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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Friday, August 9, 2013

बदले जायेंगे कोलकाता के मेयर?

बदले जायेंगे कोलकाता के मेयर?


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


कोलकाता केमेयर शोभनदेव चट्टोपाध्याय केखिलाफ जनता और पार्टी में भारी रोष है और यह कोई नया राज भी नहीं है। कोलकाता का मेयर बनना वैसे भी कांटो का ताज पहनना जैसा है। नागरिक सवाएं सुधारना किसी भी मेयर के बूते में नहीं है। विकास के लिए संसाधन चाहिए और नया टैक्स दीदी लगायेंगी नहीं। पेयजल, निकासी जैसी निरंतर समस्याओं के अलावा नगर निगम के साथ नत्थी कर दी गये गये नये इलाकों के विकास और नागरिक सेवाओं की समस्याओं मुंह बाएं खड़ी हैं। इस पर पार्टी में उनके किलाफ असंतोष भी खूब है। महेशतला में सोलह बीघा में लगातार आंदोलन चल रहा है उनके सास और श्वसुर के खिलाफ। लेकिन वे दीदी के काफी नजदीक हैं।दीदी का वरदहस्त है,इसलिे इतने दिनों से वे नगरनिगम में बैठे हुए हैं। वैसे उनकी महत्वाकांक्ष इस झंझट से निजात पाकर राज्य मंत्रिमंडल में शामिल होने की है।दीदी से वे लगातार गुहार लगाते रहे पर, सुनवाई नहीं हुई।


लेकिन पार्टी और विरोधियों की उनके खिलाफ मोर्चाबंदी से उनकी िच्छा पूरी होने की अब संभावना बन गयी है। कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल के अगले फेरबदल में वे राज्य के मंत्री बन जायेंगे और उनकी जगह नये मेयर बनने की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं अतीन घोष।सत्तादल में मेयर के खिलाफ सबसे बड़ा आरोप यह है कि तृणमूल के मेयर सुब्रत मुखर्जी के मुकाबले तो कोई विकास का करिशमा नहीं कर सके वे। और तो और, माकपाई मेयर विकास रंजन भट्टाचार्य के मुकाबले भी वे कमजोर पड़ रहे हैं। दीदी पर इसका असर होने लगा है और समझा जाता है कि वे मेयर को बदल देने का मन बना चुकी हैं।



ग्राम बांग्ला जीत लेनेके बाद दीदी कोलकाता के विकास पर खास ध्यान देना चाहती हैं। खासकर दक्षिण कोलकाता से वे स्वयं सांसद हैं।दीदी को मेयर बदलने न बदलने से निजी तौर पर कोई फर्कनहीं पड़ता। दक्षिमकोलकता क्या, कहीं सेबी वे चुनावजीत सकती हैं। लेकिन नाररिक सेवाओं की बदहाली का असर आगामी लोकसभा चुनावों में उत्तर कोलकाता में क्या गुल खिलायेगी और हालात न सुधारने पर पार्टी की छवि की क्या गत होगी,इसे लेकर दीदी ज्यादा चिंतित है। वे जीतका म्ंतर कम होना भी देखने के मूड में नहीं हैं।


अब शोभनदेव की इच्छा पूरी करने का यही सही समय है क्योंकि पंचायती जीत से फिलहाल उनके राजनीतिक वर्चस्व को कोई चुनौती देने वाला माई का लाल बंगाल में बचा नहीं है।मजे मजे में वे तश के पत्ते फेंट सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक दीदी वहीं करने जा रहीहैं।


शरारती तत्व कह रहे हैं कि रिलायंस के फोरजी स्पेक्ट्राम परियोजना को लटकाये रखने की मेयर के खिलाफ मुकेश अंबानी ने शिकायत की है और इसलिए शोभनदेव को हटाये बिना चारा नहीं है।



इससे पहले शोभनदेव चट्टोपाध्याय से विवाद के कारण ही तृणमूल सांसद कबीर सुमन  बागी हो गये हैं। वे शोभनदेवको जब तब जलशोभन कहते रहते हैं। सत्ता दल के लिए सुमन लगातार सिरदर्द बने हुए हैं, पार्टी के भीतर उनके विरोधी इन परिस्थितियों के लिे सीधे तौर पर मेयर को हीजिम्मेदार मान रहे हैं। उनकी दलील है कि मेयर हटाये नहीं गये तो ागे भी विद्रोह का सिलसिला जारी रह सकता है।



बहरहाल शोभनदेव विरोधी लाबी बड़े जोर शोर से अतीन घो, की कर्मठता का बखान कर रहे हैं। यह अजीब मामला है कि मेयर खुद हटना चाहते हैं और उन्हें मंत्री बनाने का माहौल रच रहे हैं उउनके विरोधी।


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