने और उसका लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान करने की बात कही गई है.
बनाये जायें लाइसेंसी पत्रकार: सरकार का मानना है कि पत्रकारों की वकीलों की तर्ज पर एक संयुक्त परीक्षा लेकर उन्हें पत्रकारिता करने का लाइसेंस दिया जाना चाहिए जिससे मीडिया का मानकीकरण हो सकेगा. सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी का कहना है कि उनके विचार में मीडिया उद्योग को मानकीकरण की दिशा में पत्रकारों के लिए एक संयुक्त परीक्षा कराने के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि वकीलों के लिए बार काउंसिल परीक्षा मेडिकल एवं अन्य पेशेवर संगठनों की परीक्षाओं की तर्ज पर परीक्षा के बाद एक लाइसेंस जारी किया जाना चाहिए, जिसके आधार पर ही पत्रकारिता की अनुमति हो.
श्री तिवारी ने कहा कि वैसे पत्रकारों के प्रशिक्षण के लिए बेहतर संस्थान हैं, लेकिन अनेक चलते फिरते संस्थायें भी हैं. इसलिये विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों के लिए संयुक्त परीक्षा के विचार को अन्यथा नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे समूचे मीडिया जगत में मानकीकरण होगा.
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