'बीसवीं सदी में डॉ. अम्बेडकर का सवाल'
नई दिल्ली। हिंदी, अंग्रेजी और मराठी के लब्ध प्रतिष्ठ लेखक सुभाष गाताडे दलित मुद्दों पर अपने तीक्ष्ण जनपक्षधर लेखन के लिए जाने जाते हैं। उनकी हालिया पुस्तक 'बीसवीं सदी में डॉ. अम्बेडकर का सवाल' दख़ल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गयी है।
श्री गाताडे ने इस किताब में अम्बेडकर के विचारों, उनके साथ चल पाने की वाम दलों की असफलता के वजूहात और अम्बेडकरवादी दलों में आये विचलनों पर खुल के लिखा है और साथ में एक बड़े सामाजिक-राजनैतिक-आर्थिक परिवर्तन में डॉ. अम्बेडकर के विचारों की भूमिका पर भी विस्तार से मनन किया है।
दखल प्रकाशन के प्रबंध संपादक अशोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस पुस्तक पर केन्द्रित एक 'लेखक पाठक संवाद' दिनाँक 17 फरवरी को हाल नंबर 18 के राइटर्स कार्नर पर दिन में एक से दो बजे के बीच रखा गया है। कार्यक्रम में सुभाष जी अपनी किताब के चुनिन्दा अंशों का पाठ करेंगे और फिर उस पर खुली बातचीत की जायेगी। उन्होंने बताया कि पुस्तक, पुस्तक मेले में दख़ल प्रकाशन के स्टाल पर होगी। पुस्तक का मूल्य 175/ रुपये है। मेले में यह बीस प्रतिशत छूट के साथ 140/ रुपये में उपलब्ध होगी।
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