कुर्सियां तोड़ने के दिन लद गये।अब राज्य सरकार की नौकरियां सिर्फ ठेके पर!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
वे दिन लग गये कि किसी को पकड़ कर या किसी तरह परीक्षा और साक्षात्कार पार करके एकबार सरकारी नौकरी पा ली तो गंगा नहा लिया और फिर आजीवन कुर्सियां तोड़ते रहो।राज्य सरकार अब किसी भी पद पर स्थाई नियुक्तियां नहीं करेगी। अब सारी नियुक्तियां ठेके पर होंगी।
केंद्र समान वेतनमान और किश्तों में मंहगाई भत्ता के भुगतान में सारा का सारा राजस्व खर्च हो जाने से आर्थिक बदहाली से निबटने के लिए राज्य सरकार यह कदम उठा रही है।तात्कालिक रणनीति यह कि राज्य सरकार की नौकरियों में स्थाई पदों की रिक्तियों को बरने के लिए ज्यादा से ज्यादा नियुक्तियां ठेके पर हो और फिर स्ताई पद ही खत्म कर दिये जायें।
इसे प्रतिष्टानिक शक्ल देने के लिये ऐसे ठेका कर्मचारियों के लिए वेतनमान तय करने के लिए एक विशेषज्ञ कमिटी गठित कर दी गयी है।मुख्यसचिव ने इस कमेटी के लिए छह महीने की समयसीमा तय की है।
यह कमिटी यह भी पता लगायेगी कि किस विभाग में कितने फालतू कर्मचारी हैं ,जिनकी विदाई तुरंत जरुरी है।
कर्मचारी संगठनों में इसे लेकर बवाल मच गया है।आरोप है कि यह समिति वयस्क कर्मचारियों की छंटाई के लिए बनायी गयीहै।
इस कमिटी के अध्य़क्ष भूमि सचिव एके सिंह बनाये गये हैं।कमेटी में वित्त सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी,विद्युत सचिव मलय दे और उपभोक्ता सुरक्षा सचिव विवेक भारद्वाज सदस्य हैं।
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