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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, August 1, 2013

Dilip Khan ऐवान-ए-ग़ालिब में अर्णब स्टाइल की बहस में शामिल होना सबकी प्राथमिकता में नहीं हो सकता। कल शाम ढलते जब हंस में गोष्ठी की खुमारी उतर रही थी, उससे कुछ घंटे पहले ओडीसा भवन पर अरुंधति अपनी प्राथमिकता का काम करके घर जा चुकी थीं। — with Utpal Anish.

ऐवान-ए-ग़ालिब में अर्णब स्टाइल की बहस में शामिल होना सबकी प्राथमिकता में नहीं हो सकता। कल शाम ढलते जब हंस में गोष्ठी की खुमारी उतर रही थी, उससे कुछ घंटे पहले ओडीसा भवन पर अरुंधति अपनी प्राथमिकता का काम करके घर जा चुकी थीं। — with Utpal Anish.
Unlike ·  ·  · 31 minutes ago · 

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