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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, August 19, 2013

मंदिरतला में राइटर्स का सुरक्षा इंतजाम बना सरदर्द का सबब,पुलिस प्रशासन और जनता सभी परेशान

मंदिरतला में राइटर्स का सुरक्षा इंतजाम बना सरदर्द का सबब,पुलिस प्रशासन और जनता सभी परेशान


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


घनी आबादी वाले हावड़ा के गंगा किनारे एचआरबीसी भवन में राइटर्स पहली अक्तूबर को स्थानांतरित हो रहा है। लेकिन मंत्रियों और दफ्तरों के लिए पर्याप्त जगह न होने की समस्या से बड़ी समस्या मंदिरतला में घनी आबादी वाले इलाके में नये राइटर्स को लेकर पुलिस प्रशासन और आम जनता जनता की परेशानी है। एचआरबीसी के सौ मीटर के दायरे में 144 धारा लागू होने के नियम लागू होने की चंता से लोग मरे जा रहे थे तो अबत ताजा समस्या आसपास फुटकर दुकानों को हटाने को लेकर है। पुलिस ने इनदुकानों को हटाने की चेतावनी देते हुए कहा है कि लोग खुद नहीं हटते तो दुकानें तोड़ दी जायेंगी। अब बिना पुनर्वास बरसों से वहां कारोबार चला रहे लोग हटने को तैयार नहीं है।


वैसे एचआरबीसी को राइटर्स लायक बनाने के लिए निविदा जारी कर दी गयी है। कुल ग्यारह विभागों की जगह बन पा रही है।इनमें चार मुख्यमत्री के पास हैं। बाकी सात मंत्रालयों को या तो राइटर्स में बने रहना है, या कोलकाता या अन्यत्र स्थानांतरित हो जाना है। अब कहा जा रहा है कि जो विभाग आरबीसी नहीं जायेंगे, वे जहा ंहैं ,वही रहेंगे।राइटर्स को 15 सितंबर त मरम्मत के लिए  खाली कराने की तैयारी के बीच नई पहेली यह है कि जिन विभागों को आरबीसी में जगह नहीं मिल रही है और अन्यत्र स्थानांतरण नहीं हो पा रहा है, उनके राइटर्स में बने रहने से राइटर्स को खाली कराना कैसे संभव है।हालांकि अपने अपने मंत्रालय और विभाग के नये स्थान को लेकर उत्तेजित और आंदोलित कर्मचारियों का जोश अब ठंडा पड़ गया है क्योंकि उन्हें विरोध करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दे दी गयी है।


अब पता चला है कि एचआरबीसी में जिस फ्लोर पर मुख्यमंत्री बैठेगी ,वहां किसी दूसरे मंत्री को जगह नहीं मिलेगी।आरबीसी में उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी, विद्युत मंत्री मनीश गुप्त , पालिका मंत्री फिरहाद हकीम और आवास मंत्री अरुप विश्वास के लिए जगह नहीं बन पा रही है। हालांकि पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी क लिए चैंबर बनाने के आदेश हो गये हैं।


एचआरबीसी में वित्तमंत्री अमित मित्र, कृषि मंत्री मलय घटक,कृषि राज्य मंत्री बेचाराम मान्ना,आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद खान, लोकनिर्माम मंत्री सुदर्शन दस्तिदार,अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री गयासुद्दीन मोल्ला और भूमि राज्य मंत्री स्वपन देवनाथ के लिए ही इंतजाम है। सुब्रत के लिए दीदी ने अलग से इंतजाम के आदेश दिये हैं।आरबीसी की 11वी, 12वी और तेरहवीं मंजिल पर वित्तमंत्रालय के दफ्तर होंगे। 10 वी मंजिल पर सूचना विभाग।नौवीं मंजिल पर लोकनिर्माम विभाग।जबकि चौथी मंत्रालय में प्रेस कर्नर होगा।सबकुछ तय है।


लेकिन एचआरबीसी के राइटर्स बन जाने के बाद विद्यासागर सेतु के मुहाने पर घनी आबादी के मध्य मुख्यमंत्री और दूसरे मंत्रियों की सुरक्षा कैसे निश्चित की जाये, पुलिस और प्रशासन का सरदर्द यह है। स्थानीय वाशिंदा परेशान इसलिए है कि अचानक अति महत्वपूर्ण इलाके में उनके रोजमर्रे की जिंदगी  सुरक्षा इंतजाम में कैद हो जाने की आशंका है।बाकी हावड़ा में जो जोश का माहौल है और पलक पांवड़े बिठाये मुख्यमंत्री के स्वागत की जो तैयारी है,उसके मुकाबले मंदिरतला में भय का वातावरण बनने लगा है। वैसे मुख्यमंत्री खुद जनता के बीच रहना पसंद करती हैं और सुरक्षा घेरे को तोड़ने की अभ्यस्त भी हैं। लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए राज्य सरकार हो न हो, केंद्र सरकार बेहद चिंतित है। इसलिए सुरक्षा इंतजामात तो करने ही होंगे और स्थानीय वाशिंदों को इसकी आदत भी डालनी होगी।



एचआरबीसी  के सौ मीटर के दायरे में 144 धारा का प्रयोग किस हद तक होगा, इसे लेकर मंदिरतला में भारी चिंता है।सामने पूजा का उत्सव है।सुरक्षा इंतजाम ज्यादा कड़ा हो गया तो दुर्गोत्सव में भी जरुरी फेरबदल करने पड़ सकते हैं। इसी बीच फुटकर दुकानदारों को हटाने की जो मुहिम शुरु हो गयी है,अब लोगों को सुरक्षा इंतजाम में ढिलाई की नौबत कम ही दिख रही है। इन फुटकर दुकानदारों से तुरंत जगह खाली कर देने के लिए कहा गया है वरना उनकी दुकानें बुलडोजर से उड़ी दिये जाने की चेतावनी दे दी गयी है।हालांकि पुलिस और प्रशासन की ओर   से इस आारोप को सिर से खारिज कर दिया गया है। यथार्थ यह है कि राइटर्स के आस पास गुमटियों में फुटकर दुकानों की मौजूदगी सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है और इसकी इजाजात दे पाना कतई संभव नहीं है। अभी विद्यासागर सेतु और फोरशोर रोड और शिवपुर के दूसरे इलाकों में यातायात की पाबंदी किस हद तक लागू होगी ,लोगों की इसबारे में कोई धारणा नहीं है।पुलिस और प्रशासन इस दिशा में अभी सोचने की हालत में नही ंहै।पहली प्रथमिकत एच आर बीसी के लिए सुरक्षा इंतजाम चाकचौबंद करना है और कुछ नहीं।


हावड़ा पुलिस आरबीसी के आसपास के कारोबारियों को जबरदखल करने वाले लोग बता रही है और उनकी कोई सुनवाई करनेकोतैयार नहीं है।पुलिस के मुताबिक जिस जमीन पर ये लोग दुकानें लगाये बैठे हैं, वह एचआरबीसी की जमीन है।हावड़ा के डीसी सदर निशाद कौसर यही कह रहे हैं।लेकिन उन्होंने भी बताया कि किसी को धमकाये जाने का आरोप गलत है।

दुकानदारों को हालांकि कोई लिखित सूचना नहीं दी गयी है ौर पुलिस के मुताबिक वे इसके हकदार बी नहीं हैं।


दुकानें तो हट जायेंगी पर रिहाइशी मकान, स्कूलों, क्लबों ौर कम्युनिटी सेंटरों से घिरे एचआरबीसी के सुरक्षा इंतजाम को लेकर सरदर्द जल्द खत्म होने के आसार नहीं हैं।





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